क्या आगे भी मिलेगा शेयरों में कमाई का मौका, क्या है बिग बुल की राय

दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला कहते हैं कि भारत एक लंबे वक्त तक जारी रहने वाली आर्थिक ग्रोथ की दहलीज पर खड़ा है.

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विभिन्न ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि कंपनी के प्रमोटर बदलने से इस शेयर की रि-रेटिंग हो सकती है. जी के लिए कॉरपोरेट गवर्नेंस का मुद्दा अहम है. हालांकि, इसके डायरेक्टरों और प्रमोटरों को हटाए जाने से हालात में परिवर्तन आ सकता है. जी एक बड़ा ब्रांड है और इसका नेटवर्क भी बहुत बड़ा है, लेकिन प्रबंधन इसके लिए चिंता का सबब है.

विभिन्न ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि कंपनी के प्रमोटर बदलने से इस शेयर की रि-रेटिंग हो सकती है. जी के लिए कॉरपोरेट गवर्नेंस का मुद्दा अहम है. हालांकि, इसके डायरेक्टरों और प्रमोटरों को हटाए जाने से हालात में परिवर्तन आ सकता है. जी एक बड़ा ब्रांड है और इसका नेटवर्क भी बहुत बड़ा है, लेकिन प्रबंधन इसके लिए चिंता का सबब है.

दिग्गज इनवेस्टर राकेश झुनझुनवाला कहते हैं कि अगर घर पर अच्छा खाना बना हो तो बाहर क्यों जाना. झुनझुनवाला सलाह देते हैं कि इनवेस्टर्स को अमरीका की बजाय भारतीय शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहिए. उनका मानना है कि मार्केट में जारी मौजूदा तेजी लंबे वक्त तक जारी रहेगी.

ग्रोथ की दहलीज पर खड़ा है भारत

उनका कहना है कि भारत एक लंबे वक्त तक जारी रहने वाली आर्थिक ग्रोथ की दहलीज पर खड़ा है. CNBC TV18 को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि रेरा (RERA), जनधन, माइनिंग लॉ और फार्म लॉ समेत दूसरे रिफॉर्म्स से अर्थव्यवस्था को सपोर्ट मिलेगा.

डिजिटलीकरण, अच्छा मॉनसून और पूंजी का प्रवाह, ऊंची केपेक्स साइकिल, मजबूत सेविंग के साथ बढ़ती प्रति व्यक्ति आमदनी से भारतीय इक्विटी मार्केट को और मजबूती मिलेगी.

झुनझुनवाला ने कहा, “भारत की प्रति व्यक्ति आमदनी 2,300 डॉलर को पार कर चुकी है और इससे लोगों का खर्च बढ़ेगा. ये पैसा शिक्षा, स्वास्थ्य, एंटरटेनमेंट, खाने-पीने और क्लोदिंग सेक्टरों में जाएगा. कॉरपोरेट सिस्टम में भी डेट काफी लो लेवल पर है.”

यूएस फेड और भारतीय बाजार में गिरावट

बिग बुल के नाम से मशहूर झुनझुनवाला को नहीं लगता कि पिछले हफ्ते मार्केट में आई गिरावट की इकलौती वजह यूएस फेड की टिप्पणी थी.

वे कहते हैं, “मुझे 2023 से पहले यूएस फेड की कोई नीतिगत सख्ती नहीं दिखाई देती. इंटरनेशनल मार्केट में कुछ तेजी है और इसमें गिरावट जरूरी है.”

मार्केट को लेकर राय

रिकॉर्ड लेवल पर चल रहे BSE मिडकैप और BSE स्मॉलकैप के बारे में झुनझुनवाला कहते हैं कि तेजी एकजैसी नहीं होगी और इसमें कुछ गिरावट भी रहेगी. उन्होंने कहा, “भारतीय मार्केट में कुछ शॉर्ट-टर्म गिरावट दिखाई दे सकती है, लेकिन बुल रन जारी रहेगा.”

कोविड की तीसरी लहर

झुनझुनवाला कहते हैं कि जिस रफ्तार से वैक्सीनेशन चल रहा है उसे देखते हुए कोविड की कोई तीसरी लहर नहीं होगी. वे कहते हैं, “मुझे नहीं लगता कि कोई तीसरी लहर आएगी.”

कहां दांव लगाएं?

झुनझुनवाला का मानना है कि कमोडिटी सुपरसाइकिल अभी बस शुरू ही हुआ है और ये अभी कम से कम 6-7 साल जारी रहेगा.

वे कहते हैं, “मैं अर्निंग्स और वैल्यूएशन के संबंध में मेटल स्टॉक्स को लेकर बेहद बुलिश हूं. स्टील स्टॉक्स की वैल्यू अर्निंग्स के 5 गुने पर है.”

हेल्थकेयर, फार्मा, बैंक

झुनझुनवाला PSU और हेल्थकेयर कंपनियों पर भी बुलिश हैं. उन्हें लगता है कि सरकार विनिवेश को लेकर काफी गंभीर है. वे कहते हैं, “सरकार मजबूत इरादे के साथ खड़ी है और मैं बैंक और कमजोर माने जा रहे बैंकों को लेकर भी बुलिश हूं. आपको अर्निंग्स में तेज इजाफा दिखाई दे सकता है.”

हेल्थकेयर के बारे में उन्होंने कहा कि भारत में हेल्थकेयर कंजम्पशन ऊपर जाएगा और भारत दुनिया के सबसे बड़े फार्मा केंद्रों में शुमार हो जाएगा. इस दिशा में देश को एक लंबा सफर तय करना है.

झुनझुनवाला कहते हैं, “अमरीका में इस्तेमाल होने वाली 40% दवाइयां भारतीय फार्मा सेक्टर की हैं. इसके अलावा घरेलू मांग भी काफी तगड़ी है.”

निवेशकों को सलाह

वे निवेशकों को सलाह देते हैं कि उन्हें मार्केट की टाइमिंग को पकड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और हर महीने कुछ पैसा शेयरों में लगाना चाहिए. इनवेस्टर्स को प्रोफेशनल मैनेजरों से भी सलाह लेनी चाहिए.

Published - June 21, 2021, 07:04 IST