जोमैटो का मार्केट कैपिटलाइजेश (Zomato market capitalisation) 1 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, लेकिन अब निवेशक संशय में हैं कि नुकसान उठाने वाले इस तेजी से आगे बढ़ती कंपनी में निवेश करें या नहीं. मशहूर निवेशक राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) की नजर में लोगों का कंपनी की ओर रुझान एक उन्माद “ट्यूलिप मैनिया” जैसा है.
झुनझुनवाला ने बीते सप्ताह जोमैटो को लेकर बयान दिया था, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि नई लिस्टेड कंपनी ने कितनी वैल्यूएशन हासिल की है. दुनिया ने इस डिजिटल बदलाव को हाथों हाथ लेते हुए बहुत ज्यादा वैल्यूएशन दी है. मेरे विचार से ऐसी वैल्यूएशन लंबे वक्त तक नहीं टिकी रहती है.”
शुक्रवार को BSE पर Zomato के शेयर (Zomato Stocks) 136.90 रुपये पर कारोबार कर रहे थे. इनमें 3.39% या 4.80 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि, गुरुवार के सेशन में Zomato का शेयर (Zomato Stocks) 142.25 रुपये पर बंद हुआ. अपने 76 रुपये के इश्यू प्राइस से इसमें 87.17 फीसदी की उछाल गुरुवार को कारोबार के खत्म होने तक आ चुकी थी.
ऑनलाइन फूड डिलीवरी फर्म Zomato ने 23 जुलाई को शेयर बाजार में जोरदार शुरुआत करते हुए पहले ही दिन इश्यू प्राइस के मुकाबले 66% की उछाल दर्ज की थी.
ब्रोकरेज हाउस क्यों हैं बुलिश?
झुनझुनवाला के बयानों के उलट Zomato के ग्लोबल और लोकल ब्रोकरेज में तेजी दर्ज की जा रही है. हाल में जारी रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल ब्रोकरेज UBS ने कंपनी का प्राइस टारगेट 164 रुपये तय किया है.
भारत में दो प्रमुख कंपनियां फूड डिलीवरी मार्केट में तेजी से ग्रोथ कर रही हैं. विदेशी फर्म का मानना है कि Zomato सालाना 40% से अधिक रेवेन्यू हासिल करेगी और इसे इस क्षेत्र की सबसे तेजी से बढ़ती इंटरनेट कंपनियों में से एक बनेगी.
UBS की रिपोर्ट के मुताबिक, “2020 में ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऐप्स ने वैश्विक स्तर पर जो बढ़त हासिल की है, उसके पीछे कई दूसरे कारण हैं. जैसे छोटा फैमिली साइज, खाना बनाने की तुलना में मंगाने में लगने वाला कम वक्त, बढ़ती संपन्नता आदि. इसके चलते भारत में ऑनलाइन मार्केट का बाजार को बढ़ावा मिला है.”
तीन कारण
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म ने साल 2021 में तीन प्रमुख बिंदुओं को हाइलाइट करते हुए कहा कि इनकी बदौलत Zomato सकारात्मक इजाफा करते हुए प्रॉफिट दर्ज करेगी. सबसे पहले, प्री-कोविड के दौर की तुलना में कंपनी के औसत ऑर्डर वैल्यू में इजाफा दर्ज हुआ है, जो 250-270 से बढ़कर 350-400 रुपये हो गया है. दूसरा, डिस्काउंट को 8 फीसदी से गिराकर 2 से 3 फीसदी कर दिया गया है. तीसरा और आखिरी डिलीवरी चार्ज का बोझ कंज्यूमर के कंधों पर डाल दिया गया है. (10-20 रुपये से लेकर 30-40 रुपये तक).
लोकल ब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशियल्स (JM Financials) भी Zomato को लेकर उत्साहित है. उसने इस शेयर का कवरेज शुरू कर दिया है. जिसका प्राइस टारगेट 170 रुपये है, जो कि 28% की वृद्धि है.
इसका मानना है कि Zomato अपने बाजार की काफी बेहतर स्थिति में है, मजबूत बैलेंस शीट और वैल्यू चैन में अलग-अलग पेशकशों के चलते फूड डिलीवरी इको सिस्टम में बड़े विकास के अवसर का फायदा उठाने के लिए तैयार है.
कंपनी हाइपरलोकल डिलीवरी वर्टिकल में ग्रोथ के अवसर को भुनाने के लिए अच्छी स्थिति में मौजूद है. हमारा मानना है कि Zomato को लॉन्ग टर्म पूर्वाग्रह के साथ महत्व दिया जाना चाहिए, बाजार में एक तरफा पकड़ होने के कारण निकट आने वाले वक्त में अपने फाइनेंशियल घाटे को पाटने का काम करेगा.
ब्रोकरेज हाउस Zomato को मार्च 30 के अनुसार 11x EV/Adj पर वैल्यू देता है. सेल्स, मौजूदा CY22E EV (एंटरप्राइज वैल्यू)/सेल्स ट्रेडिंग को देखते हुए Doordash इसके सबसे करीबी ग्लोबल प्रतिद्वंदी है.
इसके जैसे ही ग्लोबल फर्म जैफरीज़ काउंटर को लेकर तेजी की उम्मीद करते हुए अनुमान लगा रहा है कि जल्द ही ग्रोथ के साथ मुनाफा भी आएगा. एक अनुमान के मुताबिक, Zomato वित्त वर्ष 2026 में मुनाफे को छू लेगा.
जैफरीज़ डिलीवरी फ्रैंचाइजी को FY26E GMV (ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू), डाइन-आउट/Zomato प्रो को 10x FY26 रेवेन्यू और हाइपरप्योर को 1x FY26E रेवेन्यू पर वैल्यू दे रही है. इसे वापस छूट देने के बाद ग्लोबल फर्म 170 रुपये के 12 महीने के मूल्य लक्ष्य पर पहुंची है. स्टॉक 20x FY23 EV/सकल बिक्री पर कारोबार करेगा और फूड डिलीवरी बिजनेस में 5.7x GMV का संकेत देगा.
(डिस्क्लेमर: इस कहानी में सिफारिशें संबंधित शोध और ब्रोकरेज फर्मों द्वारा बताई गईं हैं. Money9 और मैनेजमेंट उनकी निवेश सलाह के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं उठाता है. निवेश करने से पहले कृपया अपने निवेश सलाहकार से सलाह जरूर लें)