2 दिन में 34 गुना सब्स्क्राइब हुआ Paras Defence IPO, जानिए कितना है ग्रे मार्केट प्रीमियम

Paras Defence IPO: एक्सपर्ट कहते हैं कि इश्यू साइज बहुत ही छोटा है इसलिए बिडर्स को IPO में अलॉटमेंट मिलना मुश्किल है.

Aditya Birla AMC:

डिजिटल सेवा को चलाने वाला एक केंद्र कॉमन सर्विस सेंटर कहलाता है. यह हर महीने लगभग 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय लेनदेन करता है.

डिजिटल सेवा को चलाने वाला एक केंद्र कॉमन सर्विस सेंटर कहलाता है. यह हर महीने लगभग 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय लेनदेन करता है.

Paras Defence IPO: डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज सेक्टर की कंपनी Paras Defence के IPO को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है. यह IPO पहले ही दिन 16 गुना से ज्यादा सब्स्क्राइब हो गया और दूसरे दिन भी इसके लिए निवेशकों ने जमकर आवेदन किया हैं. 21 सितंबर को यह इश्यू ओपन हुआ था. 23 सितंबर को यह बंद होगा. पहले दिन बोली लगाने के बाद मिनटों में पूरी तरह से सब्सक्राइब हो गया था. डिफेन्स कंपनी का लक्ष्य इस सार्वजनिक निर्गम से 171 करोड़ रुपये जुटाना है, जिसमें से 140.6 करोड़ रुपये का लक्ष्य फ्रेश शेयर इश्यू के माध्यम से है जबकि 30 करोड़ रुपये का लक्ष्य OFS (ऑफर फोर सेल) के माध्यम से है.

जानिए IPO से जुड़ी ये बातें

IPO ओपन हुआः 21 सितंबर, 2021
IPO बंद होगाः 23 सितंबर, 2021
प्राइस बैंडः 165 रुपये से 175 रुपये प्रति शेयर
मार्केट लॉट साइजः 85 शेयर्स
इश्यू साइजः 170.78 करोड़ रुपये
फ्रेश शेयर्सः 140.60 करोड़ रुपये
ऑफर फॉर सेलः 30.18 करोड़ रुपये

सब्सक्रिप्शन

कंपनी के 71.40 लाख इक्विटी शेयरों के बदले 11.82 करोड़ शेयरों की बोली पहले दिन लग चुकी है. 20 सितंबर को कंपनी ने एंकर इनवेस्टर्स से 51.23 करोड़ रुपए जुटाए थे. पहले दिन इसके लिए 16 गुना सब्सक्रिप्शन दर्ज किया गया था और मंगलवार को दोपहर 3 बजे तक 34.90 गुना सब्सक्रिप्शन प्राप्त हुआ हैं. रिटेल कैटेगरी 61.11 गुना सब्सक्राइब हुई हैं, वहीं क्वालीफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) केटेगरी में 1.53 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व हिस्सा 17.58 गुना सब्सक्राइब हुआ हैं.

ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP)

ग्रे मार्केट में Paras Defence के शेयर्स के लिए 225-235 रुपये का प्रीमियम चल रहा है. कल इसके लिए 200-210 रुपये का GMP था. जब से ये शेयर ग्रे मार्केट में ट्रेड के लिए उपलब्ध है तब से 150 रुपये से उपर ही ट्रेड हो रहा है.

बुलिश सेंटिमेंट

एक्सपर्ट कहते हैं कि इश्यू साइज बहुत ही छोटा है इसलिए बिडर्स को IPO में अलॉटमेंट मिलना मुश्किल है. सरकार की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेन्टिव (PLI) स्कीम और ड्रोन टेक्नोलॉजी के लिए जारी किए गए नए नियम से कंपनी के प्रति सेंटिमेंट में सुधार देखा गया हैं. पारस डिफेन्स की प्रोडक्ट लाइन मजबूत हैं और कस्टमर भी सिक्यॉर और स्टेबल हैं.

IPO का उद्देश्य

Paras Defence IPO से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल अपनी कामकाजी जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगी. इसका कुछ हिस्सा कर्ज के प्री-पेमेंट्स में जाएगा. बाकी रकम कारोबारी कामकाज में खर्च किया जाएगा. इस कंपनी के प्रमोटर शरद विरजी शाह और मुंजाल शरद शाह हैं. कंपनी इस फंड का इस्तेमाल नवी मुंबई के नेरुल वाले प्लांट के विस्तार पर करेगी.

क्या है जोखिम?

कंपनी की वित्तीय रिपोर्ट पर नजर डालें तो इसका ट्रैक रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं है. चॉइस ब्रोकिंग के मुताबिक, फिस्कल ईयर 2018 से 2021 तक कंपनी का प्रॉफिट 14.4% CAGR से गिरता रहा है. जबकि इस दौरान कंपनी की आमदनी 1.3% CAGR से गिरा है. इस दौरान EBITDA मार्जिन 26-30% तक रहा.

पिछले 4 फिस्कल ईयर में से दो बार कंपनी का ऑपरेटिंग कैश फ्लो नेगेटिव रहा. इस दौरान फाइनेंशियल लाइबिलिटीज 15.6% CAGR से बढ़ा है. हालांकि इस दौरान अच्छी बात ये रही कि डेट-टू-इक्विटी रेशियो घटा है यानी कंपनी ने अपना कर्ज कम किया है.

R&D क्षमता काफी अच्छी

दूसरी तरफ देखें तो कंपनी की R&D क्षमता काफी अच्छी है. सरकार के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट पर जोर और डिफेंस सेक्टर को अधिक बजट आवंटन कंपनी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. साथ ही ड्रोन को लेकर आई PLI स्कीम से भी कंपनी को फायदा मिल सकता है.

जानकारों को कहना है कि IPO के छोटे साइज, अच्छी वैल्यूएशन और डिफेंस सेक्टर पर कंपनी के फोकस को देखते हुए इस IPO में कई गुना बोलियां देखी जा सकती हैं. Paras Defence उन चुनिंदा कंपनियों में से एक है जो डिफेंस और स्पेस रिजर्स सेक्टर को कस्टमाइज्ड प्रोजेक्ट्स मुहैया कराती है.

नवी मुंबई और थाणे में कंपनी की दो अत्याधुनिक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट है. कंपनी की शुरुआत 2009 में हुई थी और पिछले 12 साल में इसने इंडिया के स्पेस और डिफेंस सेक्टर में कामयाबी से अपनी पहचान बनाई है.

Published - September 22, 2021, 04:21 IST