बैंकिंग स्टॉक में इस तरह कमा सकते हैं मुनाफा

मिडकैप इंडेक्स 45% और स्मॉलकैप इंडेक्स 56% ऊपर है. पेनी स्टॉक इंडेक्स भी 150% ऊपर है तो, इस तरह पिछले एक साल में पैसा कमाना काफी आसान हो गया.

Ganesh Chaturthi, Nifty, Sensex, share market news, share market today, Stock Market

बैंक शेयरों को लेने का सबसे अच्छा समय है. हम अपनी GDP को 7-8% की स्थिर गति से नहीं बढ़ा सकते हैं और बैंकिंग सेक्टर पार्टिसिपेट नहीं कर रहा है

बैंक शेयरों को लेने का सबसे अच्छा समय है. हम अपनी GDP को 7-8% की स्थिर गति से नहीं बढ़ा सकते हैं और बैंकिंग सेक्टर पार्टिसिपेट नहीं कर रहा है

Buy Banking Stocks: पिछले कुछ महीनों से सेंसेक्स मानों अपने ही रिकॉर्ड ब्रेक करने के लिए भाग रहा है. पिछले एक साल में, इनडेक्स ने YTD (ईयर टू डेट) बेसिस पर 61.5% और 24% की ग्रोथ की है. आपको ये सुनकर यकीन नहीं होगा – अगर आपने 3 अप्रैल, 2020 को इंडेक्स में पैसा लगाया होता, तो आज ये लगभग 114% बढ़ जाता. पिछले 12 महीनों में पैसा कमाना मानों बहुत ही आसान रहा है. YTD आधार पर जहां सेंसेक्स 24% ऊपर है, वहीं मिडकैप इंडेक्स 45% और स्मॉलकैप इंडेक्स 56% ऊपर है. पेनी स्टॉक इंडेक्स भी 150% ऊपर है तो, इस तरह पिछले एक साल में पैसा कमाना काफी आसान हो गया.

हालांकि, एक सेक्टर जो पिछड़ गया है, वो है प्राइवेट बैंक, जो इस साल केवल 17% ऊपर हैं, ये बेंचमार्क की तुलना में 7% कम है. एक बारीक एनालिसिस थोड़ी अलग तस्वीर पेश कर रही है.

कोटक महिंद्रा बैंक का स्टॉक लगभग फ्लैट है, कुछ हफ्तों में शुरुआती उछाल के बाद HDFC बैंक और इंडसइंड बैंक का भी यही हाल है.

अधिकांश रिटर्न एक ही स्टॉक – ICICI बैंक में मिलते दिखा. कुछ PSU बैंकों ने बड़े अंतर से प्राइवेट बैंकों से बेहतर प्रदर्शन किया है.

प्राइवेट बैंक परफॉर्म क्यों नहीं कर रहे हैं?

a) कम क्रेडिट ग्रोथ: सिस्टमेटिक क्रेडिट ग्रोथ 5-6% के स्तर पर बनी हुई है. इसका एक प्रमुख कारण प्राइवेट सेक्टर के कैपेक्स में कमी है.

पिछली पांच या उससे अधिक तिमाहियों में, अधिकांश कंपनियां कॉस्ट-कटिंग मोड में चली गई हैं और ज्यादातर बढ़ी हुई सेविंग का इस्तेमाल कर्ज चुकाने के लिए किया गया है. सिस्टमेटिक लेवल पर, कॉर्पोरेट क्रेडिट ग्रोथ निगेटिव टेरिटरी में बनी हुई है.

सेंक्शन लिमिट के एक बड़े हिस्से का इस्तेमाल नहीं हुआ है. हमारा मानना है कि यह कुछ तिमाहियों में रहेगा जब तक कि क्रेडिट ग्रोथ ट्राजेक्टोरी सही तरीके से आगे नहीं बढ़ती.

b) NPA बढ़ने डर: यह एक वास्तविक डर है, खासकर MSME सेगमेंट से. लगातार दो लॉकडाउन ने वास्तव में मुश्किल हालात पैदा किए हैं.

वर्किंग कैपिटल इश्यू इस सेगमेंट को प्रभावित करते हैं. हालांकि यह इश्यू अभी तक सामने नहीं आया नहीं है, लेकिन आने वाले महीनों में यह सामने आ सकता है.

c) PSU बैंकों के प्रदर्शन में काफी सुधार देखा गया है: पिछली कुछ तिमाहियों में PSU बैंकों ने अपने प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार देखा है. लोन ग्रोथ ट्राजेक्टोरी में काफी सुधार हुआ है. कुछ बड़े PSU अकाउंट से भी रिकवरी हुई है.

d) साइक्लिकल स्टॉक: ये काफी महीनों से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले इस सेगमेंट में इस साल में अब तक 80% की ग्रोथ दिखी. इसका मतलब यह हुआ कि बढ़ी हुई लिक्विडिटी का फ्लो साइक्लिकल स्टॉक की ओर रहा इन और बैंकों को झटका लगा.

एक निवेशक के रूप में, मुझे लगता है कि यह बैंक शेयरों को लेने का सबसे अच्छा समय है. हम अपनी GDP को 7-8% की स्थिर गति से नहीं बढ़ा सकते हैं और बैंकिंग सेक्टर पार्टिसिपेट नहीं कर रहा है.

इसलिए जब सभी लोग इस सेक्टर की अनदेखी कर कर रहे है तो यही सही मौका है इस सेक्टर में निवेश का. इस वक्त का फायदा उठाएं और समझदारी से केवल अच्छी कंपनियों में निवेश करें.

(लेखक एंबिट एसेट मैनेजमेंट में फंड मैनेजर हैं और व्यक्त किए गए विचार उनके निजी हैं)

Published - October 9, 2021, 04:32 IST