लिस्टेड मार्केट काफी रेंज बाउंड मूवमेंट रिखा रहा है, वहीं अनलिस्टेड मार्केट में तेजी का रुख है. रिलायंस रिटेल और चेन्नई सुपर किंग्स जैसे काउंटर की वजह से निवेशकों का आकर्षण अनलिस्टेड मार्केट में बढ़ रहा है.
इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICE), तामिलनाडु मर्केंटाइल बैंक, टाटा टेक्नोलॉजीज और HDFC सिक्यॉरिटीज के शेयर्स भी सबसे ज्यादा ट्रेडिंग वाले शेयरों की लिस्ट में शामिल हैं.
कुछ NBFC कंपनियों को छोड़कर, अधिकांश अनलिस्टेड शेयर निवेशकों को अपनी और खींच रहे हैं. Zomato, PolicyBazaar और फाइव स्टार बिजनेस फाइनेंस जैसी यूनिकॉर्न कंपनियों (जिनकी मार्केट वैल्यू 100 करोड़ रुपये से अधिक है) के अनलिस्टेड शेयर खरीदने के लिए निवेशक काफी पूछताछ भी कर रहे हैं, लेकिन अभी अनलिस्टेड मार्केट में फाइव स्टार बिजनेस फाइनेंस के ही शेयर उपलब्ध हैं.
अनलिस्टेड मार्केट के जिन शेयर्स का आकर्षण बना हुआ है उनमें चेन्नई सुपर किंग्स, HDB फाइनेंशियल सर्विसेज, हीरो फिनकॉर्प के नाम शामिल हैं क्योंकि इन शेयरों की कीमतों में ऊपरी स्तर से काफी करेक्शन यानी गिरावट आई है.
रिलायंस रिटेल ने दिया तगड़ा रिटर्न
हाल में अपने तिमाही नतीजों का ऐलान करने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की रिटेल कंपनी रिलायंस रिटेल के अनलिस्टेड शेयरों का भाव 1,750-1,800 रुपये की रेंज में बना हुआ है. इस हिसाब से कंपनी की वैल्यू 8 लाख करोड़ रुपये से भी ऊपर पहुंच गई है.
जनवरी 2020 से अब तक रिलायंस रिटेल के अनलिस्टेड शेयरों के भाव तीन गुना बढ़ चुके हैं, वहीं एक महीने में इनसे 12% से ज्यादा रिटर्न मिला है.
चेन्नई सुपर किंग्स की धमाकेदार बैटिंग
कोविड-19 महामारी की वजह से IPL टूर्नामेंट रद्द होने के बाद चेन्नई सुपर किंग्स के अनलिस्टेड शेयर्स में थोड़ी गिरावट आई थी और भाव 68 रुपये तक चले गए थे. लेकिन इसके भाव फिर से 71-73 रुपये की रेंज में आ गए हैं.
इस हिसाब से उसकी मार्केट वैल्यू 2,500 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. 2018 में कंपनी के शेयर 14-15 रुपये में मिल रहे थे, जो 80 तक चले गए थे. इस हिसाब से 3 साल में इस काउंटर ने 400% से ज्यादा रिटर्न दिया है.
कैसे करें अनलिस्टेड मार्केट में ट्रेडिंग
प्री-IPO और अनलिस्टेड शेयरों में डीलिंग करने वाली कंपनी UnlistedArena.com के फाउंडर अभय दोशी समझाते हैं कि अगर आप अनलिस्टेड मार्केट में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो कम से कम 40,000-50,000 रुपये से शुरुआत कर सकते हैं.
अनलिस्टेड शेयर्स का लॉट साइज डीलर और स्क्रिप पर निर्भर करता है. इसमें ट्रेड करने के लिए डीलर का होना जरूरी है. डीलर की भूमिका फैसिलिटेटर की है. लिस्टेड शेयर की तरह खरीदे गए अनलिस्टेड शेयर भी आपके DP होल्डिंग्स में दिखते हैं. डीलर आपको जो भाव बताता है उसमें डीलर का कमीशन शामिल होता है.
अनलिस्टेड मार्केट लीगल है?
हां, अनलिस्टेड मार्केट में कामकाज लीगल है. अनलिस्टेड मार्केट को प्री-IPO मार्केट भी कहा जाता है. इसमें IPO से पहले डीलिंग होती है और शेयर की वास्तविक डिलिवरी मिलती है. पेमेंट भी बैंकिंग चैनल से होता है और शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर होते हैं.
टैक्स भी लगता है
अनलिस्टेड शेयर यदि 2 साल तक रखे होंगे तो 10 फीसदी लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है और यदि कम समय के लिए ट्रेडिंग करते है तो शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स इन पर लगता है.