इंडियन होटल्स (Indian Hotels) के मुताबिक वित्त वर्ष 18(FY18) में मैनेजमेंट कॉन्ट्रैक्ट होटल (management contract hotels) के तहत अपने कुल पोर्टफोलियो में बिना मालिकाना हक वाली प्रॉपर्टी का जो हिस्सा 33% था, वो अब बढ़कर 46% हो गया है. कोविड 19 के प्रभाव से जूझते सभी क्षेत्रों में व्यवसायों ने कारोबार को बढ़ाने के लिए नई योजनाओं को लागू किया है. ऐसा ही एक उदाहरण है इंडियन होटल्स कंपनी (Indian Hotels Company) का, जो जानेमाने हॉस्पिटैलिटी ब्रांड ताज होटल्स (Taj Hotels) के मालिक हैं. कंपनी ने एक एसेट-लाइट मॉडल अपनाया है जिसमें ये एसेट्स का मालिकाना हक नहीं रखते, उनको सिर्फ मैनेज करते हैं.
हाल ही में आयोजित एनालिस्ट्स की एक मीटिंग में प्रबंधन ने कहा कि वित्त वर्ष 18(FY18) में, मैनेजमेंट कॉन्ट्रैक्ट होटल (management contract hotels) के तहत उन्होंने अपने कुल पोर्टफोलियो में बिना मालिकाना हक वाली प्रॉपर्टी का हिस्सा 33% से बढ़ाकर 46% कर दिया है.
यही नहीं वे इसे 50% तक ले जाने का लक्ष्य रखते हैं. इनकी मौजूदा पाइपलाइन में लगभग 78% होटल मैनेजमेंट कॉन्ट्रैक्ट के अंदर आते हैं और केवल 6% मालिकाना है. वर्तमान में, मैनेजमेंट कॉन्ट्रैक्ट (management contracts) से ये 220 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जुटा रहे हैं, जिसे कंपनी 350 करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य रखती है. साथ ही इनका लक्ष्य नॉन कोर एसेट्स (non-core assets) को मैनेज करते हुए कर्ज को महामारी से पहले के दिनों के बराबार लाना है और इससे पूंजी पर मीडियम से लॉंग टर्म में बेहतर रिटर्न पाने की भी उम्मीद है.
शेयरखान, रेटिंग बाई, प्राईज टार्गेट 182 रुपये, अपसाईड 21%
एसेट-लाइट मॉडल(asset-light model) और कारोबारी माहौल में रिकवरी पर फोकस, IHCL को FY2023 में पूर्व-कोविड स्तरों के लगभग 80% तक रिकवरी में मदद करेगा. FY2022 में, कंपनी बिना किसी बड़े पूंजी निवेश के अपनी बैलेंस शीट की सेहत पर ध्यान दे रही. स्टॉक वर्तमान में 25x पर कारोबार कर रहा है (FY2023E EV/EBIDTA (Enterprise Value to Earnings before interest depreciation tax and amortization). व्यवसाय के मूल सिद्धांतों में किसी भी तरह का सुधार और योजना के मुताबित ऋण में कमी आने से, स्टॉक को फिर से रेट किया जाएगा.
नई अनलॉक थीम में स्थिर बैलेंस शीट, स्ट्रांग रूम इन्वेंट्री और ब्रांड पहचान की वजह से ये सबसे बेहतर विकल्प माना जा रहा है.
आनंद राठी, रेटिंग बाई, प्राईज टार्गेट 175 रुपये, अपसाइड 17%
कंपनी का मानना है कि टीकाकरण की रफ्तार के चलते वित्त वर्ष 2023 में मांग पूरी तरह से बढ़ने की उम्मीद है. ये पिछले 1-2 सालों में शुरू किए गए अपने नए ब्रांड्स और व्यवसायों पर ध्यान देते हुए उनका विस्तार करना चाहते हैं और अगले 2-3 सालों में इन व्यवसायों से 10% रेवेन्य (~50-80% EBITDA flow-through) की उम्मीद रखते है. इन्होंने एसेट लाइट मॉडल(asset-light) से कमाए जाने वाले रेवेन्यू की बढ़ोत्तरी पर फोकस किया है जो RoCEs (Return on Capital Employed) को बढ़ाने में मदद करेगा. कोविड -19 महामारी के प्रभाव कम होने पर, आनंद राठी को उम्मीद है कि ये भारतीय होटल के क्षेत्र में अपने प्रभुत्व, उत्कृष्ट ब्रांड इक्विटी(brand equity) और व्यावसायिक क्षेत्रों में अपने विविध पोर्टफोलियो के चलते दूसरों को पछाड़ देगा.
(डिस्क्लेमर: इस स्टोरी में सिफारिशें संबंधित शोध और ब्रोकरेज फर्म द्वारा हैं. मनी 9 और उसका प्रबंधन उनकी निवेश सलाह के लिए कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेते हैं. कृपया निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार से परामर्श लें.)