Tata Motors Stocks: टाटा मोटर्स के शेयर गिरे औंधे मुंह, जानिए क्या है वजह

Tata Motors: सेमीकंडक्टर की सप्लाई में आई अड़चनों के चलते JLR की सेल्स घटी है. इसके चलते ग्लोबल ऑटो इंडस्ट्री के सामने मुश्किलें पैदा हुई हैं.

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Land Rover website: S&P Global Ratings ने कहा है कि क्रेडिटवॉच से संकेत मिलता है कि हम इन टाटा ग्रुप कंपनियों और होल्डिंग कंपनी टाटा संस के बीच के रिश्तों, टाटा संस से मिलने वाले सपोर्ट का फिर से आकलन कर सकते हैं

Land Rover website: S&P Global Ratings ने कहा है कि क्रेडिटवॉच से संकेत मिलता है कि हम इन टाटा ग्रुप कंपनियों और होल्डिंग कंपनी टाटा संस के बीच के रिश्तों, टाटा संस से मिलने वाले सपोर्ट का फिर से आकलन कर सकते हैं

Tata Motors Stocks: मंगलवार को टाटा मोटर्स (Tata Motors) के शेयर मंगलवार को तेज गिरावट का शिकार हुए. शुरुआती कारोबार में कंपनी के शेयरों में तेजी थी, लेकिन बाद में इसके शेयर 8 फीसदी से ज्यादा गिरावट के साथ बंद हुए. भारी बिकवाली के चलते कारोबार के अंत में BSE पर टाटा मोटर्स (Tata Motors) के शेयर 8.41 फीसदी गिरावट के साथ 316.95 रुपये पर बंद हुए हैं.

NSE पर 8.43% गिरकर बंद 

कारोबार की शुरुआत में टाटा मोटर्स (Tata Motors) के शेयर चढ़कर खुले और ये 3.48% चढ़कर 358.10 रुपये पर पहुंच गया. लेकिन, बिकवाली शुरू होने के बाद ये 9.99 फीसदी के साथ दिन के सबसे निचले स्तर 311.45 रुपये पर पहुंच गया.

NSE पर कंपनी का शेयर 316.90 रुपये पर बंद हुआ और इसमें 8.43 फीसदी की गिरावट रही.

वॉल्यूम के लिहाज से BSE पर टाटा मोटर्स (Tata Motors) के 73.77 लाख शेयरों की खरीद-फरोख्त हुई, जबकि NSE पर ये आंकड़ा 16.40 करोड़ का रहा.

सेल्स के आंकड़े

टाटा मोटर्स (Tata Motors) के मालिकाना हक वाली जगुआर लैंड रोवर (JLR) ने मंगलवार को जानकारी दी है कि 30 जून को खत्म पहली तिमाही में इससे एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले उसकी रिटेल सेल्स 68 फीसदी बढ़कर 1,24,537 यूनिट रही है.

कंपनी ने वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल से जून तिमाही में 74,067 यूनिट गाड़ियां बेची थीं.

चिप की कमी

हालांकि, होलसेल्स में डिमांड कम रही है और ऐसा सेमीकंडक्टर की सप्लाई में आई अड़चनों के चलते रहा है. इसके चलते ग्लोबल ऑटो इंडस्ट्री के सामने मुश्किलें पैदा हुई हैं. JLR ने एक बयान में इस बात का जिक्र किया है.

कंपनी ने कहा है कि चिप की शॉर्टेज को लेकर इस वक्त कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है.

कंपनी ने कहा है कि सप्लायर्स से मिले हालिया इनपुट्स के आधार पर उसे उम्मीद है कि सितंबर 2021 तिमाही में चिप सप्लाई शॉर्टेज पहली तिमाही के मुकाबले ज्यादा रहेगी. इसकी वजह से उसका होलसेल वॉल्यूम योजना के मुकाबले 50 फीसदी कम रह सकता है.

कंपनी ने कहा है, “इस माहौल में हमें लग रहा है कि हमारा ऑपरेटिंग कैश आउटफ्लो करीब 1 अरब डॉलर रहेगा और इसमें नेगेटिव EBIT मार्जिन दूसरी तिमाही में देखने को मिल सकता है.”

Published - July 6, 2021, 07:38 IST