दिग्गज इन्वेस्टर राकेश झुनझुनवाला ने टाटा ग्रुप की एक और कंपनी में अपनी हिस्सेदारी कम की है. उन्होंने इस कंपनी में अप्रैल से जून 2021 तिमाही में अपनी हिस्सेदारी घटाई है. टाटा मोटर्स के हालिया जारी किए गए शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक बिग बुल राकेश झुनझुनवाला के पास अब टाटा मोटर्स (Tata Motors) में 1.14 फीसदी हिस्सेदारी है, जो कि मार्च 2021 तिमाही में 1.29 फीसदी थी. उन्होंने अप्रैल से जून तिमाही में टाइटन कंपनी (Titan Company) में भी अपनी हिस्सेदारी पहले की 5.1 फीसदी से घटाकर 4.8 फीसदी कर ली है.
टाटा मोटर्स (Tata Motors) के जून 2021 के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक, राकेश झुनझुनवाला के पास अब टाटा मोटर्स के 3,77,50,000 शेयर हैं. ये आंकड़ा 31 मार्च 2021 तक राकेश झुनझुनवाला के पास मौजूद टाटा मोटर्स (Tata Motors) के शेयरों की संख्या से 50 लाख कम है.
यानी इस दौरान राकेश झुनझुनवाला ने टाटा मोटर्स के 50 लाख शेयरों की बिक्री की है.
उन्होंने ये बिकवाली ऐसे वक्त पर की है जबकि गुजरे दिनों में वे कई दफा टाटा ग्रुप के स्टॉक्स पर अपना भरोसा जता चुके हैं. ET NOW को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “हम अभी भी चंद्रा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप की प्रॉफिटेबिलिटी और शेयरहोल्डर्स को रिटर्न को कमतर आंक रहे हैं.”
स्टॉक का परफॉर्मेंस
जैसे ही ये खबर आई कि राकेश झुनझुनवाला ने टाटा मोटर्स (Tata Motors) में अपनी हिस्सेदारी कम की है. इसके शेयरों में इंट्राडे ट्रेडिंग में 1.68 फीसदी की गिरावट आई. NSE पर टाटा मोटर्स (Tata Motors) का शेयर 2.17 फीसदी गिरकर 302.15 रुपये पर बंद हुआ.
सेल्स के आंकड़े
टाटा मोटर्स (Tata Motors) के मालिकाना हक वाली जगुआर लैंड रोवर (JLR) ने को जानकारी दी थी कि 30 जून को खत्म पहली तिमाही में इससे एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले उसकी रिटेल सेल्स 68 फीसदी बढ़कर 1,24,537 यूनिट रही है.
कंपनी ने वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल से जून तिमाही में 74,067 यूनिट गाड़ियां बेची थीं.
चिप की कमी
हालांकि, होलसेल्स में डिमांड कम रही है और ऐसा सेमीकंडक्टर की सप्लाई में आई अड़चनों के चलते रहा है. इसके चलते ग्लोबल ऑटो इंडस्ट्री के सामने मुश्किलें पैदा हुई हैं. JLR ने एक बयान में इस बात का जिक्र किया है.
कंपनी ने कहा है कि चिप की शॉर्टेज को लेकर इस वक्त कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है.
कंपनी ने कहा है कि सप्लायर्स से मिले हालिया इनपुट्स के आधार पर उसे उम्मीद है कि सितंबर 2021 तिमाही में चिप सप्लाई शॉर्टेज पहली तिमाही के मुकाबले ज्यादा रहेगी. इसकी वजह से उसका होलसेल वॉल्यूम योजना के मुकाबले 50 फीसदी कम रह सकता है.
कंपनी ने कहा है, “इस माहौल में हमें लग रहा है कि हमारा ऑपरेटिंग कैश आउटफ्लो करीब 1 अरब डॉलर रहेगा और इसमें नेगेटिव EBIT मार्जिन दूसरी तिमाही में देखने को मिल सकता है.”