भारतीय इक्विटी बाजार ने निवेशकों की शानदार कमाई कराई है. बाजार में कई ऐसे शेयर हैं जिन्होंने निवेशकों को मालामाल कर दिया है. ऐसा ही एक शेयर है हनीवेल ऑटोमेशन (Honeywell Automation). इस शेयर (Honeywell Automation) में 20 साल पहले जिन निवेशकों ने 35,000 रुपये लगाए थे उनका ये निवेश आज 1.02 करोड़ रुपये हो गया होगा.
हनीवेल ऑटोमेशन (Honeywell Automation) का शेयर जून 2001 में 143.05 रुपये पर था. ये शेयर 20 साल बाद 3 जून 2021 को 29,210% बढ़कर 41,928 रुपये हो गया है. इस शेयर ने निवेशकों को शानदार मुनाफा दिया है.
हनीवेल इलेक्ट्रॉनिक्स इंस्ट्रूमेंटेशन और प्रोसेस कंट्रोल इक्विपमेंट इंडस्ट्री में मार्केट लीडर है. यह उत्पादकता बढ़ाने के साथ घरों और व्यावसायिक परिसरों में सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है.
31 मार्च, 2021 को खत्म चौथी तिमाही में हनीवेल ऑटोमेशन का नेट प्रॉफिट 6.4% गिरकर 104.02 करोड़ रुपये रहा है. ये इससे एक साल पहले की इसी तिमाही में 111.14 करोड़ रुपये था.
गुजरी तिमाही के दौरान कंपनी की कुल आमदनी भी सालाना आधार पर 5.63% घटकर 696.43 करोड़ रुपये रह गई है. हालांकि, कंपनी पिछले पांच वर्षों के दौरान नेट प्रॉफिट में 25% से अधिक सालाना ग्रोथ दर्ज करने में सफल रही है.
बाजार के मौजूदा माहौल को देखते हुए ब्रोकरेज हाउस एडलवाइज सिक्योरिटीज ने हनीवेल ऑटोमेशन (HAIL) को पॉजिटिव रेटिंग दी है. ब्रोकिंग फर्म ने इसके लिए 50,500 रुपये टारगेट रखा है.
ब्रोकरेज हाउस ने कहा है, “हनीवेल ऑटोमेशन की ग्रोथ इस दौरान घटी है और ये दहाई के अंक के करीब रही है. 2020-21 में कमजोर रेवेन्यू इसकी वजह हो सकती है. डिमांड आउलुक अच्छा दिख रहा है. घरेलू बाजार सामान्य हो रहे हैं और इससे कंपनी की ओवरऑल ग्रोथ को मदद मिलेगी.”
दूसरी ओर, ICICI सिक्योरिटीज ने 36,942 रुपये के टारगेट के साथ कंपनी को ‘रेड्यूस’ रेटिंग दी है. ब्रोकरेज ने ऊंची वैल्यूएशन और वर्किंग कैपिटल की मुश्किलों के चलते इस स्टॉक को डाउनग्रेड किया है.
हालांकि, इसमें कहा गया है कि प्रोसेस ऑटोमेशन, बिल्डिंग और साइबर सुरक्षा में डायवर्सिफिकेशन और कंपनी के तकनीकी पोर्टफोलियो में निरंतर सुधार कंपनी को लंबे वक्त में ग्रोथ देंगे.
आनंद राठी शेयर्स और स्टॉक ब्रोकर्स ने हाल ही में लक्ष्य मूल्य घटाकर 45,525 रुपये (पहले 49,281 रुपये) कर दिया है. ब्रोकिंग कंपनी के मुताबिक, हनीवेल का इरादा वेयरहाउस ऑटोमेशन, डिजिटल सुरक्षा, उत्पादकता समाधान जैसे बढ़ते क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का है. उन्होंने आने वाली अवधि की अनिश्चितता के कारण अपने अनुमानों में कटौती की है.