“अगर आप सोते समय पैसा कमाने का कोई रास्ता नहीं ढूंढते हैं, तो आप मरते दम तक काम करते रहेंगे”- वॉरेन बफे
इस कोट्स से हम फाइनेंशियल फ्रीडम की जरूरत को समझ सकते हैं. इसका सीधा सा मतलब है कि आप अपने पैसे को अपने लिए काम पर लगाएं. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको खुद का जीवन चलाने के लिए हमेशा काम करते रहना होगा. वहीं आज की तारीख में बैंकों से मिलने वाले इंट्रेस्ट से भी आपकी समस्याओं का समाधान नहीं निकलने वाला क्योंकि अगर आप महंगाई पर नज़र डाले तो वो भी बैंकों में मिलने वाले सामान्य ब्याज से ऊपर 6.25% (जुलाई 2021 तक) चल रही है.
ऐसे में देखें तो निवेशकों को नुकसान ही हो रहा है, क्योंकि जितना ब्याज उनको फिक्स्ड डिपाजिट (FD) पर मिल रहा है महंगाई उससे तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में यह बिल्कुल क्लीयर है कि सिर्फ बैंक में फिक्स्ड डिपाजिट पर मिलने वाले इंटरेस्ट पर्याप्त नहीं है. ऐसे में निवेशकों को अलग-अलग निवेश के रास्ते तलाशने की जरूरत है जो उन्हें महंगाई को मात देने में मदद कर सके और साथ ही अच्छी वेल्थ क्रिएट कर सके.
क्या शेयर बाजार एक अच्छा विकल्प है?
अगर लॉन्ग टर्म के नज़रिए से देखें तो शेयर बाजार ने निवेश के अन्य सभी विकल्पों से बेहतर प्रदर्शन किया है चाहे वह सोना हो, रियल एस्टेट या डेट इंस्ट्रूमेंट्स हों. अप्रैल 1996 में शुरुआत के बाद से निफ़्टी अपने 1100 के लेवल से आज 2021 में 16,000 के लेवल पर आ गया है. 25 साल के इस सफर के दौरान इंडेक्स ने 12% CAGR का रिटर्न दिया, जबकि गोल्ड इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर रहा है. इसी अवधि के दौरान फिक्स डिपाजिट, PF, किशन विकास पत्र, आदि जैसे अन्य सभी सुरक्षित साधनों पर मिलने वाली ब्याज दर लगातार घट ही रही है.
आपको जान कर हैरानी नहीं होनी चाहिए कि 12% CAGR रिटर्न केवल एक बेंचमार्क निफ़्टी का है. अगर आप में स्किल है तो आप स्टॉक मार्केट से कई गुना मुनाफा बना सकते हैं. उदाहरण के लिए वारेन बफे ने पिछले कुछ वर्षों में 21% वार्षिक रिटर्न हासिल किया है. ऐसा माना जाता है कि धैर्य और सही स्टॉक चयन के साथ 13-15% की सीमा में रिटर्न आसानी से कमाया जा सकता है.
सही समय पर निवेश से मिलेगा ज्यादा मुनाफा
शेयर बाजार में बिताया गया समय एक क्रूशल फैक्टर है. निवेशकों को जिसे जरूर समझना चाहिए. यहां जितनी कम उम्र में आप निवेश करना शुरू करेंगे. आपके लिए उतना ही बेहतर होगा. आपके बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है.
मान लजिए अगर आप 30 साल की उम्र में 12% देने वाले विकल्प में 20,000 रुपये प्रति माह निवेश करना शुरू करते हैं तो कम्पाउंडेड एनुअल रिटर्न के हिसाब से 60 वर्ष की उम्र में आपके पास 7 करोड़ रुपये का फंड होगा. वही अगर आप 40 साल की उम्र में 12% CAGR योजना में निवेश करना शुरू करते हैं तो आपको 7 करोड़ रुपये जमा करने के लिए 70,000 रुपये प्रति माह का निवेश करना होगा.
फाइनेंशियली फ्रीडम हासिल करना एक व्यक्ति को उसकी अपनी पसंद का जीवन जीने और सभी चीजों को ले जाने में मदद करता है. क्योंकि मरते दम तक काम करना बहुत बुद्धिमानी भरा विकल्प नहीं है.
(लेखक- Teji Mandi के CIO हैं. लेख में व्यक्त की गई राय निजी है.)