SREI Infrastructure Finance Shares Tumbled: रिजॉल्यूशन प्रक्रिया का सामना कर रही SREI इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस और SREI इक्विपमेंट फाइनेंस पर 29,000 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक सुविधाओं के साथ 28,000 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण दायित्व है. इतने बड़े ऋण दायित्व को लेकर शासन और भुगतान चूक पर चिंताओं का हवाला देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने दोनों कंपनी के बोर्ड को हटा दिया है. इस गतिविधि के कारण SREI इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस के शेयरों में मंगलवार को 5 फीसदी की गिरावट आई.
रिजर्व बैंक ने कंपनी के बोर्ड के साथ-साथ SREI इक्विपमेंट फाइनेंस को भी शासन और भुगतान चूक पर चिंताओं का हवाला देते हुए हटा दिया, जिस कारण कंपनी के स्टॉक में गिरावट दर्ज हुई है. BSE पर स्टॉक 5 फीसदी की गिरावट के साथ 8.17 रुपये पर पहुंच गया. NSE पर, यह इसकी लोअर सर्किट 4.65% गिरकर 8.20 रुपये पर आ गया.
रिजर्व बैंक ने सोमवार को गवर्नेंस और भुगतान चूक पर चिंताओं का हवाला देते हुए SREI इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस के साथ-साथ SREI इक्विपमेंट फाइनेंस के बोर्ड को भी हटा दिया और दोनों NBFCs के रिजोल्युशन के लिए इनसॉल्वेंसी कानून के तहत कार्यवाही करने का फैसला किया है.
पिछले कुछ सालों में यह केवल दूसरी बार है जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत समाधान प्रक्रिया के लिए संस्थाओं को संदर्भित कर रहा है, इससे पहले 2019 में DHFL के मामले में इस तरह का पहला कदम उठाया गया था.
संकटग्रस्त SREI इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड (SIFL) और SREI इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड (SEFL) के बोर्डों को हटाते हुए, RBI ने बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक रजनीश शर्मा को दो कंपनियों के मामलों के प्रबंधन के लिए प्रशासक नियुक्त किया है.
SREI समूह के प्रवक्ता ने कहा कि RBI के इस कदम से SIFL “हैरान” है क्योंकि बैंक नियमित रूप से नवंबर 2020 से नियंत्रित एस्क्रो खाते से धन का विनियोग कर रहे हैं, और प्रवक्ता ने कहा कि इसके वकीलों द्वारा सलाह के अनुसार आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
एक बयान में, RBI ने कहा कि उसने “SREI इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड (SIFL) और SREI इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड (SEFL) के बॉर्ड ऑफ डिरेक्टर्स को हटा दिया है. कंपनियों द्वारा अपने विभिन्न भुगतान दायित्वों को पूरा करने में शासन की चिंताओं और चूक के कारण यह कदम उठाया गया है.”