किताबों की दुनिया में खोये रहने वाले सौम्या मलानी को इसी में मिल गया कमाई का मंत्र. कोलकाता में एक मारवाड़ी परिवार में जन्में सौम्या को स्कूली दिनों में भी किताबें ही पार्टियों से ज्यादा लुभावनी लगती थीं. वे कहते हैं, “21 साल की उम्र में भी मैं निवेश करने में 10 साल पीछे हो गया था.” इनकी बातों में आपको ये जरूर समझ आ जाएगा कि ये हैं निवेश के मंझे हुए खिलाड़ी.
मलानी उच्च मध्यम परीक्षा में राज्य में टॉपर रहे हैं. फिर उन्होंने CA और CS में देश के टॉपर्स में रैंकिंग हासिल की. लेकिन, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अकाउंटिंग एंड फाइनेंस में MSc पूरा करने के लिए उन्होंने ये कोर्स बीच में ही छोड़ दिए.
मलानी का मानना है कि बड़ा वेल्थ जुटाना है तो जिंदगी के शुरुआती दिनों में पढ़ाई पर फोकस करना जरूरी है. “अगर आपको जल्द ही अमीर बनना है तो जमकर पढ़ाई करें, प्लान बनाएं और सपने हमेशा बड़े रखें.”
अपना उदाहरण देते हुए वे कहते हैं कि उनका लक्ष्य था कि अकाउंटिंग और फाइनेंस में जितनी जानकारी हासिल की जा सकती है उतनी हासिल की जाए. मुझे हमेशा इस बात की तलब रहती थी कि मैं कहां से क्या सीख सकता हूं. लेकिन, डिग्रियां बंटोरने में मेरी दिलचस्पी कभी नहीं रही.
एक अच्छे विद्यार्थी के जैसे ही मलानी ने मल्टीबैगर (Multibagger) शेयर की पहचान करने के लिए अपना ही एक फॉर्मूला बनाया है. वे मानते हैं कि मल्टीबैगर शेयरों में कुछ समानताएं होती हैं. जिन भी शेयरों में ये खूबियां होती हैं वे जरूर ही बाजार की पसंद बनने की संभावना रखते हैं.
मलानी का फॉर्मूला है – मजबूत प्लान वाला मैनेजमेंट+ बिजनेस बढ़ने की संभावनाएं + प्राइसिंग पावर + टेलविंड्स + अच्छी ग्रोथ + ऊंचे ROCE + कम इक्विटी + एक ही व्यक्ति की हिस्सेदारी ज्यादा ना होना + एक खास सेगमेंट में लीडर. इन खूबियों से निखर कर सामने आता है एक मल्टीबैगर.
मलानी ने अपने इस फॉर्मूले से मल्टीबैगर्स (Multibagger) की पहचान करनी शुरू की और यही फॉर्मूला उनके लिए मुनाफे वाला साबित हुआ. इनमें अवंती फीड्स, भारत रसायन, अपोलो ट्राइकोट, मिंडा इंडस्ट्रीज, अजंता फार्मा, लौरस लैब्स, एक्रेसिल शामिल हैं. इन शेयरों के साथ ही कई अन्य शेयरों की मदद से उनके पोर्टफोलियो में शानदार ग्रोथ देखी गई है.
मलानी से हमारी इस पूरी बातचीत में एक छात्र की छवि फिर-फिर आती है. वे कहते हैं कि हर ट्रेडर के लिए घाटे ट्यूशन फीस की तरह होते हैं जो उन्हें इस कला को सीखने के लिए चुकाना पड़ता है.
उनके मुताबिक, “गलतियों से पूरी तरह बचा नहीं जा सकता, हां, लेकिन वक्त के साथ पूरी जिम्मेदारी से कदम बढ़ाते हुए इसे कम जरूर कर सकते हैं और लगातार सुधार की ओर काम करते रहें.”
मलानी का मानना है कि दूसरों से सीख ली जा सकती है लेकिन उन्हें कॉपी कभी ना करें. नए ट्रेडर्स को पहले खुद को समझना होगा फिर ट्रेड को.
मशहूर मनी मैनेजर पीटर लिंच धीरे-धीरे पैर जमाने पर विश्वास रखते हैं. उनका मानना था कि रिटेल निवेशक के पास निवेश करने वाली बड़ी कंपनियों के मुकाबले एक एडवांटेज ये है कि इंडिविजुअल निवेशक छोटी कंपनी में भी पैसा लगा सकते हैं जहां शायद निवेश से बड़ी कंपनियां कतराएं.
30 वर्षीय मलानी लिंच की दो किताबों की सीख को गांठ कर बैठे हैं. ये किताबें हैं – वन अप ऑन वॉल स्ट्रीट और बीटिंग द स्ट्रीट. इसके अलावा मलानी को मार्क डगलस की इंडस्ट्री क्लासिक ‘ट्रेडिंग इन द जोन’ और अमेरिकी आंत्रेप्रेन्योर विलियम ओ नील की किताब ‘हाउ टू मेक मनी इन स्टॉक्स’ उनकी अन्य दो पसंदीदा किताबें हैं.
मलानी पहले से मौजूद संपत्ति को फाइनेंशियल फ्रीडम का हिस्सा नहीं मानते. उनकी नजर हमेशा ऐसे नए बिजनेस में रहती है जहां वे अगला दांव लगा सकते हैं.
30 साल की उम्र में वे वेल्थ जुटाने में सफल रहे हैं. एक ऐसी उम्र जिस पड़ाव में कई लोग इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स बचाने के लिए निवेश की शुरुआत करते हैं.
अपने दादाजी के साथ कंप्यूटर स्क्रीन पर लाल और हरे निशान देखकर आकर्षित होने वाला ये लड़का अब लंबी रेस में शामिल हो चुका है.
बेस्ट मैनेज हो रही कंपनियों को पाने की इच्छा रखने वाले सौम्या मलानी शायद एक दिन देसी वॉरेन बफेट बनकर दिखा दें.