सिगाची इंडस्ट्रीज के IPO में निवेश करने से पहले जानें ये 9 अहम बातें

Sigachi IPO: अगर आप सिगाची के 125.43 करोड़ रुपये के इशू को सब्सक्राइब करने पर विचार कर रहे हैं, तो पहले इससे जुड़ी सारी जानकारी हासिल कर लें

sigachi ipo will be launched on 1 november, know these 9 points before investing

कंपनी सेल्युलोस आधारित एक्सिपिएंट का उत्पादन करती है, जिसका इस्तेमाल फार्मा, फूड और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में होता है

कंपनी सेल्युलोस आधारित एक्सिपिएंट का उत्पादन करती है, जिसका इस्तेमाल फार्मा, फूड और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में होता है

हैदराबाद की सिगाची इंडस्ट्रीज IPO पेश कर के 125.43 करोड़ रुपये जुटाने की तैयीर में है. कंपनी सेल्युलोस आधारित एक्सिपिएंट का उत्पादन करती है, जिसका इस्तेमाल फार्मा, फूड और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में होता है. अगर आप इसके IPO को सब्सक्राइब करने पर विचार कर रहे हैं, तो पहले इशू से जुड़ी सारी जानकारी हासिल कर लें.

इशू खुलने और बंद होने की तारीख

ऑफर 1 नवंबर को खुलेगा. इसके लिए बिडिंग 3 नवंबर को बंद हो जाएगी. एंकर बुक के लिए इशू 31 अक्टूबर को खुल जाएगा.

प्राइस बैंड

उत्पादन कंपनी ने IPO के लिए 161-163 रुपये प्रति शेयर के बीच प्राइस बैंड तय किया है. इसकी फेस वैल्यू 10 रुपये प्रति शेयर है.

लॉट साइज

निवेशक न्यूनतम 90 शेयरों और उसके मल्टिपल में बोली लगा सकते हैं. यानी, प्राइस बैंड के हाई एंड पर बोली में न्यूनतम राशि 14,670 रुपये होगी. रिटेल निवेशक अधिकतम 13 लॉट या 1,90,710 रुपये में 1,170 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं.

इशू साइज

सिगाची के 125.43 करोड़ रुपये के IPO में 77 लाख शेयर फ्रेश इशू के तौर पर पेश किए जा रहे हैं. कंपनी ने पहले 28.4 लाख शेयर के फ्रेश इशू योजना बनाई थी.

इशू का लक्ष्य

हैदराबाद की कंपनी IPO से जुटाए जाने वाले फंड का इस्तेमाल उत्पादन क्षमताओं के विस्तार और आम कॉरपोरेट कार्यों के लिए करेगी.

रिटेल निवेशकों के लिए क्या है खास?

कुल ऑफर अधिकतम 50 प्रतिशत हिस्सा क्वॉलिफाइड इंस्टिट्यूशनल बायर्स के लिए आरक्षित है. करीब 35 फीसदी रिटेल और बचा हुआ 15 पर्सेंट गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए रखा गया है.

कंपनी के बारे में

सिगाची इंडस्ट्रीज माइक्रोक्राइस्टैलीन सेल्युलोस (MCC) का उत्पादन करती है. MCC का इस्तेमाल फार्मा इंडस्ट्री में दवाओं की फिनिश्ड डोज में एक्सिपिएंट के तौर पर होता है. साथ ही फूड, न्यूट्रास्यूटिकल और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में भी कई तरह से इस्तेमाल होता है. कंपनी 15 से 250 माइक्रॉन तक के कई तरह के ग्रेड के MCC का उत्पादन करती है. इनकी HiCel और AceCel के ब्रांड नाम से बिक्री होती है.

कंपनी को कई क्वॉलिटी सर्टिफिकेट मिल चुके हैं. यह तीन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट चलाती है. यूनिट 1 हैदराबाद, 2 झगाडिया (गुजरात) और 3 दाहेज (गुजरात) में है. मार्च 31, 2021 तक कंपनी की कुल MCC उत्पादन क्षमता 13,128 MTPA है.

वित्तीय मोर्चे पर वित्त वर्ष 2021 में कंपनी का मुनाफा 30.26 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2019 में 19.01 करोड़ रुपये था. इस अवधि में उसका कुल रेवेन्यू 132.87 करोड़ रुपये से बढ़कर 196.01 करोड़ रुपये पहुंच गया. चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में इसका मुनाफा 8.9 करोड़ रुपये और रेवेन्यू 55.12 करोड़ रुपये रहा.

IPO के लीड मैनेजर और रजिस्ट्रार

इस इशू की यूनिस्टोन कैपिटल मुख्य बुक रनिंग मैनेजर है. रजिस्ट्रार बिगशेयर सर्विसेज है.

इशू टाइमलाइन

इशू का अलॉटमेंट 10 नवंबर तक तय हो जाएगा. रिफंड की शुरुआत 11 नवंबर से होगी. शेयरों को 12 नवंबर को क्रेडिट कर दिया जाएगा. इसकी स्टॉक मार्केट पर एंट्री 15 नवंबर को होने की उम्मीद है.

Published - October 29, 2021, 01:33 IST