सेबी के नए नियमों से डेट सिक्योरिटी की लिस्टिंग करवाने वाली कंपनियों पर क्या होगा असर?

पिछले महीने डेट सिक्योरिटीज को जारी करने से संबंधित नियमों को एक ही नियम में विलय करने के बाद पूंजी बाजार नियामक ने यह कदम उठाया है.

Sebi notifies rules for entities with listed debt securities

ये प्रावधान 31 मार्च, 2023 तक 'अनुपालन या व्याख्या' के आधार पर 'उच्च मूल्य वाली डेट लिस्टेड एन्टिटी' पर लागू होंगे

ये प्रावधान 31 मार्च, 2023 तक 'अनुपालन या व्याख्या' के आधार पर 'उच्च मूल्य वाली डेट लिस्टेड एन्टिटी' पर लागू होंगे

SEBI Corporate Governance Rules: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) नए कॉरपोरेट गवर्नेंस नियम लेकर आया है, जो उन सभी लिस्टेड कंपनियों पर लागू होंगे, जिन्होंने अपनी डेट सिक्योरिटीज की भी लिस्टिंग कराई है. पिछले महीने सेबी द्वारा डेट सिक्योरिटीज को जारी करने से संबंधित नियमों को एक ही नियम में विलय कर दिया था और अब यह कदम उठाया है.

नियामक ने ILDS (इश्यू एंड लिस्टिंग ऑफ डेट सिक्यॉरिटीज) नियम और NCRPS (नॉन-कन्वर्टिबल रिडीमेबल प्रेफरेंस शेयर) नियमों का विलय किया है और उन्हें एक नियम में शामिल कर लिया है जिसे सेबी (इश्यू एंड लिस्टिंग ऑफ नॉन-कन्वर्टिबल सिक्यॉरिटीज) रेगुलेशन्स से जाना जाता है.

सेबी ने मंगलवार को एक अधिसूचना में कहा था कि जिस लिस्टेड कंपनी ने अपने नॉन-कन्वर्टिबल डेट सिक्योरिटीज की लिस्टिंग करवाई है और इस तरह की डेट सिक्योरिटीज का बकाया मूल्य 500 करोड़ रुपये और उससे अधिक है, ऐसी कंपनियों पर कॉरपोरेट गवर्नेंस, बॉर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के स्ट्रक्चर, रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शंस और ऑडिट कमिटी से संबंधित प्रावधान लागू होंगे.

ऐसी लिस्टेड कंपनियों पर लागू होने वाले अन्य प्रावधान में लिस्टेड कंपनियों की सहायक कंपनियों के संबंध में कॉरपोरेट गवर्नन्स की आवश्यकताएं; इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स और प्रमोटरों एवं मैनेजेरियल व्यक्तियों के संबंध में दायित्व और नामांकन और पारिश्रमिक समिति, हितधारकों संबंध समिति और जोखिम प्रबंधन समिति की संरचना शामिल हैं.

सेबी ने कहा है कि अगर कोई कंपनी जिसने अपनी नॉन-कन्वर्टिबल डेट सिक्योरिटीज की लिस्टिंग करवाया है, और ये वर्ष के दौरान 500 करोड़ रुपये की निर्दिष्ट सीमा से उपर चला जाता है, तो उसे इस तरह के ट्रिगर की तारीख से छह महीने के भीतर इन प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा.

ये प्रावधान 31 मार्च, 2023 तक ‘अनुपालन या व्याख्या’ के आधार पर ‘उच्च मूल्य वाली डेट लिस्टेड एन्टिटी’ पर लागू होंगे और उसके बाद अनिवार्य आधार पर लागू होंगे.

सेबी ने कहा कि यदि कंपनी प्रावधानों के पूर्ण अनुपालन को प्राप्त करने में सक्षम नहीं है, तब तक, वह इस तरह के गैर-अनुपालन / आंशिक अनुपालन के कारणों और तिमाही अनुपालन रिपोर्ट में पूर्ण अनुपालन प्राप्त करने के लिए शुरू किए गए कदमों की व्याख्या करेगी. उच्च मूल्य वाली डेट लिस्टेड एन्टिटी का निर्धारण लिस्टेड डेट सिक्यॉरिटीज के बकाया मूलधन के मूल्य के आधार पर 31 मार्च, 2021 को किया जाएगा.

Published - September 9, 2021, 03:51 IST