KFC, पिज्जा हट फ्रेंचाइजी को IPO के लिए SEBI की मंजूरी

IPO में 400 करोड़ रुपये का एक नया इश्यू और टेमासेक होल्डिंग और RJ कॉर्प द्वारा 12,53,33,330 शेयरों की बिक्री का प्रस्ताव शामिल है.

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कंपनी सेल्युलोस आधारित एक्सिपिएंट का उत्पादन करती है, जिसका इस्तेमाल फार्मा, फूड और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में होता है

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यम ब्रांड्स की सबसे बड़ी फ्रेंचाइजी देवयानी इंटरनेशनल लिमिटेड (DIL) ने 19 जुलाई को घोषणा की कि उसे इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के लिए सेबी की मंजूरी मिल गई है. फर्म ने 19 मई, 2021 को सेबी के पास अपना DRHP दाखिल किया था. IPO में 400 करोड़ रुपये का एक नया इश्यू और टेमासेक होल्डिंग्स (ड्यूनर्न इन्वेस्टमेंट्स मॉरीशस पीटीई) और RJ कॉर्प की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी द्वारा 12,53,33,330 शेयरों की बिक्री का प्रस्ताव शामिल होगा. सूत्रों के अनुसार, IPO का साइज करीब 1,400 करोड़ रुपये होगा.

देवयानी इंटरनेशनल अपने खुद के ब्रांड जैसे वैंगो और फूड स्ट्रीट के अलावा पिज्जा हट, KFC, कोस्टा कॉफी जैसे जाने-माने ब्रांडों का संचालन करती है. QSR (क्विक सर्विस रेस्टोरेंट) कंपनी के नेपाल और नाइजीरिया सहित भारत के 155 शहरों में 26 राज्यों में 692 स्टोर्स हैं.
DIL ने 1997 में जयपुर में अपने पहले पिज्जा हट स्टोर के साथ यम के साथ अपने रिलेशनशिप की शुरुआत की, यह कोस्टा कॉफी ब्रांड की फ्रेंचाइजी भी है और वर्तमान में भारत में 31 मार्च, 2021 तक 297 पिज्जा हट स्टोर, 264 KFC स्टोर और 44 कोस्टा कॉफी ऑपरेट करती है. मार्च 2019-2021 के बीच कोर ब्रांड स्टोर्स ने 469 स्टोर्स से 605 स्टोर्स तक 13.58% की CAGR (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) की ग्रोथ देखी. कंपनी अपने 9,356 कर्मचारियों को अपनी इस सफलता और निरंतर विकास का श्रेय देती है.

देवयानी स्विगी पर लिस्ट होने वाली भारत की सबसे बड़ी QSR कंपनी है और 2019 और 2020 में Zomato प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होने वाली भारत की सबसे बड़ी QSR कंपनियों में से एक थी. कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी, CLSA इंडिया, एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज, मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स इस इश्यू के लिए अपॉइंटेड इन्वेस्टमेंट बैंकर हैं.

QSR प्लेयर्स

जबकि IPO क्रेजी इन्वेस्टर हर अवसर का फायदा उठाएंगे, उन्हें मौजूदा IPO की भीड़ से काफी फायदा मिलने की संभावना है. यहां देखें कि एक्सचेंजों पर लिस्टेड QSR कंपनियां कैसा परफॉर्म कर रही हैं

जुबिलेंट फूडवर्क्स और बर्गर किंग इस सेक्टर के मल्टी बैगर रहे हैं. जबकि रेस्टोरेंट इंडस्ट्री जो लॉकडाउन के चलते अभी जल रही है, लेकिन उसका फ्यूचर बहुत ब्राइट है, क्योंकि भारत का फूड कंजप्शन पर खर्च भारत की GDP का 1/4 है. इसमें से केवल 10% फूड सर्विस (डिलीवरी और डाइन-आउट) पर है, जबकि U.S. के लिए 54% और चीन के लिए 58% है. बिजी लाइफ स्टाइल, हाई डिस्पोजेबल इनकम और क्विर्की फूड चॉइस के साथ यह गैप कम होता जा रहा है.

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के ऑर्गनाइज्ड फूड सर्विस मार्केट के FY 2020-25E में लगभग 10.5% CAGR से बढ़कर US $ 37 बिलियन (2.8 लाख करोड़ रुपये) होने की उम्मीद है, जो 40% से 46% मार्केट शेयर पर कब्जा कर रहा है. वर्तमान में ऑर्गनाइज्ड सेगमेंट के अंदर, चेन संभावित रूप से 13% CAGR से बढ़कर 9.5 अरब अमेरिकी डॉलर (71,600 करोड़ रुपये) हो सकती है, जो ओवरऑल फूड सर्विस मार्केट में 12% हिस्सेदारी है और ऑर्गनाइज्ड फूड सर्विस मार्केट में 26% हिस्सेदारी पर कब्जा कर सकती है.

रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत के 541 डिस्ट्रिक्ट में QSR (क्विक सर्विस रेस्टोरेंट) के लिए मार्केट के अपॉरच्युनिटी का बॉटम-अप एनालिसिस FY2025E तक 50% से अधिक स्टोर ग्रोथ की संभावना दर्शाता है.”

Published - July 21, 2021, 07:42 IST