कोटक महिंद्रा बैंक को सेबी से मिली राहत, ये है मामला

सेबी ने दो FPI हेशिका ग्रोथ फंड (Heshika Growth Fund) और प्लूटस टेरा इंडिया फंड (Plutus Terra) पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

Sebi disposes of proceedings against Kotak Mahindra Bank

Pixabay - सेबी ने कहा, कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ लगाए गए आरोप स्थापित नहीं हैं और इसलिए कोई जुर्माना नहीं लगाया जाना है.

Pixabay - सेबी ने कहा, कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ लगाए गए आरोप स्थापित नहीं हैं और इसलिए कोई जुर्माना नहीं लगाया जाना है.

Kotak Mahindra Bank gets Relief: बाजार नियामक सेबी ने दो विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा सातवाहन इस्पात लिमिटेड (Sathavahana Ispat Ltd.) के शेयरों में निवेश सीमा के उल्लंघन से संबंधित मामले में कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ कार्यवाही का निपटारा किया है. हालांकि, इसी मामले में सेबी ने दो विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) — हेशिका ग्रोथ फंड (Heshika Growth Fund) और प्लूटस टेरा इंडिया फंड (Plutus Terra India Fund) – पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जिसका भुगतान उनके द्वारा संयुक्त रूप से और अलग-अलग किया जाना है. इस संबंध में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से शुक्रवार को दो अलग-अलग आदेश जारी किए गए.

कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ एक डेजिग्नेटेड डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DDP) के रूप में अपनी क्षमता में कार्यवाही शुरू की गई थी. सेबी ने कहा, “नोटिसी नंबर 1, यानी कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड के खिलाफ लगाए गए आरोप स्थापित नहीं हैं और इसलिए उस पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाना है.”

कंपनी में FPIs की संयुक्त होल्डिंग 10 प्रतिशत से अधिक थी और 28 जुलाई 2014 से 11 जून 2019 तक FPIs मानदंडों का अनुपालन नहीं कर रही थी.

ये दोनों FPI भी FPIs के एक ही समूह का हिस्सा हैं. यह आरोप लगाया गया था कि कोटक महिंद्रा बैंक FPIs को उचित रूप से समूहबद्ध करने में विफल रहा और सेबी को FPIs की ओर से समूह की जानकारी में बदलाव की सूचना में देरी की सूचना नहीं दी, जहां देरी छह महीने से अधिक है.

Published - September 26, 2021, 11:43 IST