डिजिटल गोल्ड की बिक्री पर SEBI का बैन, जानिए क्या पड़ेगा असर

Digital Gold Sale: NSE ने स्टॉकब्रोकर्स, वेल्थ मैनेजर्स को 10 सितंबर तक अपने प्लेटफॉर्म पर डिजिटल सोने की बिक्री को कम करने का निर्देश दिया है.

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रेगुलेटेड कैपिटल मार्केट में डिजिटल गोल्ड को लेकर कोई नियम नहीं है. इसलिए सेबी नहीं चाहता कि इसके द्वारा विनियमित संस्थाएं डिजिटल गोल्ड बेचें

रेगुलेटेड कैपिटल मार्केट में डिजिटल गोल्ड को लेकर कोई नियम नहीं है. इसलिए सेबी नहीं चाहता कि इसके द्वारा विनियमित संस्थाएं डिजिटल गोल्ड बेचें

Digital Gold Sale Ban: जल्द हो सकता है कि आप स्टॉक ब्रोकर के जरिए डिजिटल गोल्ड में निवेश नहीं कर पाएं. दरअसल नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने अपने सदस्यों, स्टॉकब्रोकर और वेल्थ मैनेजर्स को 10 सितंबर तक अपने प्लेटफॉर्म पर डिजिटल सोने की बिक्री को कम करने का निर्देश दिया है. यह कदम कैपिटल रेगुलटेर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के जारी हुए निर्देशों के बाद उठाया जा रहा है.

इसके पीछे का असली कारण यह है कि डिजिटल गोल्ड सेबी के अंतर्गत नहीं आता है. रेगुलेटेड कैपिटल मार्केट में डिजिटल गोल्ड को लेकर कोई नियम नहीं है. इसलिए सेबी नहीं चाहता कि इसके द्वारा विनियमित संस्थाएं डिजिटल गोल्ड बेचें.

SEBI ने 3 अगस्त 2021 को पत्र लिखकर NSE को जानकारी दी थी कि यह सिक्योरिटीज कॉन्ट्रेक्ट्स (रेगुलेशन) नियम (SCRR), 1957, का उल्लंघन है. सदस्यों को इन गतिविधियों को करने से बचना चाहिए.

वर्तमान में सिर्फ तीन कंपनियों के पास डिजिटल गोल्ड बेचने का लाइसेंस है. इनमें Augmont गोल्ड, MMTC-PAMP इंडिया और MMTC और स्विस फर्म MKS PAMP का ज्वाइंट वेंचर शामिल है. मोबाइल वॉलेट, डिस्ट्रिब्यूटर्स, इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म और यहां तक कि स्टॉक ब्रोकरों को भी बेचने की अनुमति है. बस ये फर्म ही डिजिटल गोल्ड बेच सकती हैं.

वर्तमान में जिनके पास डिजिटल गोल्ड मौजूद, वे क्या करें?

वे निवेशक जिन्होंने स्टॉक ब्रोकर के जरिए डिजिटल गोल्ड में निवेश कर रखा है, उनके पास कुछ विकल्प मौजूद हैं. एक यह है कि वे निवेश से बाहर निकल सकते हैं और इन्वेस्टमेंट को बेच सकते हैं. दूसरा यह कि वे सीधे MMTC-PAMP से सोने की फिजिकल डिलीवरी ले सकते हैं.

निर्मल बंग कमोडिटी के कुणाल शाह ने मनी9 को बताया, ‘जिन निवेशकों ने डिजिटल गोल्ड में निवेश कर रखा है, वे परेशान न हों. वे डिजिटल गोल्ड होल्ड करके रख सकते हैं. साथ ही इसको लेकर वे ब्रोकर से बात भी कर सकते हैं. अधिकांश ब्रोकर अब ग्राहकों को निवेशकों के रूप में सीधे डिजिटल गोल्ड बेचने वाली कंपनियों के संपर्क में ला रहे हैं. इन कंपनियों में डिटेल्स पहले से दर्ज हैं, तो निवेशकों को नए नियमों को लेकर घबराना नहीं चाहिए.’

दूसरी तरफ, IIFL सिक्योरिटीज के कमोडिटी वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता के मुताबिक, ‘जो निवेशक डिजिटल गोल्ड खरीदना चाहते हैं, वे ब्रोकरेज हाउस प्लेटफॉर्म के जरिए MCX गोल्ड, गोल्ड ETF, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स और गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं.’

डिजिटल गोल्ड आखिर है क्या?

निवेशकों के बीच गोल्ड के इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म को लेकर काफी दिलचस्पी बढ़ी है. यह गोल्ड खरीदने से ज्यादा बेहतर विकल्प माना जाने लगा है. इसमें आप एक रुपए में भी डिजिटल गोल्ड खरीद सकते हैं.

जब निवेशक डिजिटल सोना खरीदते हैं, तो उत्पाद के निर्माता खुद निवेशकों की ओर से फिजिकल सोना खरीदते हैं. ये सोना किसी भी नुकसान की स्थिति में इंश्योर्ड होता है. हालांकि, निर्माता 3% के GST के अलावा खरीद और बिक्री दर के बीच निवेशकों से लगभग 3% शुल्क भी लेता है.

Published - August 27, 2021, 02:17 IST