Stock Market News: लिस्टेड कंपनियों में रिटेल निवेशकों की रिकॉर्ड हिस्सेदारी

Retail Investors Holding: लिस्टेड कंपनियों में रिटेल निवेशकों की होल्डिंग जून 2021 में 16.18 लाख करोड़ रुपये के अब तक के हाईएस्ट लेवल पर पहुंच गई.

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एलआईसी का इक्विटी निवेश 30 सितंबर तक 9.39 ट्रिलियन रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले महीनों से 11.4% अधिक है.

एलआईसी का इक्विटी निवेश 30 सितंबर तक 9.39 ट्रिलियन रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले महीनों से 11.4% अधिक है.

NSE में लिस्टेड कंपनियों में रिटेल निवेशकों (दो लाख रुपये तक की हिस्सेदारी वाले इन्वेस्टर) की होल्डिंग चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में 16.18 लाख करोड़ रुपये (7.18%) के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. प्राइम इंफोबेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च, 2021 को समाप्त हुई तिमाही में इनकी हिस्सेदारी 13.94 लाख करोड़ रुपये (6.96%) थी.

मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में क्रमशः 6.0% और 7.02% की तेजी देखने को मिली. प्राइम डेटाबेस ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रणव हल्दिया का कहना है कि बाजार की तेजी और लगातार आ रहे IPO ने निवेशकों की सेविंग्स को स्टॉक मार्केट में लाने में बड़ी भूमिका निभाई है.

NSE पर लिस्टेड कंपनियों में हाई नेट वर्थ वाले निवेशकों (HNI, यानी दो लाख रुपये से अधिक शेयर होल्डिंग वाले) की होल्डिंग भी मार्च तिमाही के 1.98% से बढ़कर जून तिमाही में 2.10% हो गई. रिटेल इनवेस्टर और HNI की होल्डिंग को मिला दें तो ये अपने 9.28% के हाईएस्ट लेवल पर है.

म्यूचुअल फंड की शेयर होल्डिंग

हालांकि, NSE पर लिस्टेड कंपनियों में घरेलू म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी बीते वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के 7.26% से मामूली रूप से घटकर इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7.25% रह गई. घरेलू म्यूचुअल फंडों द्वारा 12,069 करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट के बावजूद होल्डिंग में गिरावट आई है. इस पीरियड में इसमें खरीदारी से ज्यादा बिकवाली की गई है.

हल्दिया के मुताबिक, अगर आंकड़ों की मानें तो रिटेल इनवेस्टर्स ने डायरेक्ट स्टॉक में पैसा लगाया गया है, ना कि इनडायरेक्टली म्यूचुअल फंड से.

LIC की शेयर होल्डिंग

भारती जीवन बीमा (LIC) की होल्डिंग जून तिमाही में घटकर 3.74% पर आ गई, जो मार्च तिमाही में 3.83% के लेवल पर थी. LIC की शेयर होल्डिंग 295 कंपनियों में एक प्रतिशत से भी अधिक है. उसने अन्य बीमा कंपनियों के मुकाबले 76% निवेश का बड़ा हिस्सा इक्विटी में लगा रखा है. कुल मिलाकर, बीमा कंपनियों की होल्डिंग भी 30 जून, 2021 को पांच साल के निचले स्तर 4.89% पर रही. 31 मार्च, 2021 को यह 5.06% पर थी.

म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियों की होल्डिंग में आई कमी के एक कारण डोमेस्टिक इंस्टीटूशनल इन्वेस्टर्स (DII) रहे हैं, जिसमें डोमेस्टिक म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियां, बैंक, फाइनेंसियल इंस्टीटूशन्स , पेंशन फंड आदि शामिल होते हैं. इनकी होल्डिंग DII के नेट इंफ्लो 20,199 करोड़ रुपये के बावजूद जून तिमाही में 11 तिमाहियों के निचले स्तर 13.19% पर आ गई.

FPI की शेयर होल्डिंग
फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर (FPI) की होल्डिंग मार्च तिमाही के 48.82 लाख करोड़ रुपये (22.46%) से जून तिमाही में 45.01 लाख करोड़ रुपये (21.66%) रह गई. तिमाही के दौरान FPI का नेट इंफ्लो 4601.53 करोड़ रुपये रहा.

इंस्टीट्यूशनल शेयर होल्डिंग
FPI और DII की कुल ओनरशिप भी 35.88% से घटकर 34.85% हो गई है. जून तिमाही में दोनों की होल्डिंग के बीच का अंतर कम हुआ है. DII की होल्डिंग अब FPI की होल्डिंग से 39.11% कम है. वहीं मार्च तिमाही में DII की होल्डिंग FPI की होल्डिंग से 40.25% कम हुआ करती थी. दोनों की होल्डिंग के बीच सबसे बड़ा अंतर मार्च तिमाही में देखने को मिला था. तब DII की होल्डिंग FPI से 55.44% कम हो गई थी. पिछले 12 सालों के दौरान (जून 2009 से) FPI की होल्डिंग 16.02% से बढ़कर 21.66% हो गई है. DII की होल्डिंग 11.39% से बढ़कर 13.19% हुई है.

लिस्‍टेड कंपनियों में सरकार की हिस्‍सेदारी बढ़ी

NSE पर लिस्‍टेड कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी पहली तिमाही में बढ़कर एक साल के उच्च स्तर 6.05% पर पहुंच गई. मार्च तिमाही में यह 5.70% पर थी. सरकार के डिसइनवेस्टमेंट प्रोग्राम के कारण 30 जून 2009 को 22.46% पर रही होल्डिंग लगातार घट रही है. इसमें पर्याप्त नई लिस्टिंग नहीं है. साथ ही कई CPSE के रिलेटिव परफार्मेंस में कमी आई है.

प्रमोटर होल्डिंग्स

NSE में लिस्टेड कंपनियों में निजी प्रमोटरों की हिस्सेदारी 44.09% से बढ़कर 44.42% हुई है. पिछले 12 सालों से निजी प्रमोटर की ओनरशिप लगातार बढ़ रही है. अगर पर्सेंटेज में बात करें, तो यह ओनरशिप 30 जून 2009 के मुकाबले 33.60% से बढ़ गई है. NSE में लिस्टेड कंपनियों में निजी प्रमोटरों की हिस्सेदारी अब सात गुना से अधिक हो गई है. 30 जून, 2009 को केवल 14.51 लाख करोड़ रुपये की होल्डिंग हुआ करती थी. आज यह 100.12 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा है. इसमें नई लिस्टेड कंपनियों का भी काफी योगदान रहा है.

ऐसी 11 कंपनियां हैं जिनमें प्रमोटरों, FPI और DII, तीनों ने ही चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में अपनी होल्डिंग बढ़ाई है. ये कंपनियां SBI कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज, तानला प्लेटफॉर्म्स, लक्स इंडस्ट्रीज, जिंदल स्टेनलेस (हिसार), भारत रसायन, सुप्रजीत इंजीनियरिंग, NIIT, ग्लोबस स्पिरिट्स, पनामा पेट्रोकेम, थंगमयिल ज्वैलरी और विकास लाइफकेयर हैं.

Published - August 8, 2021, 02:16 IST