जब शेयर मार्केट में निवेश की बात आती है, तो इसमें केवल आम निवेशक ही नहीं है, जो अंत में पैसा गंवाते हैं. यहां तक कि जाने-माने स्टॉक पिकर भी गलत दांव लगा सकते हैं. इसका उदाहरण है: राधाकिशन दमानी, बसंत माहेश्वरी और राकेश झुनझुनवाला राज्य के स्वामित्व वाली स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) के टॉप 500 शेयर होल्डर की लिस्ट में शामिल हैं.
स्टील मेजर की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों से पता चला है कि राधाकिशन दमानी के पास उनके परिवार के सदस्यों सहित 30 जून तक स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के 2 करोड़ से अधिक शेयर थे. दूसरी ओर, बसंत माहेश्वरी HUF और बसंत माहेश्वरी दोनों के पास मिलाकर 79.40 लाख शेयर थे.
इससे पहले 15 जुलाई को, लेटेस्ट शेयर होल्डिंग पैटर्न से पता चला था कि राकेश झुनझुनवाला के पास 5.75 करोड़ शेयर थे, या स्टील मेजर में 1.39 % हिस्सेदारी थी. पिछली तिमाहियों में वो कंपनी के प्रमुख शेयर होल्डर्स में से नहीं थे.
हालांकि, इन जाने-माने निवेशकों का दांव गलत हो गया है क्योंकि स्टॉक अपने 52-सप्ताह के उच्च स्तर 151.10 रुपये से 27% गिरकर 110 रुपये पर आ गया है. इस बिकवाली का प्राथमिक कारण लौह अयस्क की कीमतों का चीन में कमजोर होना है और एवरग्रैंडे ग्रुप क्राइसिस ने भी निवेशकों के सेंटीमेंट को प्रभावित किया है.
BOBCAPS की राय है कि स्टील कंपनियों के मार्जिन में अगले 6-12 महीनों में नरमी आएगी और FY23 तक स्टील की कीमतें कम होकर US$650/t हो जाएंगी.
SAIL के लिए MTM अर्निंग में तेज गिरावट के कारण ICICI सिक्योरिटीज के अभिजीत मित्रा ने कहा, “लौह अयस्क की कीमतों में भारी गिरावट से स्टील इक्विटी में रिस्क-रिवॉर्ड और भी खराब हो गया है. स्टील के लिए लास्ट कॉस्ट सपोर्ट ऊंची कोकिंग कोल की कीमतों में है और ऐसा लगता है कि यह केवल कुछ समय की बात है, चीनी स्टील उत्पादन में गिरावट की मौजूदा गति को देखते हुए, कोकिंग कोल करेक्ट होना शुरू हो जाएगा. कोकिंग कोल की ऊंची कीमतें इस समय चीन के स्टील मार्जिन को कम कर रही हैं और स्टील की कीमतों को समर्थन दे रही हैं. ग्लोबल स्टील इक्विटी की कीमतों में गिरावट जारी है.
ब्रोकरेज फर्म की SAIL पर 99 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ ‘सेल’ रेटिंग है क्योंकि यह राय है कि SAIL के लिए MTM अर्निंग में सबसे बड़ी गिरावट 14-17% की रेंज में हो सकती है.