रेल मंत्रालय ने IRCTC के सुविधा शुल्क (convenience fees) से जुड़ा अपना कल यानी गुरुवार का फैसला 24 घंटों के भीतर वापस ले लिया है. इस बात की जानकारी दीपम के सचिव ने ट्वीट कर दी है. उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय ने IRCTC पर सुविधा शुल्क के फैसले को वापस ले लिया है. मंत्रालय के इस फैसले के बाद IRCTC के शेयरों में थोड़ी रिकवरी देखी गई है. हालांकि, IRCTC के शेयर गिरकर ही बंद हुए हैं. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर IRCTC के शेयर 7.45 फीसदी गिरकर 845.65 रुपये पर बंद हुए हैं.
इससे पहले गुरुवार को रेलवे ने अपनी ऑनलाइन टिकट बुकिंग यूनिट IRCTC से कहा का कि वह अपनी वेबसाइट पर बुकिंग करने पर सुविधा शुल्क से मिले रेवेन्यू का 50% हिस्सा रेलवे के साथ शेयर करे. इस खबर के बाद से ही IRCTC के शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली थी.
वहीं IRCTC ने सेबी को बताया कि रेलवे की ओर से रेवेन्यू शेयर करने की व्यवस्था अगले महीने की पहली तारीख यानी एक नवंबर से लागू होनी थी. IRCTC ने बताया कि ग्राहकों से लिया जाने वाला सुविधा शुल्क वेबसाइट के जरिये टिकट बुक करने पर वसूला जाता है.
कोई भी यात्री IRCTC के जरिए ट्रेन का टिकट बुक करता है तो उसमें टिकट के अलावा कुछ राशि सुविधा शुल्क के रूप में ली जाती है. यह राशि 50 रुपये तक होती है. टिकट कैंसल कराने पर भी यह राशि आपको वापस नहीं दी जाती है. इस सुविधा शुल्क से IRCTC को करोड़ों रुपये की आमदनी होती है. IRCTC की ओर से सालाना दी जाने वाली रिपोर्ट के मुताबिक IRCTC को साल 2020-21 में सुविधा शुल्क से 299.13 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी. वहीं 2019-20 में कंपनी ने इससे 349.64 करोड़ रुपये कमाए थे.
पांच साल पहले यानी 2016 में IRCTC की पूरी हिस्सेदारी सरकार के पास थी. उस समय सुविधा शुल्क का आधा हिस्सा सरकार के पास जाता था. कुछ समय बाद इस फैसले में बदलाव किया गया जिसके मुताबिक पूरा सुविधा शुल्क IRCTC के पास रहता था. कल रेलवे बोर्ड का फैसला आने के बाद आज आईआरसीटीसी का शेयर 20 फीसदी तक गिर गया था. हालांकि दीपम सचिव के ट्वीट के बाद यह संभल गया.
Ministry of Railways has decided to withdraw the decision on IRCTC convenience fee pic.twitter.com/HXIRLxXTlL
— Secretary, DIPAM (@SecyDIPAM) October 29, 2021