पैसिव फंड्स में बढ़ रही है निवेशकों की रुचि, ये है वजह

Passive Funds: पैसिव फंड्स स्ट्रॉन्ग आइडिएशन के साथ आगे बढ़ रहे हैं. जहां बहुत सारे अलग अलग प्रोडक्ट तैयार कर बड़ी संख्या में लॉन्च किए जा सकते हैं.

Balance Advantage Funds, Money Market Fund

शॉर्ट टर्म होने के कारण अर्थव्‍यवस्‍था में ब्‍याज दर में होने वाले बदलाव का ज्‍यादा असर नहीं पड़ता है

शॉर्ट टर्म होने के कारण अर्थव्‍यवस्‍था में ब्‍याज दर में होने वाले बदलाव का ज्‍यादा असर नहीं पड़ता है

Passive Funds: अलग अलग फंड्स में निवेश करने वाले निवेशक तेजी से पैसिव फंड में निवेश कर रहे हैं. कम से कम छह नए पैसिव फंड्स के ऑफर्स (NFOs) अब निवेशकों के लिए खुल रहे हैं. इसके अलावा NAVI MF जैसे नए फंड्स और HDFC MF ,  Mirae MF जैसे पुराने फंड्स भी कतार में हैं. फिनिटी के बिजनेस हेड अभिलाष जोसेफ के हवाले से इकोनॉमिक्स टाइम्स ने लिखा है कि एक्टिव फंड्स के खराब परफॉर्मेंस और पैसिव फंड्स की कम लागत के चलते रेगुलेटरी और सरकारी पॉलिसी भी पैसिव फंड्स में निवेश को बढ़ावा दे रही हैं. जोसेफ के मुताबिक साल 2025 तक पैसिव फंड में इंवेस्ट किए गए 3 लाख करोड़ रुपये मौजूदा स्तर से आठ गुना बढ़कर 25 लाख करोड़ तक पहुंच जाएंगे. जिससे नए उत्पाद भी बढ़ेंगे.

पैसिव फंड्स में निवेश के फायदे

कुछ चुनिंदा पैसिव NFO में ICICI प्रूडेंशियल स्मॉल कैप इंडेक्स फंड, डीएसपी निफ्टी इक्वल वेट 50 ईटीएफ, HDFC निफ्टी नेक्स्ट 50 फंड, ICICI प्रूडेंशियल कंजम्पशन ईटीएफ, आदित्य बिड़ला नैस्डेक 100 एफओएफ और आदित्य बिड़ला सन लाइफ निफ्टी आईटी ईटीएफ शामिल हैं.

मिरे एसेट म्यूचुअल फंड के सीईओ स्वरूप मोहंती के मुताबिक पैसिव फंड्स स्ट्रॉन्ग आइडिएशन के साथ आगे बढ़ रहे हैं. जहां बहुत सारे अलग अलग संयोजन और क्रम परिवर्तन के कॉम्बिनेशन से अलग अलग प्रोडक्ट तैयार कर बड़ी संख्या में लॉन्च किए जा सकते हैं.

सेबी के नए नियमों के बाद म्यूचुअल फंड्स की कैटेगरीज में फंड हाउस केवल एक एक प्रॉडक्ट ही लॉन्च कर सकते हैं. जिसकी वजह से एक्टिव स्पेस में नए उत्पादों की लॉन्च पर प्रतिबंध लग गया है.

वेल्थ मैनेजर्स का कहना है कि लार्ज-कैप एक्टिव फंड्स के लिए अपने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन करना मुश्किल हो रहा है, जो फंड हाउस को पैसिव प्रोडक्ट्स ऑफर करने के लिए प्रेरित कर रहा है.

एक्टिव फंड्स का हाल

वॉटरफील्ड एडवाइजर्स के एमडी कुणाल वालिया ने कहा, “वैश्विक स्तर पर, जैसे-जैसे बाजार परिपक्व हुए हैं, विशेष रूप से लार्ज-कैप स्पेस में एक्टिव फंड्स का बेहतर प्रदर्शन इस हद तक मुश्किल होता जा रहा है कि एक एवरेज फंड भी निश्चित पैमाने से कम प्रदर्शन कर रहा है.”

कुछ वेल्थ मैनेजर्स का मानना है कि फिनटेक प्लेटफॉर्म के माध्यम से आ वाले नई पीढ़ी के ग्राहक पैसिव एक्सचेंज ट्रेड फंड (ETFs) पसंद कर रहे हैं. क्योंकि ये खरीदने और रखने में बेहद आसान है.

ओरोवेल्थ के संस्थापक विजय कुप्पा ने कहा, “पिछले एक साल में फिनटेक ऐप के जरिए खोले गए नए डीमैट खातों की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है।” कुप्पा का मानना है कि ऐसे कई निवेशक अपने डीमैट खातों में म्यूचुअल फंड से कम लागत वाले उत्पाद खरीदना चाहेंगे।

वित्तीय योजनाकार बताते हैं कि जहां सबसे लोकप्रिय पैसिव फंड निफ्टी 50 और निफ्टी नेक्स्ट 50 हैं, वहीं बड़े निवेशक नैस्डेक 100,  आईटी ईटीएफ,  हेल्थकेयर ईटीएफ,  सीपीएसई ईटीएफ, भारत 22 ईटीएफ और पीएसयू बैंक ईटीएफ पर भी विचार कर सकते हैं.

Published - October 26, 2021, 05:14 IST