T+1 सेटलमेंट योजना का विरोध तेज, विदेशी इन्वेस्टर्स ने सेबी को पत्र लिखकर नई योजना को स्थगित करने की मांग की

7 सितंबर को सेबी का सर्कुलर जारी होने से पहले न तो FPI और न ही भारत में उनके कस्टोडियन से कोई सलाह ली गई थी.

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नया सिस्टम लाने से पहले बाजार सहभागियों को दो साल का समय दिया था जबकि सेबी ने चार महीने से भी कम का समय दिया है

नया सिस्टम लाने से पहले बाजार सहभागियों को दो साल का समय दिया था जबकि सेबी ने चार महीने से भी कम का समय दिया है

SEBI: विदेशी इन्वेस्टर्स ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India) की नई सेटलमेंट योजना T+1 (ट्रेड+1दिन) का विरोध तेज कर दिया है. तीन प्रमुख फंड लॉबी समूह एशियन सिक्योरिटीज इंडस्ट्री एंड फाइनेंशियल मार्केट्स एसोसिएशन (ASIFMA), ट्रेडर्स फोरम ऑफ हॉन्ग कॉन्ग और यूके स्थित इन्वेस्टमेंट एसोसिएशन ने सेबी के अध्यक्ष अजय त्यागी को एक संयुक्त पत्र भेजकर आरोप लगाया है कि उनसे परामर्श किए बगैर ही नया नियम लागू कर दिया गया है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इन संस्थानों ने सेबी ने इस नए नियम को स्थगित करने की मांग की है.

T+1 सेटलमेंट प्लान के खिलाफ एफपीआई

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) सेबी द्वारा इक्विटी ट्रेडों में सेटलमेंट समय को T+1 (ट्रेड +1 दिन) जो वर्तमान में T+2 है के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. एफपीआई के मुताबिक नया सेटलमेंट प्लान अनिवार्य रूप से उन्हें अपने ट्रेडों को ‘प्रीफंड’ करने के लिए बाध्य करेगा, यानी शेयरों की डिलीवरी मिलने से पहले ही उनका भुगतान कर देगा. एफपीआई ने कहा कि इस प्लान से कारोबारी लागत बढ़ेगी. ASIFMA के एसेट मैनेजमेंट ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर यूजिनी शेन (Eugenie Shen) ने बताया कि 7 सितंबर को सेबी का सर्कुलर जारी होने से पहले न तो FPI और न ही भारत में उनके कस्टोडियन से कोई सलाह ली गई थी.

एफपीआई शुरुआत से ही कर रहा है विरोध

यूजिनी शेन (Eugenie Shen) के मुताबिक ASIFMA ने पिछले साल अक्टूबर में ही टी+1 प्लान को लेकर अपने सदस्यों के मुद्दों के बारे में सेबी को लिखा था, लेकिन सेबी ने बैठक के उनके अनुरोध का कोई जवाब नहीं दिया था. अपने पत्र में ASIFMA और अन्य लॉबी समूहों ने अमेरिकी प्रतिभूति विनिमय आयोग (US Securities Exchange Commission) का उदाहरण देते हुए जहाँ है कि एसईसी ने नया सिस्टम लाने से पहले बाजार सहभागियों को दो साल का समय दिया था जबकि सेबी ने चार महीने से भी कम का समय दिया है. फिलहाल सेबी ने एफपीआई के किसी भी पत्र का कोई जवाब नहीं दिया है.

बदलाव के लिए तैयार नहीं सेबी

सेबी अपने प्लान में बदलाव करने से पहले ही इनकार कर चुका है. कुछ दिनों पहले सेबी ने एक सर्कुलर जारी कर स्टॉक एक्सचेंजों को अगले साल 1 जनवरी से स्मॉल टी+1 सेटलमेंट के तहत चुनिंदा शेयरों की पेशकश करने की अनुमति दी है. आज जो नियम है उसके हिसाब से कोई भी नकद निवेशक को दो दिनों के बाद मिलता है. अब सेबी की इस नई योजना के लागू होने के बाद निवेशकों को अगले दिन ही उनके खातों में शेयर प्राप्त जाएंगे.

Published - October 1, 2021, 09:11 IST