Electric Vehicle: ओला इलेक्ट्रिक की लॉन्चिंग के साथ ही भारतीय दो पहिया वाहन उद्योग में बड़ा बदलाव आने वाला है. लोग पर्यावरण के प्रति जागरुक भी होते जा रहे हैं और साथ ही पेट्रोल के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं. इन हालातों में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) की मांग में तेजी देखनी मिलेगी. ओला इलेक्ट्रिक की लॉन्चिंग से काफी कुछ बदलाव आने वाला है. इसकी वजह इसकी किफायती कीमत और मजबूत उत्पाद को माना जा रहा है. इसमें चार्जिंग को आसान बनाया गया है.
अपनी लॉन्चिंग के 24 घटें के भीतर ही इसे 1 लाख बुकिंग प्राप्त हो गई. हालांकि, ओला इलेक्ट्रिक सूचीबद्ध कंपनी नहीं है. लेकिन निवेशकों को निराश होने की जरूरत नहीं है. बाजार में कई ऐसी कंपनियां हैं, जो ओला इलेक्ट्रिक को पार्ट सप्लाई करती हैं.
दिल्ली की FIEM Industries ओला इलेक्ट्रिक को हेडलैंप, टेन लैंप, इंडिकेटर समेत कई पार्ट उपलब्ध कराती है. कंपनी ने 16 अगस्त को बताया, “हमें यह बताने में खुशी हो रही है कि Fiem Industries Limited ओला इलेक्ट्रिक को विभिन्न पार्ट मुहैया कराने वाली एकमात्र कंपनी है.”
कंपनी का मानना है कि आने वाले समय में भारतीय दोपहिया वाहन (इलेक्ट्रिक) बाजार में काफी संभावनाएं हैं. और वह अपनी बाजार हिस्सेदारी में काफी इजाफा कर सकती है. कंपनी, लाइट, इंडिकेटर, रिअरव्यू मिरर, प्लास्टिक वगैरह के पार्ट बनाती है. साथ ही कंपनी ऑटोमोटिव और LED भी बनाती है. इस घोषणा के बाद से कंपनी के शेयरों में 34 फीसदी का उछाल आ चुका है.
ब्रोकरेज फर्में इस शेयर को लेकर तेजी का रुख रखते हैं. उनका मानना है कि मौजूदा तेजी के बाद भी इसमें 34 फीसदी और उछाल आने की संभावना है. Equirus ने इसकी रेटिंग ‘खरीदें’ दी है, जहां इस शेयर के लिए अगले 12 महीनों के लिए लक्ष्य कीमत 1361 रुपए तय किया गया है.
Equirus के आशुतोष तिवारी का कहना है, “Fiem Industries ने घोषित किया है कि वह ओला इलेक्ट्रिक को विभिन्न पार्ट देने वाली एकमात्र कंपनी है. इसके कंपनी Okinawa Electric औक Ampere, Tork and Revolt को भी पार्ट सप्लाई करती है.” 2019 में FIEM ने दोपहिया वाहनों के लिए दुनिया का सबसे छोटा बाई-फंक्शन लाइटिंग मॉड्यूल विकसित किया था.
FIEM Industries काफी जटिल एलईडी बनाती है, इससे इसकी तकनीकी दक्षता का पता चलता है. यह एकमात्र ऐसी कंपनी है जो बिना किसी के साथ गठजोड़ के उन्नत एलईडी बनाती है.
तिवारी का कहना है कि लॉकडाउन की वजह कंपनी की बिक्री में तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 35 फीसदी की गिरावट आई. इसके बावजूद कंपनी के EBITDA मार्जिन 118 बेसिस प्वाइंट गिरकर 11.5% रहा. कंपनी ने अपनी समकक्ष कंपनियों की तुलना में बेहतर मार्जिन दिया है.
(अस्वीकरण : यह सिफारिश रिसर्च और ब्रोकरेज फर्म द्वारा दी गई है. Money9 और इसका प्रबंधन उनके निवेश सलाह की जिम्मेदारी नहीं लेता. कृपया, निवेश के पहले अपने निवेश सलाहकार से परामर्श लें.)