जोमैटो (Zomato) के IPO में ना सिर्फ निवेशकों का बड़ा मुनाफा हुआ है, बल्कि इस आईपीओ के इन्वेस्टमेंट बैंकरों ने भी अच्छा-खासा पैसा कमाया है. जोमैटो ने अपने आईपीओ के लिए इन्वेस्टमेंट बैंकरों को बड़ी रकम का भुगतान किया है. 9,375 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए जोमैटो ने इन्वेस्टमेंट बैंकर्स को 229 करोड़ रुपये फीस के रूप में दिये हैं. फूड डिलीवरी कंपनी के फाइनल ऑफर दस्तावेज से यह जानकारी सामने आई है. यह राशि किसी भारतीय आईपीओ के लिए भुगतान की गई सबसे बड़ी राशि है.
कोटक महिंद्रा कैपिटल (Kotak Mahindra Capital), मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley), क्रेडिट सुइस (Credit Suisse), बैंक ऑफ अमेरिका (Bank of America) और सिटी (Citi) जोमैटो इश्यू के सलाहकार थे. प्राइमरी मार्केट ट्रैकर प्राइम डेटाबेस (Prime Database) के आंकड़ों से यह बात सामने आई है.
इतनी बड़ी फीस क्यों?
प्रॉस्पेक्टस तैयार करने में आवश्यक प्रयास और नियामक द्वारा सौदे को मंजूरी दिलवाने के कारण सलाहकारों द्वारा ली गई यह फीस अधिक है. मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, आईपीओ की एंकर बुक में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होने वाले बड़े निवेशकों को प्राप्त करने के लिए विदेशी बाजारों में व्यापक मार्केटिंग की गई थी.
आईपीओ शुल्क पांच बैंकरों के बीच समान रूप से वितरित नहीं होगा, क्योंकि उनमें से कई के पास दो-स्तरीय भुगतान मॉडल है. एक निवेश बैंकर ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए बताया कि 5,000 करोड़ रुपये से कम के आईपीओ के लिए शुल्क 2-3% की सीमा में होता है और इससे बड़ी राशि के आईपीओ के लिए शुल्क कहीं न कहीं 2% से कम होगा. हालांकि, ज़ोमैटो के लिए बैंकर्स सिंडिकेट को एक विदेशी आईपीओ तलाशने के विकल्प के साथ नियुक्त किया गया था और उस मोर्चे पर पर्याप्त काम हुआ था. इसलिए शुल्क को उसी के अनुरूप संरचित किया गया होगा, जो एक विदेशी आईपीओ बैंकों को भुगतान करता है.
निवेशक भी हुए मालामाल
बता दें कि फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो (Zomato) ने लिस्टिंग पर निवेशकों को मालामाल किया है। कंपनी का शेयर 53% के प्रीमियम के साथ 116 रुपये पर लिस्ट हुआ। लिस्टिंग गेन के बाद भी शेयर में अच्छी-खासी तेजी देखने को मिली। बीएसई पर यह शेयर शुक्रवार को 9.43% या 10.85 रुपये की बढ़त के साथ 125.85 रुपये पर बंद हुआ। इस तरह, Zomato के आईपीओ में पैसा लगाने वाले लोगों को लिस्टिंग के दिन ही 65% से अधिक का मुनाफा हो गया है।