NSE पर 100 ETF लिस्ट होने के साथ भारत में ETFs ने एक नया इतिहास रचा है

ETF  की बढ़ती लोकप्रियता और पैसिव इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस की ओर इन्वेस्टर्स के बढ़ते रुझान के चलते , AMC कई थीम्स पर ETF लॉन्च कर रहे हैं

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एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) उनके द्वारा ट्रैक किए गए इंडेक्स को रिप्लिकेट करने की कोशिश करते हैं, क्योंकि उन्हें फंड मैनेजर के इन्वॉल्मेंट की जरूरत नहीं होती है, उन्हें पैसिवली मैनेज्ड फंड कहा जाता है.

एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) उनके द्वारा ट्रैक किए गए इंडेक्स को रिप्लिकेट करने की कोशिश करते हैं, क्योंकि उन्हें फंड मैनेजर के इन्वॉल्मेंट की जरूरत नहीं होती है, उन्हें पैसिवली मैनेज्ड फंड कहा जाता है.

एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETFs) ने 2002 में भारत में अपने सफर की शुरुआत की, जब निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड (पूर्व में बेंचमार्क एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड) ने निफ्टी 50 इंडेक्स पर देश का पहला ETF पेश किया. ETF ने 8 जनवरी 2002 को NSE पर शुरुआत की और पहले ही दिन 1.30 करोड़ रुपये की ट्रेडिंग वॉल्यूम दर्ज की. एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड एक लो-कॉस्ट इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है जो छोटे और पहली बार निवेश कर रहे निवेशकों को स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग करके इक्विटी मार्केट में निवेश करने का एक्सपोजर देता है.

नियमित निवेशकों के अलावा, ETF के माध्यम से शेयर मार्केट में प्रोविडेंट/पेंशन फंड की भागीदारी और भारत सरकार द्वारा अपने विनिवेश योजनाओं (डिसइन्वेस्टमेंट स्कीम्स) के लिए ईटीएफ के इस्तेमाल ने भारत में ETF बिजनेस को काफी बढ़ावा दिया है.

कैसी रही ETF में रिटेल इन्वेस्टर की भागीदारी?

भारत में ETF ने NSE पर 100 ETF की  लिस्टिंग के साथ एक नया मील का पत्थर पार किया है. पिछले एक साल में NSE पर 21 ETF लिस्ट हुए. कह सकते हैं की पिछला साल ETF इंडस्ट्री के लिए काफी अच्छा रहा . भारत में ETF के एसेट अंडर मैनेजमेंट(AUM) के तहत एसेट पांच वर्षों में 13.8 गुना से बढ़कर रु 3.16 लाख करोड़ (मई 2021 के अंत में) हो गया, पांच साल पहले (अप्रैल 2016 के अंत में) यह 23,000 करोड़ रुपए था.

NSE के MD और CEO, विक्रम लिमये कहते हैं, “भारतीय बाजार को चलाने में रिटेल इन्वेस्टर की अहम भूमिका है. घरेलू बचत को फाइनेंशियल प्रोडक्ट में शामिल करना, जो कैपिटल फॉर्मेशन में सहायता करते हैं, हमेशा हमारे खास उद्देश्यों में से एक रहा है.”

ETF  की बढ़ती लोकप्रियता और पैसिव इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस की ओर इन्वेस्टर्स के बढ़ते रुझान के चलते , AMC कई थीम्स पर ETF लॉन्च कर रहे हैं, जिसमें हेल्थकेयर एंड कंजम्पशन जैसे सेक्टोरल ETF, सूचकांकों पर स्ट्रेटेजी ETF जैसे निफ्टी 50 वैल्यू 20 इंडेक्स, निफ्टी 100 लो वोलैटिलिटी 30 इंडेक्स, निफ्टी अल्फा लो वोलैटिलिटी 30 इंडेक्स और निफ्टी 200 क्वालिटी 30 इंडेक्स शामिल हैं.

11 एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) हैं जिनका अंडरलाइंग एसेट गोल्ड है. पिछले फिस्कल ईयर में रिकॉर्ड स्तर पर लेनदेन देखने को मिला , जिसमें 12 लाख से अधिक निवेशकों ने गोल्ड ETF में लेनदेन किया. गोल्ड ETF में AUM की टोटल वैल्यू 16,624 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है, जो पिछले पांच वर्षों के मुकाबले  2.5 गुना ज्यादा है.

चालू वित्त वर्ष में, NSE पर ETF का औसत दैनिक कारोबार लगभग 265 करोड़ रुपये था. इसके अलावा, ETF  में डील करने वाले निवेशकों की संख्या में 96% का इजाफा हुआ है, FY20  में जहां यह संख्या 20.4 लाख थी FY21 में यह बढ़कर  40.1 लाख हो गई. FY22 के पहले तीन महीनों में ही 22 लाख से अधिक निवेशक ट्रांजेक्शन कर चुके हैं.

Published - July 7, 2021, 12:04 IST