अगर आप कोई गलत फाइनेंशियल प्रोडक्ट खरीदते हैं तो ये कैपिटल मार्केट में आपके पूरे भरोसे को हिला सकता है. फाइनेंशियल इंडस्ट्री का कमीशन बेस्ड बिजनेस मॉडल पर अक्सर मिस-सेलिंग के आरोप लगते रहते हैं. फाइनेंशियल एडवाइजर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स मोटे कमीशन वाले प्रोडक्ट्स लोगों को बेचने के लिए बुरी नजर से देखे जाते हैं. कई दफा ये ऐसे प्रोडक्ट्स नहीं होते जो कि किसी इनवेस्टर्स के रिस्क प्रोफाइल और इनवेस्टमेंट गोल्स के लिए उचित नहीं होते हैं.
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) का इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स के एडमिनिस्ट्रेशन और सुपरविजन के लिए फ्रेमवर्क जारी करना एक अच्छा कदम है. इस कदम से निवेशकों के हितों की सुरक्षा होगी. सेबी (SEBI) ने BSE की सब्सिडियरी BSE एडमिनिस्ट्रेशन एंड सुपरविजन को 1 जून 2021 के लिए IAASB के तौर पर नियुक्त किया है. IAASB यानी इनवेस्टमेंट एडवाइजर एडमिनिस्ट्रेशन एंड सुपरवाइजरी बॉडी.
IAASB की जिम्मेदारियों में इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स (IA) का सुपरविजन, इनवेस्टर्स की शिकायतों का निपटारा शामिल है. इसके अलावा, इसमें इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स (IA) की शिकायतों को दूर करना और IA से पीरियॉडिकल रिपोर्ट्स लेकर उनकी गतिविधियों पर नजर रखना भी शामिल है.
मार्केट रेगुलेटर (SEBI) निवेशकों के लिए ज्यादा पारदर्शिता और स्पष्टता लाने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है. मौजूदा स्ट्रक्चर से पैदा हो रहे हितों के टकराव को रोकने के लिए सेबी लगातार इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स रेगुलेशंस 2013 एक्ट में संशोधन कर रहा है.
इस साल जनवरी में सेबी (SEBI) ने तीन स्टॉक ब्रोकर्स और उनके डायरेक्टर्स को निवेशकों को अवैध निवेश सलाह सेवाएं देने के लिए बैन कर दिया था. सेबी के मुताबिक, ये तीनों इकाइयां इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स के तौर पर काम कर रही थीं और इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स स्टैंडर्ड्स के लिए आवश्यक रजिस्ट्रेशन कराए बगैर ही निवेशकों को स्टॉक्स की सलाह दे रही थीं.
IAASB के आने के बाद से इस तरह की गलत गतिविधियों पर लगाम लगना मुमकिन हो पाएगा. सेबी का उठाया गया ये एक अच्छा कदम है. लेकिन, अब फ्रेमवर्क जारी हो गया है और एक एजेंसी को इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स को मॉनिटर और रेगुलेट करने के लिए नियुक्त कर दिया गया है. ऐसे में सेबी को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि ये कदम धरालत पर लागू हो सकें और इनका सही तरीके से पालन हो सके.