ऑक्सीजन की किल्‍लत पांच औद्योगिक सेक्‍टर्स को करेगी प्रभावित, जानें क्‍या पड़ेगा असर

Oxygen: ऑक्सीजन की मांग अप्रैल के दूसरे सप्ताह में पांच गुना होने का अनुमान लगाया गया है. लेकिन कुछ क्षेत्रों पर इसका असर पड़ेगा

Oxygen, Oxygen Cylinder, Delhi, Delhi Oxygen Supply, Arvind Kejriwal, Oxygen at hospital

Picture: PTI

Picture: PTI

देश में मेडिकल ऑक्‍सीजन (Oxygen) की कमी होने से हाहाकार मचा हुआ. सरकार इस किल्‍लत को पूरा करने की कवायद में जुटी हुई है.  ऑक्‍सीजन की कमी से पांच औद्योगिक सेक्‍टर्स भी प्रभावित होंगे. मेडिकल ऑक्सीजन की मांग बढ़ने के साथ, केंद्र सरकार ने 22 अप्रैल, 2021 से (नौ क्षेत्रों को छोड़कर) औद्योगिक उपयोग पर रोक लगा दी है. मेडिकल ऑक्सीजन की मांग अप्रैल के दूसरे सप्ताह में पांच गुना होने का अनुमान लगाया गया है. इसके परिणामस्वरूप मेडिकल ऑक्सीजन की उच्‍च आपूर्ति से लोगों की जान बच जाएगी, लेकिन कुछ क्षेत्रों पर इसका असर पड़ेगा.

क्रिसिल रेटिंग्स (Crisil Ratings) के निदेशक, गौतम शाही ने कहा, “औद्योगिक उपयोग के लिए ऑक्सीजन (Oxygen) की आपूर्ति में व्यवधान छोटे और मध्यम आकार की कंपनियों के राजस्व को धातु निर्माण,ऑटोमोटिव कंपोनेंटस, शिपब्रेकिंग, पेपर और इंजीनियरिंग में अस्थायी रूप से प्रभावित करेगा। इनमें आमतौर पर कैप्टिव ऑक्सीजन प्लांट नहीं होते हैं और इनकी आवश्यकता वेल्डिंग, कटाई, सफाई और रासायनिक प्रक्रियाओं जैसे मर्चेंट सप्लायर्स के माध्यम से होती है. ”

एयर-सेपरेशन प्लांट स्थापित करने या ऑक्सीजन आयात (Oxygen Import) करने के लिए महत्वपूर्ण समय की आवश्यकता होती है और इसमें अपेक्षाकृत निषेधात्मक लागत शामिल होती है, इसलिए यह वायबल विकल्प नहीं है. यह बड़े की तुलना में उन्हें अधिक असुरक्षित बनाता है.

उद्योग द्वारा ऑक्सीजन की खपत दो तरीकों से की जाती है – ऑनसाइट और मर्चेंट सेल्‍स. ऑनसाइट प्रक्रिया-संचालित उद्योगों (सरकार द्वारा छूट प्राप्त नौ क्षेत्रों सहित) के लिए कैप्टिव प्‍लांट़स के माध्यम से है, जो भारत में निर्मित ऑक्सीजन का 75-80% हिस्सा है. शेष 20-25% की आपूर्ति क्रायोजेनिक टैंक, सिलेंडर और मर्चेंट सेल्‍स (तरल ऑक्सीजन) के माध्यम से की जाती है. स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में मर्चेंट सेल्‍स की बिक्री का लगभग 10% हिस्सा है.

क्रिसिल रेटिंग्स (Crisil Ratings) के एसोसिएट डायरेक्टर सुशांत सरोडे ने कहा, ” इस समय, हम मानते हैं कि औद्योगिक उपयोग के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति में व्यवधान 6 से 8 सप्ताह तक रहेगा. इसके अलावा, प्रभावित क्षेत्र इन्वेंट्री के साथ आंशिक रूप से अपनी ऑक्सीजन आवश्यकताओं का प्रबंधन कर सकते हैं. इसलिए, हम उनके लिए राजस्व में केवल एक सीमित गिरावट की उम्मीद करते हैं। उनके क्रेडिट प्रोफाइल के स्थिर होने की उम्मीद है. ”

हालांकि, उद्योगों को ऑक्सीजन (Oxygen) की आपूर्ति को लंबे समय तक रोके जाने पर प्रभावित क्षेत्रों में जोखिम बढ जाएगा. इसका असर महाराष्ट्र, नई दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात की कंपनियों के लिए अधिक होगा, जहां सबसे ज्‍यादा कोविड -19 के मामले के कारण मेडिकल ऑक्सीजन की मांग कई गुना बढ़ गई है.

Published - April 23, 2021, 01:12 IST