कोविड महामारी से बेहाल वित्त वर्ष 2020-21 में इक्विटी मार्केट्स में रही जबरदस्त तेजी के बीच ब्रोकरेज हाउसेज के यहां पिछले साल अप्रैल से हर महीने औसतन 13 लाख नए डीमैट अकाउंट (Demat Accounts) खुले हैं. इस तरह से इस साल 31 मई तक देश में कुल रिटेल इनवेस्टर्स की संख्या बढ़कर 6.97 करोड़ पर पहुंच गई है. BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) के आंकड़ों से इस बात का पता चल रहा है.
एक महीने में 35% गिरा था बाजार
मार्च 2020 में आई भारी गिरावट के वक्त बाजार एक महीने में ही करीब 35% गिर गए थे. उस वक्त WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने कोविड (Covid-19) को वैश्विक महामारी घोषित किया था. इसके बाद जून से मार्केट में तेजी का सिलसिला बना हुआ है.
2020 का अंत दिसंबर में मार्केट में 15 फीसदी की बढ़त के साथ हुआ. यही नहीं पूरे वित्त वर्ष की बात की जाए तो ये ऐतिहासिक 68% चढ़ा है.
इससे पहले 2008-09 में मार्केट ने ऐतिहासिक 80% की छलांग लगाई थी, ये उछाल इससे पिछले साल वैश्विक वित्तीय संकट आने के बाद मार्केट में आई 40 फीसदी की गिरावट के बाद दर्ज किया गया था.
हर महीने 12-15 लाख नए इनवेस्टर्स
ब्रोकरेज हाउस और एक्सचेजों में गुजरे 14 महीनों में औसतन 12-15 लाख नए इनवेस्टर्स (investors) हर महीने आए हैं. इस तरह से ये आंकड़ा बढ़कर 6.97 करोड़ पर पहुंच गया है. BSE के चीफ आशीष कुमार चौहान ने इस बात की जानकारी दी है.
उन्होंने कहा है कि इनमें से 40% नए डीमैट अकाउंट्स (Demat Accounts) BSE ब्रोकर्स ने जोड़े हैं.
6.9 करोड़ डीमैट खाते, 25% अकेले महाराष्ट्र से
31 मई तक देश में कुल 6.9 करोड़ डीमैट अकाउंट्स (Demat Accounts) थे. इनमें से करीब एक-चौथाई अकेले महाराष्ट्र से हैं, इसके बाद 85.9 लाख खातों के साथ गुजरात दूसरे नंबर पर है.
चौहान ने बताया, “BSE ने गुजरे 15 महीनों के दौरान करीब 40% नए इनवेस्टर्स अकाउंट्स जोड़े हैं. ये आंकड़ा पिछले साल मार्च से लेकर इस साल मई अंत तक का है.”
मोबाइल से ट्रेडिंग ने दी सहूलियत
चौहान ने कहा कि निवेशकों के नए खाते जुड़ने की वजह ये है कि ऑटोमेशन और मोबाइल ट्रेडिंग (Mobile trading) ने लोगों के लिए निवेश को आसान बनाया है. इसके चलते देश के हर कोने से बड़ी तादाद में नए निवेशक मार्केट में आ रहे हैं और स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर रहे हैं.
तीसरे नंबर पर UP
महाराष्ट्र और गुजरात के बाद तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है जहां 52.3 लाख इनवेस्टर अकाउंट हैं. हालांकि, उत्तर प्रदेश की करीब 20 करोड़ की आबादी के मुकाबले ये आंकड़ा बेहद छोटा है.
चौथे नंबर पर 42.3 लाख खातों के साथ तमिलनाडु और पांचवें नंबर पर 42.2 लाख खातों के साथ कर्नाटक का नंबर है.
छठवें नंबर पर बंगाल आता है जहां 39.5 लाख खाते हैं. दिल्ली में ये नंबर 37.3 लाख और आंध्र प्रदेश में 36 लाख और राजस्थान में 34.6 लाख खाते हैं.
इनेक्टिव अकाउंट्स की भी बड़ी संख्या
हालांकि, बड़ी संख्या में ये अकाउंट इनेक्टिव भी हैं. मार्च 2020 में हुई एक इंडस्ट्री स्टडी से पता चल रहा है कि उस वक्त के 4 करोड़ अकाउंट्स में से केवल एक चौथाई ही यानी करीब 1 करोड़ खाते ही एक्टिव थे.
सेबी की गाइडलाइंस के मुताबिक, किसी भी डीमैट खाते को अगर एक साल तक ऑपरेट नहीं किया जाता है तो उसे इनेक्टिव मान लिया जाता है.