दुनिया के दिग्गज निवेशकों में शामिल वयोवृद्ध मार्क मोबियस ने भारतीय शेयर बाजार में अपना मजबूत विश्वास जताया है. मार्क मोबियस का कहना है कि भारत 50 वर्ष की रैली के रास्ते पर है. मोबियस ने अपने इमर्जिंग-मार्केट्स फंड का लगभग आधा भारत और ताइवान में लगाया है. मोबियस ने चीनी शेयरों में गिरावट के चलते ऐसा किया है. मोबियस का कहना है कि भारत और ताइवन में आवंटन बढ़ाने से उन्हें चीनी शेयरों में गिरावट को ऑफसेट करने में मदद मिलेगी.
मोबियस ने कहा कि भारत शायद इस समय वहां खड़ा है, जहां 10 साल पहले चीन खड़ा था. ब्लूमबर्ग टीवी पर एक इंटरव्यू के दौरान मोबियस ने यह बात कही. उन्होंने कहा, ‘भारत 50-वर्ष की रैली के रास्ते पर है. हालांकि, बेयर्स के साथ कुछ छोटे मुकाबले भी देखने को मिलेंगे.’ उन्होंने कहा कि सभी राज्यों में नियमों को एकीकृत करने की सरकारी नीतियां लंबी अवधि में देश की मदद करेंगी.
मोबियस ने कहा, ‘लोग कहते हैं कि उभरते बाजार खराब दिखते हैं, क्योंकि चीनी सूचकांक नीचे जा रहे हैं, लेकिन उन्हें भारत जैसे अन्य क्षेत्रों को देखना होगा, जो ऊपर जा रहे हैं. मोबियस ने कहा कि चीनी इक्विटी में गिरावट ने कुछ अवसर प्रस्तुत किए हैं.’
भारतीय शेयर बाजारों के लिए मोबियस का यह बुलिश व्यू उन एजेंसियों के विश्लेषण के बिल्कुल उलट है, जिन्होंने भारतीय शेयर बाजार को डाउनग्रेड किया है. बता दें कि मॉर्गन स्टेनली और नोमुरा होल्डिंग्स ने बेंचमार्क सूचकांकों निफ्टी और सेंसेक्स के मार्च 2020 से करीब दोगुने हो जाने के बाद भारतीय शेयर बाजार को डाउनग्रेड किया है.
सीएनआई रिसर्च के सीएमडी किशोर ओस्तवाल भी भारतीय शेयर बाजार को लेकर बुलिश हैं. उन्होंने कहा कि निफ्टी 21 दिसंबर तक 17300 से 18,800 के बीच ट्रेड करेगा और एक बार जब यह 18800 से ऊपर चला जाएगा, तो एक नई रैली देखने को मिलेगी.