Macrotech Developers Listing: मैक्रोटेक डेवलपर्स (लोढ़ा लेवलपर्स) ने शेयर बाजार पर गिरावट के साथ डेब्यू किया है. कंपनी 486 रुपये के इश्यू प्राइस के मुकाबले स्टॉक एक्सचेंज BSE पर 439 रुपये पर लिस्ट हुआ है. यानी इश्यू प्राइस के मुकाबले 9 फीसदी नीचे. बढ़ते कोरोना मामलों से बनी अनिश्चितता के बीच आज भारतीय बाजार में रुझान निगेटिव है.
IPO को सुस्त रिस्पॉन्स मिला था. 7 से 9 अप्रैल के बीच खुला ये इश्यू 1.36 गुना भरा था. ये वित्त वर्ष 2021-22 का पहला IPO था. मुंबई बेस्ड इस कंपनी ने पिछले 7 सालों में 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की प्रॉपर्टी बेची है. मैक्रोटेक डेवलपर्स (पुराना नाम लोढ़ा डेवलपर्स) सालाना बिक्री के हिसाब से भारत के सबसे बड़े बिल्डर्स हैं.
Macrotech Developers IPO के दैरान रिटेल हिस्सा 40 फीसदी भरा था, QIB हिस्सा 3.05 गुना सब्सक्राइब हुआ था तो वहीं नॉन-इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स का हिस्सा 1.44 गुना भरा था.
इश्यू के जरिए जुटाई रकम का इस्तेमाल कंपनी अपना कर्ज घटाने में करेगी. आईपीओ (IPO) के बाद कंपनी (Macrotech Developers) पर कुल कर्ज 24 फीसदी घटकर 12,700 करोड़ रह गया है. देश की दिग्गज बिल्डर्स होने के बावजूद चुनिंदा ब्रोकरेज हाउसेस ने ही इश्यू को सब्सक्राइब करने की सलाह दी थी. जबकि बाकियों ने या तो न्यूट्रल रेटिंग दी थी या इस IPO को रेटिंग ही नहीं दी थी.
बेंगलुरु की कंपनी श्रीराम प्रॉपर्टीज (Shriram Properties) ने अपने 800 करोड़ रुपये के इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास दस्तावेज जमा कराए हैं. इसमें 250 करोड़ रुपये के नए इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे. वहीं 550 करोड़ रुपये की ऑफर फॉर सेल (OFS) लाई जाएगी.
श्रीराम प्रॉपर्टीज (Shriram Properties) ने अपने चार मौजूदा निवेशकों – टीपीजी कैपिटल, टाटा कैपिटल, वाल्टन स्ट्रीट कैपिटल और स्टारवुड कैपिटल की हिस्सेदारी को आंशिक रूप से कम करने का प्रस्ताव किया है. इनके पास कंपनी की 58 प्रतिशत हिस्सेदारी है. ऑफर फॉर सेल के तहत अपना हिस्सा बेचने वाले शेयरधारकों को उनके शेयरों के अनुपात में राशि मिलेगी. बिक्री पेशकश में कंपनी को कोई राशि प्राप्त नहीं होगी.
आपके बता दें कि कंपनी को SEBI से IPO लाने की मंजूरी साल 2019 में ही मिल गई थी. उस वक्त कंपनी ने 1,250 करोड़ जुटाने की योजना बनाई थी लेकिन अब सिर्फ 800 करोड़ रुपये का इश्यू लाने की तैयारी है. कंपनी अफोर्डेबल और मिड-इनकम हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर काम करती है और दक्षिण भारत में मजबूत पकड़ रखती है. कंपनी के मुताबिक दिसंबर तिमाही में बिक्री कोरोने के पहले के दौर जितनी हो गई थी.