LIC IPO: ‘म्यूचुअल फंड सही है’ के बाद ‘शेयर बाजार सही है’ जैसा स्लोगन भी आने वाले दिनों में सुनाई दे सकता है. इस साल के अंत में भारत की सबसे बड़ी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) होने की उम्मीद से पहले, सरकार और LIC खुदरा निवेशकों की बड़ी संख्या में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता अभियान की योजना बना रही है. बिजनेस स्टैंडर्ड ने एक अधिकारी के हवाले से इसे लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की है.
कैंपेन मुख्य रूप से टियर II और टियर III शहरों में निवेशकों को टारगेट करेगा. पॉलिसीधारकों को शेयर बाजार में निवेश को लेकर जागरूक करने के लिए एलआईसी अपने एजेंटों के विशाल नेटवर्क के माध्यम से इस कैंपेन को चलाएगा.
31 मार्च, 2020 तक एलआईसी के पास लगभग 2.28 मिलियन एजेंट थे. ये कैंपन केवल एलआईसी आईपीओ में निवेश को लेकर नहीं होगी. कैंपेन में लोगों को पूरे स्टॉक मार्केट को लेकर जागरूक करने पर फोकस होगा.
सरकार LIC पॉलिसीधारकों के लिए आईपीओ का 10% हिस्सा आरक्षित रखेगी. सरकार यह भी सुनिश्चित करना चाहती है कि पॉलिसीधारकों का कोटा पूरी तरह से सब्सक्राइब हो जाए.
हाल के दिनों में शेयर बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी काफी बढ़ी है, इसके बावजूद सरकार टियर II और टियर III शहरों में स्थित एलआईसी पॉलिसी धारकों की भागीदारी में सुधार करना चाहती है जो शेयरों में निवेश को जोखिम भरा मानते हैं.
Primeinfobase.com की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में लिस्टेड कंपनियों में खुदरा निवेशकों (Retail investors) की हिस्सेदारी जनवरी-मार्च की अवधि में 6.96 प्रतिशत से अप्रैल-जून में 7.18 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है.
जागरूकता अभियान छोटे शहरों और टाउन में पॉलिसीधारकों को डीमैट खाते खोलने में भी मदद करेगा ताकि वे शेयरों में निवेश शुरू कर सकें.
डीमैट खाते आईडीबीआई बैंक के माध्यम से खोले जाएंगे, जिसमें एलआईसी की 49.24 प्रतिशत हिस्सेदारी है. हालांकि पॉलिसीधारकों के पास अपनी पसंद के किसी भी बैंक में ऐसे खाते खोलने का विकल्प भी होगा.
यह कैंपेन आईपीओ मार्केटिंग से स्वतंत्र होगी जो कॉन्सेप्ट कम्युनिकेशन की ओर से की जाएगी. कॉन्सेप्ट कम्युनिकेशन को IPO की एडवरटाइजिंग एजेंसी के रूप में चुना गया है.
सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) को ऑफर डॉक्यूमेंट्स फाइल किए जाने के बाद एडवर्टाइजमेंट कैंपेन शुरू की जाएगी.
अधिकारी ने कहा, ‘चूंकि कोई भी मौजूदा अभियान विशेष रूप से एलआईसी के आईपीओ की सदस्यता पर फोकस नहीं कर सकता है क्योंकि बीमाकर्ता ने अभी तक अपने प्रस्ताव दस्तावेज दाखिल नहीं किए हैं, इसलिए इस अभियान की योजना खुदरा निवेशकों और पॉलिसीधारकों की शेयर बाजारों में भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है.’