शंकर शर्मा से जानिए शेयर बाजार में अमीर बनने के आसान रास्ते

निवेशकों को शंकर शर्मा की सलाह: सिस्टेमेटिक प्रक्रिया को चुनें, कम स कम 20 से 25 स्टॉक्स खरीदें, और जोखिम प्रबंधन के प्रति समर्पण भाव रखें.

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First Global के को-फाउंडर और वाइस चेयरमैन शंकर को बड़ी संख्या में निवेशक फॉलो करते हैं.

First Global के को-फाउंडर और वाइस चेयरमैन शंकर को बड़ी संख्या में निवेशक फॉलो करते हैं.

दलाल स्ट्रीट का मशहूर नाम और मनी मैनेजर शंकर शर्मा (Shankar Sharma) अपने ग्राहकों को मजबूत अल्फा देने के लिए पहचाने जाते हैं. वर्षों से, उन्होंने ऐसे कई स्टॉक्स की पहचान की है जिन्होंने 200 गुना रिटर्न दिया है. फर्स्ट ग्लोबल (First Global) के को-फाउंडर और वाइस चेयरमैन शंकर को बड़ी संख्या में निवेशक फॉलो करते हैं. टि्वटर पर उनके दो लाख फॉलोअर्स हैं. मनी9 से बातचीत के दौरान शर्मा ने निवेश को लेकर अपनी स्ट्रैटेजी साझा की और केमिकल्स, सीमेंट, स्टील, फार्मास्युटिकल्स और टेक्नोलॉजी में भविष्य बताया.

मार्च 2020 के निचले स्तर के बाद से आपकी पीएमएस रणनीतियों का प्रदर्शन कैसा रहा है?

डेटा के मुताबिक, हम देश में प्रमुख मल्टीकैप PMS (पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज) में सबसे बढ़िया प्रदर्शन करने वालों में शुमार हैं. हमने बाजार को बड़े अंतर से मात दी है. इस प्रदर्शन को ध्यान में देखते हुए हमें कुछ बातें दिमाग में रखनी चाहिए. ज्यादातर लोग निवेश पर मिलने वाले रिटर्न को देखते हैं, लेकिन असली निवेशकों को ये देखना चाहिए कि उनका रिटर्न क्या हाई स्किल और हाई रिस्क की बदौलत मिला है.

बहुत ज्यादा जोखिम लेने वाला कोई भी फंड मैनेजर कुछ वक्त तक के लिए तो रिटर्न दे सकता है, लेकिन जब ऐसे स्टॉक्स में गिरावट आती है तो निवेशकों को तगड़ी चोट लगती है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आप हर यूनिट रिटर्न के लिए कितना जोखिम ले रहे हैं.

हम इस सवाल को गेन टू पेन के अनुपात में सरल बनाते हैं जो एक बहुत ही रोचक अनुपात है. यदि आप हमारे गेन-टू-पेन के अनुपात को देखते हैं, तो यह लगभग पांच गुना है जबकि हमारे बाद आने वाला सबसे बेहतरीन इस लिहाज से हमारे आधे से भी कम है. इसके साथ हमें ये भी ध्यान रखना चाहिए कि बाजारों के लिए पिछले 35 साल में मार्च 2020 का महीना सबसे मुश्किल वक्त था.

हम शार्प जोखिम मैनेजमेंट के जरिए ज्यादातर नुकसान से बचने में कामयाब रहे, जबकि अन्य सभी पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज कंपनियां 30 से 40% के बीच नीचे थीं. फंड मैनेजमेंट का महत्वपूर्ण पहलू यह है कि आप अनिवार्य रूप से आने वाली गिरावट वाले मार्केट में कितनी अच्छी तरह से निवेशकों की पूंजी को बचा पाते हैं.

बुल मार्केट में कोई भी कुछ पैसा कमा सकता है, लेकिन फंड मैनेजमेंट स्किल की असली परीक्षा तेज मंदी वाले दौर में होती है. ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बात है कि हमारा प्रदर्शन निवेश के हमारे मिश्रित मॉडल के परिणाम का नतीजा है, जो ह्यूमन प्लस मशीन है.

आप अपनी इनवेस्टमेंट फिलॉसफी पर प्रकाश डालें?

हम हमेशा एक बहुत ही विरोधाभासी फर्म रहे हैं और हमारा पूरी स्टॉक-पिकिंग फिलॉसफी उन कंपनियों को खरीदना है जो मुश्किल में हैं. इसलिए हमने कभी हिंदुस्तान लीवर या नेस्ले का एक भी शेयर नहीं खरीदा. ऐसे शेयर हमें आकर्षित नहीं करते हैं.

स्टॉक्स चुनने को लेकर हमारे तौर-तरीके काफी क्रिस्टल क्लियर हैं.

A. उन शेयरों की तलाश करें जो अपने संबंधित सूचकांक में अपने सबसे कम वजन पर कारोबार कर रहे हैं.
B. उनके व्यापार पर नजर रखें
C. यदि किसी बुनियादी व्यवसाय में कुछ योग्यता है लेकिन फिर भी परेशानी में है तो उसे निगरानी सूची में डाल दें.
D. किसी कैटेलिस्ट आने का धैर्य के साथ इंतजार करें. आमतौर पर, विकास और नंबरों को लेकर इस तिमाही का प्रदर्शन शानदार रहना चाहिए. बिक्री वृद्धि में आमतौर पर हेरफेर करना इतना आसान नहीं है, हालांकि यह संभव है. इसलिए एक कंपनी संकट में है, लेकिन अचानक बिक्री ग्रोथ के चलते एक बहुत मजबूत तिमाही दर्ज करती है तो फिर एक छोटी पोजिशन बनाने का लक्ष्य हासिल कर लेती है.

बॉटम-अप स्टॉक चुनने का तरीका बहुत ही सरल मॉडल पर आधारित है. हमने 2002 में ऐपल, एमेजॉन (2001), इंडसइंड बैंक (2009), ट्विटर (2016), नेटफ्लिक्स (2010) और भारत में स्पेशल केमिकल फर्म (2013-14) सहित कई बड़े विजेताओं की पहचान की है. इस सभी स्टॉक्स ने जमकर पैसे कमाए.

किसी भी बुल मार्केट में आप सबसे पहले क्या संकेत देखते हैं?

आमतौर पर शेयर बाजार में पहला और सबसे अच्छा संकेत बाजार का एक्सपैंशन है. यदि रिटर्न की एक बहुत मजबूत अवधि के बाद, यदि बाजार पोलराइज्ड हो जाता है तो इसका मतलब केवल कुछ मुट्ठी भर कंपनियां ही शेयर बाजार को चला रही हैं. जबकि बाजार का अधिकांश हिस्सा नेगेटिव क्षेत्र में चला गया है. ठीक ऐसे ही हालात साल 2000 में आईटी के उभार के दौरान हुई थी और ठीक ऐसा ही साल 2007 के अंत में भी देखने को मिला.

क्या आप कुछ ऐसे शेयरों की लिस्ट बना सकते हैं जिन्होंने बीते कुछ वर्षों में निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है?

जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, हमारे पास ग्लोबल लेवल पर बड़े पैमाने पर विजेता हैं. एमेजॉन, ऐपल, नेटफ्लिक्स, डॉमिनोज पिज्जा, शॉपीफाई को हमने पहचाना था और आज ये बहुत बड़े पैसा बनाने वाले बन गए हैं. इन स्टॉक्स ने कुछ नहीं तो निवेश पर 5 गुने से 200 गुना ज्यादा का रिटर्न दिया है.

मल्टीबैगर में तब्दील हो चुके शेयरों में टिके रहने पर आपको क्या भरोसा देता है?

मल्टीबैगर को पहचाने का हमारा तरीका बेहद सिस्टेमैटिक है. एक बार जब आप उनमें एक छोटा स्थान प्राप्त कर लेते हैं, तो हम इंक्रीमेंटल डेटा बिंदुओं के आधार पर जोड़ते रहते हैं. जब तक डेटा बिंदुओं का समर्थन किया जाता है, हम स्टॉक में बने रहते हैं. हमारे लिए बाहर निकलने के लिए सिर्फ एक खराब तिमाही अकेला कारण नहीं है. हमें समझना होगा कि क्यों तिमाही में खराब प्रदर्शन रहा है और क्या ऐसा एक बार होगा या बार-बार ऐसा प्रदर्शन दोहराया जा सकता है. हम पोजिशन में बने रहते हैं. अगर दो लगातार तिमाहियों में प्रदर्शन खराब रहता है और मैनेजमेंट किसी भी तार्किक तरीके से लोगों को समझाने में नाकाम रहता है तो बाहर निकलने की शुरुआत हो जाती है.

आपने अपनी गलतियों से क्या सबक लिया?

मुझसे सबसे बड़ी गलती 1998 में हुई थी जब मैंने भारतीय IT सर्विसेज कंपनियों की वैल्यूएशन को देखा और निष्कर्ष निकाला कि उनकी आय 60 गुना अधिक थी और मैंने जाकर उन्हें कम करने का फैसला कर लिया. इसके बाद मेरा सफाया हो गया क्योंकि वे बढ़ते रहे और मेरा घाटा बढ़ता रहा. उन्होंने दो साल के भीतर मूल्य-से-आय मल्टीपल में 300 गुना पर कारोबार किया.

यह मेरी अब तक की मेरी सबसे बड़ी गलती थी. मैंने अपनी इस गलती से सबसे बड़ी सीख यह ली थी कि कभी भी केवल वैल्यूएशन के आधार पर निवेश न करें. क्योंकि यह शेयर बाजार का एक बहुत ही सब्जेक्टिव पहलू है. दरअसल अलग-अलग समय में अलग-अलग वैल्यूएशन पैरामीटर काम करते हैं. उसके बाद, मैंने वैल्यूएशन पर ज्यादा ध्यान नहीं देना यह सीख लिया.

लॉर्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप को लेकर आपके सवाल क्या हैं? क्या आप मानते हैं कि इनमें ग्रोथ जारी रहेगी?

मेरा मानना है कि मिडकैप में पार्टी जारी रहेगी क्योंकि ये शेयर बाजार में कई सालों से मौजूद हैं. पिछले 12 महीनों में ही हमने उन्हें जीवन में आते देखा है. हो सकता है कि किसी भी बुल मार्केट में कुछ सुधार की आवश्यकता हो, लेकिन चल रही रैली कम से कम एक साल तक जारी रहेगी.

वर्तमान में रैली को देखते हुए कौन से सेक्टर और स्टॉक्स पर दांव लगाना ज्यादा अच्छा फैसला?

हमारे पास ग्लोबल लेवल पर सेमीकंडक्टर्स के साथ-साथ अमेरिका में ऑटोमोबाइल रिटेलर्स भी हैं. दोनों हमारे लिए शानदार काम कर रहे हैं. भारत में, हमारे पास केमिकल्स, सीमेंट, स्टील, फार्मास्युटिकल्स और टेक्नोलॉजी है.

नई दौर की घाटे वाली कंपनियों को लेकर आपकी क्या राय है?

भारतीय स्टॉक मार्केट इतिहास में घरेलू कंपनियों के लिए ये एक बड़ा इवेंट है. घाटा उठाने वाली कंपनियों को लिस्टेड मार्केट में जबरदस्त रेस्पॉन्स देखने को मिल रहा है.

भारतीय शेयर बाजार मार्केट अब और ज्यादा मैच्योर तरीके से व्यवहार कर रहा है. बाजार अब ग्लोबल तरीके से सोच रहा है, इसी का नतीजा है कि घाटे वाली कंपनियों को भी निवेशक जमकर हाथों-हाथ ले रहे हैं. अन्यथा, ऐसी कंपनियां विदेशी शेयर बाजारों में खो जातीं है, जो अब उनके घरेलू बाजारों में सूचीबद्ध होंगी जो कि उनका नेचुरल बाजार है.

मुझे विश्वास है कि कई लिस्टिंग जो पाइपलाइन में हैं 10 या 20% बड़े विजेता बन जाएंगे, जबकि अधिकांश सेकेंडरी बाजारों में बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं करेंगे क्योंकि व्यापार मॉडल विशेष रूप से कुछ नया प्रयोग नहीं हैं. साथ ही ग्राहकों के लिए ये एक घाटे का सौदा साबित होगा. जिस भी पल कंपनियां अपने नुकसान को कम करने के लिए उन प्रोत्साहनों को कम कर देगी, इससे उनकी टॉपलाइन ग्रोथ गायब हो जाएगी. कंपनियों की इस पूरी सूची के लिए यह एक बड़ी समस्या साबित होने जा रही है.

आपका इनवेस्टमेंट गुरु कौन है और आप वर्तमान में कौन सी किताब पढ़ रहे हैं?

मुझे लगता है कि जॉर्ज सोरोस और पॉल ट्यूडर जोन्स मेरे विचार के सबसे करीब हैं.

आपका दिन कैसे बीतता है और आपकी हॉबी क्या हैं?

मैं सुबह 8 बजे उठता हूं और रात करीब 12 बजे सोने जाता हूं. मैं उठते ही काम संभाल लेता हूं. खाने और जिम के लिए मैं वक्त निकाल लेता हूं. मैं दिन में कम से कम 12 घंटे काम करता हूं. मैं हफ्ते में छह दिन काम करता हूं, इससे ज्यादा नहीं. ज्यादातर दिनों में मैं अपने काम को काम नहीं मानता, क्योंकि मैं हर दिन काम को एक चुनौती के तौर पर लेता हूं.

निवेशकों के लिए आप क्या सलाह देना चाहते हैं?

निवेशकों को सबसे पहले रिसर्च करके कम से कम 20 से 25 स्टॉक्स खरीद लेने चाहिए. दूसरा, बॉटम-अप स्टॉक पिकिंग फ्रेमवर्क का पालन करें जिसका मैंने पहले उल्लेख किया है और उस श्रेणी में आने वाले कम से कम 5 या 8 स्टॉक्स को पहचानें. शेष राशि आप अच्छी कंपनियों के स्टॉक्स को अच्छी अवधि के लिए खरीद सकते हैं. इस सोच से बाहर आने के साथ आपके मल्टीबैगर के साथ आप पाएंगे कि एक साल या दो साल के अंत में इनमें से दो और पांच के बीच मूल सूची उनकी कीमत से कई गुना अधिक हो गई है.

तीसरा, निवेश की एक व्यवस्थित प्रक्रिया बनाने में समय, ऊर्जा और प्रयास का निवेश करें और निवेश का सबसे महत्वपूर्ण पहलू रिस्क मैनेजमेंट है. अधिकांश निवेशक ज्यादातर समय रिटर्न पर ध्यान केंद्रित करते हैं जबकि हम अपना अधिकांश समय जोखिम पर केंद्रित करते हैं. निवेश करियर को बर्बाद करने बड़े नुकसानों से अगर आप बच जाते हैं, तो आप बहुत अमीर बनने जा रहे हैं, मैं आपको गारंटी दे सकता हूं.

इसलिए एक व्यवस्थित प्रक्रिया का पालन करें, कम से कम 20 या 25 स्टॉक खरीदें, और रिस्क मैनेजमेंट के लिए एक पूरा समर्पण रखें. इन सिद्धांतों का पालन करने से आप जल्द पैसे वाले बनने वाले हैं.

Published - July 29, 2021, 11:33 IST