OMC कंपनियों में निवेश करने का सही समय है या नहीं, जानें इससे जुड़ी हर डिटेल

कोविड-19 के हालात में सुधार की वजह से पूरी दुनिया में तेल की मांग में बढ़ोतरी हो रही है. जिसके कारण इनकी कीमतों में तेजी जारी है.

  • Team Money9
  • Updated Date - September 28, 2021, 12:26 IST
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पहले के वर्षों में सालाना तेल आयात बिल लगभग 110 बिलियन डॉलर के करीब रहने की धारणा उलट रही है. यह बदलाव उम्मीद के मुताबिक ही हो रहा है

पहले के वर्षों में सालाना तेल आयात बिल लगभग 110 बिलियन डॉलर के करीब रहने की धारणा उलट रही है. यह बदलाव उम्मीद के मुताबिक ही हो रहा है

पूरी दुनिया में मांग में बढ़ोतरी होने व सप्लाई से जुड़ी चिंताओं की वजह से क्रूड ऑयल की कीमतों में इन दिनों तेजी देखी जा रही है. लगातार तीन हफ्तों से ब्रेंट क्रूड में वृद्धि देखी जा रही है. असल में कोविड-19 के हालात में सुधार की वजह से पूरी दुनिया में तेल की मांग में बढ़ोतरी हो रही है. इस बीच, अगस्त में भारत का तेल आयात तीन महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. असल में, रिफाइनरी कंपनियां ऊंचे मांग को ध्यान में रखते हुए तेल को स्टॉक कर रही हैं.

Morgan Stanley ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, वैश्विक बाजार में कई बदलाव देखे जा रहे हैं. बीते एक दशक के दौरान भारत में नीतियां बदलने की वजह से ट्रेंड बदला है, लोगों की आमदनी बढ़ी है, इस वजह से मांग में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

गैस की आपूर्ति में कमी

दुनियाभर में कम सप्लाई और लो इनवेंटरी जैसे हालात के बीच ग्लोबल गैस बेंचमार्क जैसे Henry Hub, Canadian gas, Henry Hub दोगुने हो चुके हैं. इस स्थिति में गैस के दाम ऊंचे बने रह सकते हैं. वैश्विक रूप से एलएनजी और सेल प्रोजेक्ट पर निवेश में कमी आई है. Morgan Stanley को लगता है कि आने वाले दिन ONGC के लिए अच्छे हो सकते हैं. उसका मानना है कि बीते दो दशक में पहली बार कंपनी का घरेलू गैस कारोबार लाभदायक हो सकता है.

रिफाइनिंग कंपनियां के लिए अनुकूल हालात

भारत की कुल रिफाइनरी बिक्री में 50 से 55 फीसदी हिस्सा डीजल का होता है. इन दिनों इसमें US$5/bbl के स्तर पर मार्जिन ब्रेक की स्थिति बनी हुई है, जो कि कोरोना के पहले की स्थिति लौट रही है. Stanley के अनुसार, बीते दशक में पहली बार ऐसा हो रहा है कि भारतीय ऊर्जा उत्पादक कंपनियों के हालात सुधर रहे हैं. इसकी वजह तेल की बढ़ी कीमतें और सरकार द्वारा समर्थित नीतियां हैं. दूसरी ओर, गैस का वैश्विक बाजार उम्मीद से अधिक टाइट हो रहा है. तेल की मांग में तेजी से सुधार हो रहा है.

इस क्षेत्र के शेयर Morgan Stanley, की पसंद में ONGC, Indian Oil, BPCL, HPCL शामिल.

ONGC | Rating: ओवरवेट | लक्ष्य कीमत: 154 रुपये

घरेलू गैस की कीमत ऊपरी स्तर पर बनी रह सकती हैं. ONGC कुल घरेलू उत्पादन में 40 फीसदी हिस्सा गैस का होता है. कंपनी इसके उत्पादन में धीरे-धीरे बढ़ोतरी कर रही है. इसकी वजह से कंपनी की आमदनी 2018 से पहले के स्तर तक बढ़ सकती है. जबकि बीते कुछ वर्षों के दौरान इसमें गिरावट देखी जा रही थी.

BPCL | Rating: ओवरवेट | लक्ष्य कीमत: 500 रुपये

BPCL के Propylene Derivative Petrochemical Project (कोच्चि रिफाइनरी) और FCC यूनिट के रिफाइनिंग मार्जिन वृद्धि हो सकती है. इसका आउटलुक बेहतर नजर आ रहा है. साथ ही वैल्य़ूएशन भी आकर्षक बना हुआ है. वित्त वर्ष 2022 की आमदनी की तुलना में इस पर 3.5 फीसदी का डिविडेंड यील्ड दिख रहा है. ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि कंपनी के सूचीबद्ध निवेश मौजूदा बाजार कीमत से 25 फीसदी डिस्काउंट पर नजर आ रहे हैं.

Hindustan Petroleum | Rating: ओवरवेट | लक्ष्य कीमत: 364 रुपये

तेल उत्पादों की मांग में सुधार होने से कंपनी का रिफाइनिंग मार्जिन बेहतर हो रहा है. साथ ही कंपनी ग्रीन और ब्राउनफील्ड रिफाइनिंग परियोजनाओं में भी निवेश बढ़ा रही है. इससे इसकी क्षमता में बढ़ोतरी होगी.

Indian Oil | Rating: ओवरवेट | लक्ष्य कीमत: 159 रुपये

IOCL, देश की सबसे बड़ी तेल मार्केटिंग कंपनी है. मार्जिन में एक डॉलर का भी परिवर्तन इसकी वित्त वर्ष 2023 की आमदनी पर 20 फीसदी का असर डालता है. रिफाइनरी हार्डवेयर अपग्रेड, पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स में स्टार्ट-अप वगैरह से कंपनी के कैश फ्लो में बढ़ोतरी हो सकती है. एक साल का आगामी P/E अभी 6.5 गुना है, जो कि इसके औसत से 23% कम है.

(डिसक्लेमर: दी गई खबर ब्रोकरेज फर्म की है. Money9 और इसका प्रबंधन इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश के पहले अपने निवेश सलाहकार से परामर्श लेना चाहिए.)

Published - September 28, 2021, 12:26 IST