इन दिनों आईटी स्टॉक्स (IT Stocks) में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है. लेकिन, क्या दुनिया तेजी से हाइपर-कनेक्टेड, हाइपर-ऑटोमेटेड और सुपर-पर्सनलाइज्ड नहीं हो रही है? बीते कुछ महीनों में मिडकैप आईटी कंपनियों की रैली में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. इसका नतीजा ये रहा कि कई मामलों में मिडकैप आईटी कंपनियों (IT Stocks) में वैल्यूएशन उनके लार्ज कैप की तुलना में काफी ज्यादा हो गई है.
इसके मद्देनजर आइए वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में आईटी कंपनियों (IT companies) के नतीजों पर नजर डालते हैं.
इस तिमाही में इंजीनियरिंग और R&D, लाइफ साइंसेज और हाई-टेक वर्टिकल्स में जबरदस्त ग्रोथ देखने को मिल रही है. क्लाउड माइग्रेशन और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिली है.
यूरोप और अमेरिका के बाजार में तेजी से हो रही रिकवरी का असर भारतीय आईटी कंपनियों पर भी दिखाई दे रहा है. ये एक अच्छा संकेत है.
मैनेजमेंट की टिप्पणियां उत्साहित करने वाली हैं और बाकी सालों के लिए मजबूत मार्गदर्शन बना हुआ है. वित्त वर्ष 2022 में प्रमुख आईटी कंपनियां की डबल डिजिट ग्रोथ दिखाई दे रही हैं और उनसे मौजूदा सीमा में मार्जिन बनाए रखने की उम्मीद है.
आईटी क्षेत्र की संकटमोचक मानी जाने वाली कंपनी इंफोसिस की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के क्षेत्र में हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है. इंफोसिस ने वित्त वर्ष 22 के लिए अपने करेंसी रेवेन्यू गाइडेंस को ‘12%-14%’ से बढ़ाकर ‘14% -16%’ कर दिया है. जबकि संख्याओं पर अक्सर विस्तार से चर्चा की जाती है, निवेशक क्वांटिटेटिव फैक्टर्स की अनदेखी करते हैं. ऐसे में हमने उन पर फोकस करने के बारे में सोचा है.
हम आज के दौर में एक दिलचस्प ट्रेंड देख रहे हैं. भारतीय आईटी कंपनियां अपने ग्राहकों से संबंधित डीलों को तेजी से अंजाम दे रही हैं.
उदाहरण के लिए, अमेरिका की एक बड़ी फार्मा कंपनी ने टीसीएस को 8,300 स्टोर्स और 31 वेयरहाउस में अपनी ऊर्जा बचत पहल को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी है. इस पहल के साथ, कंपनी का लक्ष्य कार्बन उत्सर्जन को 70 हजार टन तक कम करना है. और ये अकेली कंपनी नहीं होगी.
ऐसे ही जापानी पॉवर जनरेशन कंपनी ने टीसीएस को प्लांट ऑटोमेशन और मेंटिनेंस के काम के लिए चुना है. कंपनी फिलहाल कार्बन उत्सर्जन को कम करने पर काम कर रही हैं. ऐसे ही, अमेरिकी गैस और इलेक्ट्रिसिटी कंपनी ने टीसीएस को जंगल की आग की घटनाओं के लिए बेहतर रोकथाम और आपातकालीन प्रतिक्रिया देने के लिए चुना है.
ऑटोमोटिव मार्केट में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है, L&T टेक्नोलॉजी सर्विसेज और टाटा Elxsi जैसी कंपनियां इलेक्ट्रिक व्हीकल के क्षेत्र में नए ऑर्डर हासिल कर रही हैं.
बड़े पैमाने पर EV (इलेक्ट्रिक व्हीकल) इको सिस्टम विकसित करना एक स्थायी भविष्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. आईटी कंपनियां नए ग्रोथ वाले क्षेत्रों की पहचान कर रही हैं, और उन कार्यक्षेत्रों में विकास के अवसरों को पकड़ने के रणनीतियां तैयार कर रही हैं.
LTTS ने अपनी तकनीकी क्षमताओं का विस्तार करने और मजबूत करने के लिए 6 प्रमुख रणनीतिक निवेश क्षेत्रों की पहचान की है. ये क्षेत्र 5जी, इलेक्ट्रिक ऑटोनोमस और कनेक्ट व्हीकल, मिड-टेक, डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग और AI&ML संचालित स्मार्ट ऑफर हैं. स्टॉक्स ने अकेले जुलाई में 17 फीसदी की उड़ान भरी है.
एचसीएल टेक ने एक नए इंडस्ट्री सॉफ्टवेयर ग्रुप की शुरुआत की है. जो 5G, टेलीकॉम और इंटरप्राइजेज AI में अगली पीढ़ी के प्रोडक्ट्स के निर्माण पर फोकस करेगा. इसके अलावा, कंपनियों ने नए देशों की तलाश की हैं, उनमें दक्षिण कोरिया, वियतनाम, ताइवान, मेक्सिको, ब्राजील, स्पेन और पुर्तगाल जैसे नाम शामिल है. कंपनी मैनेजमेंट के मुताबिक इन देशों में मजबूत आर्थिक विकास क्षमता है और तेजी से होता डिजिटलीकरण उनकी खासियत है.
कंस्ट्रेशन रिस्क को कम करने के लिए बड़ी कंपनियां और कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू में बदलाव ला रही है. आगे जाकर, एम एंड ए आईटी कंपनियों के लिए एक अधिकत संभावित विकास क्षेत्र के रूप में उभर सकता है.
भारतीय आईटी कंपनियों की नजर ग्राहकों के अनुभवों को और बेहतर बनाने की ओर है. उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में माइंडट्री की टॉप लाइन में ग्राहक की सफलता और डेटा इंटेलिजेंस ने 40% और 15% का योगदान दिया.
मजेदार बात है, जून क्वार्टर में माइंडट्री के ट्रैवल रेवेन्यू ने महत्वपूर्ण रिकवरी हासिल की और महामारी के दौर से पहले के स्तर पर सिर्फ 10% कम के स्तर तक पहुंच गया. ट्रैवल, ट्रांसपोर्टेशन और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र माइंडट्री की शीर्ष पंक्ति में 13% योगदान देता है.
ऐसे ही, टाटा Elxsi को एक प्रमुख हेल्थकेयर प्रदाता की ओर से अगली पीढ़ी के डिजिटल प्लेटफॉर्म को तैयार करने का कॉन्ट्रैक्ट मिला है. इसने अपने ग्लोबल ओटीटी प्लेटफॉर्म के डेवलेपमेंट के लिए यूएस-आधारित ब्रॉडकास्टर के साथ एक समझौता भी किया.
क्या अपने कर्मचारियों को वापस ऑफिस बुलाएंगी आईटी कंपनियां?
एचसीएल टेक का लक्ष्य है कि वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही तक अपने सभी कर्मचारियों को वैक्सीन लगवा दी जाए. यही लक्ष्य टीसीएस का भी है. टीसीएस के मैनेजमेंट के मुताबिक उनके 70 फीसदी कर्मचारियों ने कम के कम एक बार कोरोना की वैक्सीन लगवा ली है. जबकि इंफोसिस में वैक्सीन लगवा चुके कर्मचारियों की संख्या 58 फीसदी है.
वर्क फ्रॉम होम का माहौल आईटी कंपनियों के लिए बेहतर साबित हो रहा है क्योंकि उनका खर्च घटा है.
ऐसा लग रहा है कि महामारी के बाद भारतीय आईटी कंपनियां अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देंगी. वो कर्मचारियों पर निर्भर होगा कि वो ऑफिस आना चाहेंगे तो आएंगे वरना घर से ही काम करेंगे. कर्मचारी वरीयता, ग्राहक की उम्मीदें और प्रोडक्ट/सर्विस की नेचर जिस पर वे काम कर रहे हैं, निर्णायक कारक होंगे.
सभी बातों का सार
कई बड़ी आईटी कंपनियां कई सालों के हाई वैल्यू वाले कॉन्ट्रैक्ट में बंधी हुई हैं. कइयों के पास पाइपलाइन में शानदार डील हैं. नतीजन, आईटी कंपनियों के पास कमाई और ग्रोथ के बढ़िया अवसर हैं. इन कंपनियों का मौजूदा वर्तमान वैल्यूएशन उनके ऐतिहासिक वैल्यूएशन की तुलना में महंगा है. लेकिन बीते 10 से 15 सालों के बीच, निवेश का साइकिल वर्तमान स्थिति की तुलना में इतना मजबूत नहीं था.
हमें भूलना नहीं चाहिए, आईटी सेक्टर कैपिटल-इनटेंसिव सेक्टर नहीं है, और आईटी कंपनियों जबरदस्त फ्री कैश फ्लो पैदा करती हैं. अगर डिजिटल में भविष्य है, आईटी कंपनियों के लिए आने वाला वक्त काफी अच्छा है, इसलिए आईटी स्टॉक्स को लालच में जल्दी नहीं बेचें. अपने स्टॉक्स को लेकर स्पेसिफिक रहें.
(लेखक वेंचुरा सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड हैं. ये लेखक के निजी विचार हैं.)