Be Alert Against Fake Research Report: सेबी के सख्त नियमों के बाद, अब धोखाधड़ी की संभावना कम है. हालांकि, निवेशकों को अभी भी सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि बेईमान लोग आपकी जेब से पैसे निकालने के लिए पूरी सिस्टम को उलटने के तरीके खोज लेते हैं. आज के जमाने में सही और गलत के भेद का पता करना कठिन बन गया हैं, और अब तो फर्जी रिसर्च रिपोर्ट भी आने लगे हैं. अपने नाम पर प्रसारित किए गए फर्जी रिसर्च रिपोर्ट के बारे में ब्रोकरेज फर्म ICICIdirect ने अपने ग्राहकों को सावधान किया हैं.
ब्रोकरेज फर्म ICICIdirect ने अपने ग्राहकों को ब्रोकिंग फर्म के नाम पर फर्जी रिसर्च रिपोर्टों के बारे में आगाह करते हुए कहा है कि, अनुचित निवेश निर्णय लेने में भोले-भाले निवेशकों को गुमराह करने के लिए बाजार में उसके नाम पर फर्जी रिपोर्ट को प्रसारित किया जा रहा है. ICICIdirect ने कहा है कि, “यह हमारे संज्ञान में आया है कि ICICIdirect के नाम से फर्जी रिसर्च रिपोर्ट बाजार में प्रसारित की जा रही है ताकि भोले-भाले निवेशकों को गलत निवेश निर्णय लेने में भ्रमित किया जा सके. ये रिपोर्टें हमारी आधिकारिक रिपोर्ट के समान डिज़ाइन टेम्प्लेट का अनुसरण कर रही हैं, और / या हमारे ट्रेडमार्क का उल्लंघन कर रही हैं, जिससे निवेशकों के लिए अंतर करना कठिन हो गया है. जबकि हम मूल का पता लगाने और कुछ वेबसाइटों पर पोस्ट की जा रही इन रिपोर्टों को हटाने के लिए अधिकारियों की मदद से आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं.”
2019 में सेबी ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड को ग्राहकों के शेयरों को गिरवी रखने और 1,096 करोड़ रुपये मूल्य के ग्राहकों की प्रतिभूतियों को उनकी समूह कंपनी कार्वी रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड को उनकी सहमति के बिना स्थानांतरित करने पर प्रतिबंध लगा दिया था. ये मामला कई निवेशकों को अच्छी तरह से याद हैं, क्योंकि इस घटना ने खुदरा निवेशकों की नींद उडा दी थी.
(1) यहां से मिलेगी रिसर्च रिपोर्टः याद रखें, कोई भी ब्रोकरेज कंपनी अपने ग्राहकों को अपनी आधिकारिक वेबसाइट या एप्लीकेशन के जरिए अपने रिसर्च रिपोर्ट उपलब्ध कराती हैं. यदि आपने ब्रोकरेज से पेइड सर्विस ली हैं, तो आपको इमेल द्वारा रिसर्च रिपोर्ट भेजी जाती हैं.
(2) किसका करें भरोसाः निवेशकों को कभी भी अज्ञात और संदिग्ध स्रोतों से प्राप्त रिपोर्टों पर भरोसा नहीं करना चाहिए.
(3) वित्तीय स्वास्थ्यः बेहतर सुरक्षा के लिए बैंकिंग ब्रोकर्स के साथ अपना डीमैट खाता खोलें. इतना ही नहीं, ब्रोकर के वित्तीय स्वास्थ्य का अध्ययन करें.
(4) नए हथकंडेः फर्जी कंपनियां लालची निवेशकों को लुभाने के लिए नए प्रकार के हथकंडे अपनाती हैं. इसीलिए, अब उन्होंने फर्जी रिसर्च रिपोर्ट के जरिए किसी ऐसी कंपनी में निवेश का प्लान बनाया हैं, जहां से वे अच्छी कमाई करके निवेशकों को फंसा सके.
(5) वैध है या अवैधः आपको हमेशा अपने ब्रोकर के बारे में सावधान रहना चाहिए, क्योंकि आप उनके जरिए ही अपनी वैल्थ क्रिएट करते हैं. हमेशा जांचने का प्रयास करें की आपका ब्रोकर वैध है या नहीं.
(6) पृष्ठभूमि चेक करेंः ब्रोकरेज फर्म या ब्रोकर ने अतीत में किसी भी तरह की अनुशासनात्मक समस्या का सामना किया हैं या नहीं ये जानने का पता करें. ब्रोकर की पृष्ठभूमि की जाँच करें.
(7) अवांछित कॉलः अवांछित फोन कॉल से सावधान रहें. यदि आपको ऐसे कॉल या इमेल आते हैं, तो उनका भरोसा करने से दूर रहें. आपको कॉल करके सामने वाली व्यक्ति गॉरन्टीड रिटर्न देने का भरोसा दिलाने की लालच देता हैं, तो तुरंत ही सावधान हो जाए.
(8) चेक करें लेजर बैलेंसः ब्रोकर से 90 दिनों में कम से कम एक बार लेजर बैलेंस और स्टॉक स्टेटमेंट प्रस्तुत करने के लिए कहें.
(9) शिकायतः ब्रोकर द्वारा धोखाधड़ी या निष्क्रियता के मामले में, डिपॉजिटरी को समय पर शिकायत करें. जब संदेह होता है, तो शिकायत दर्ज करने के विकल्प तलाशें और क्षतिपूर्ति प्राप्त करने विकल्प अपनाएं. ऑफलाइन ट्रेडों के लिए ब्रोकर के पास हस्ताक्षरित डिलीवरी इंस्ट्रक्शन स्लिप रखने से बचें.