Paytm IPO: एक दशक से भी अधिक समय पहले कोल इंडिया ने पब्लिक ऑफर के जरिए 15,000 करोड़ रुपये जुटाए थे. इसके बाद से इतनी बड़ी राशि का इश्यू नहीं आया था. पेटीएम ने यह रिकॉर्ड तोड़ा है. इस डिजिटल पेमेंट कंपनी ने 18,300 करोड़ रुपये की इश्यू साइज के साथ भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ लॉन्च कर दिया है. यह आईपीओ सोमवार, 8 नवंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है, जिसे 10 नवंबर तक सब्सक्राइब किया जा सकेगा. इस इश्यू में 8,300 करोड़ रुपये के ताजा शेयर जारी होंगे और 10,000 करोड़ रुपये के शेयर ऑफर फॉर सेल के तहत बिक्री के लिए रखे जाएंगे. इस इश्यू में प्राइस बैंड 2,080 से 2,150 रुपये है. आइए 9 पॉइंट्स से समझते हैं कि इस आईपीओ में निवेश फायदे का सौदा है या नहीं.
1. पेटीएम में निवेश करने का मतलब है पेमेंट प्रॉसेसिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज मार्केट की उच्च क्षमताओं पर पैसा लगाना. इन दोनों कारोबारों ने ही साल 2016 से 30% सीएजीआर से अधिक की वृद्धि की है. इसके अलावा पेटीएम मुद्रा के एक सेवा प्रदाता से धीरे-धीरे खुद को धन के निर्माता के रूप में स्थापित कर रहा है. यह बात पीएटीएम के आईपीओ को आकर्षक बनाती है.
2. वैल्यूएशन काफी एक्सपेंसिव दिखाई पड़ती है. कंपनी वित्त वर्ष 2020-21 में अपनी सेल्स से 49 गुना अधिक 20 अरब डॉलर वैल्यूएशन की उम्मीद कर रही है. इस उच्च वैल्यूएशन के कारण यह आईपीओ लॉन्ग टर्म के हिसाब से आकर्षक नहीं लग रहा है.
3. सीएनआई रिसर्च के एमडी किशोर ओस्तवाल का कहना है कि निवेशक लिस्टिंग गेन के लिए इस आईपीओ में निवेश कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि लॉन्ग टर्म के हिसाब से देखें, तो वैल्यूएशन काफी महंगी है. इसलिए निवेशकों को लॉन्ग टर्म के लिए इस आईपीओ में निवेश से बचना चाहिए.
4. सेबी रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार डॉ रवि सिंह ने कहा, “पेटीएम के राजस्व में ग्रोथ और घाटे का रेश्यो आकर्षक नहीं दिख रहा है. हालांकि, कंपनी ब्रांडिंग खर्चों को सीमित करके अपने घाटे को कम करने में सफल रही है. इस इश्यू से प्राप्त राशि का उपयोग अपनी बिजनेस लाइन को विकसित करने की योजना से कंपनी की आगे की ग्रोथ स्पष्ट होगी. पेटीएम का अधिकांश राजस्व केवल पेमेंट सेवाओं पर निर्भर रहना चिंता का विषय है. ओवरऑल बिजनेस मॉडल को देखते हुए हम निवेशकों को इस आईपीओ को सब्सक्राइब करने की सलाह देते हैं.”
5. कंपनी के फाइनेंशियल्स पर निगाह डालें, तो ये कुछ निराशाजनक हैं. पेटीएम (Paytm) की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस का राजस्व वित्त वर्ष 2019 से वित्त वर्ष 2021 के बीच करीब 6% सीएजीआर से घटा है.
6. कंपनी का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2019 में -4,230.9 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2020 में -2942.4 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2021 में -1701 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में -284.2 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में -381.9 करोड़ रुपये रहा है. पेटीएम के लिए जरूरी है कि वह अपने घाटे को कम करे और मुनाफे पर फोकस करे.
7. केआर चोकसे रिसर्च का कहना है कि कंपनी तीन वित्तीय नियामकों- आरबीआई, सेबी और इरडा के दायरे में आती है. किसी भी नियामक का प्रतिकूल कदम कंपनी की राजस्व वृद्धि को बाधित कर सकता है. वहीं, मारवाड़ी फाइनेंशियल सर्विसेज का कहना है कि अगर कंपनी अपने ग्राहकों को बनाए रखने, नए ग्राहकों को आकर्षित करने और लेनदेन की मात्रा का विस्तार करने में नाकाम रहती है, तो कंपनी का राजस्व व मुनाफा प्रभावित होगा.
8. आईपीओ वॉच के अनुसार, पेटीएम का शेयर ग्रे मार्केट में 7 फीसद या 150 रुपये के प्रीमियम के साथ 2,300 रुपये पर मिल रहा है.
9. बता दें कि इस आईपीओ में शेयरों का आवंटन 15 नवंबर को होगा, डीमैट अकाउंट में शेयर 17 नवंबर को क्रेडिट होंगे. वहीं, स्टॉक एक्सचेंजों पर शेयर की लिस्टिंग 18 नवंबर को होगी.