IPO: भारतीय पूंजी बाजार ऐतिहासिक वृद्धि का गवाह बनने जा रहा है क्योंकि छह कंपनियों ने 10 नवंबर तक लगभग 31,400 करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी कर ली है. पेटीएम ब्रांड के तहत काम करने वाली डिजिटल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस भी इनमें शामिल है. यह ब्रांड पेटीएम के तहत काम कर रहा है, जिसका लक्ष्य 18,300 करोड़ रुपए जुटाना है. पेटीएम ने अपने आईपीओ (IPO-Initial public offering) शेयरों की कीमत 2,080 से 2,150 रुपए प्रति शेयर बैंड रखी है, जो यह बताता है कि कंपनी लगभग 20 अरब डॉलर का मूल्यांकन चाहती है. यह देश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा.
टेची लाइव की खबर के अनुसार भारत में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ अक्टूबर-नवंबर 2010 में कोल इंडिया का था जिसनें 15,500 करोड़ रुपए जुटाए थे.
बाजार सूत्रों के मुताबिक, सबसे पहले व्यापारियों के बीच डर यह है कि आईपीओ की बाढ़ कई निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो का हिस्सा बेचने के लिए मजबूर कर सकती है और उस पैसे को इन प्रस्तावों में निवेश करने के लिए विशेष रूप से लिस्टिंग लाभ के लिए निवेश करने के लिए मजबूर कर सकती है.
विदेशी फंडों से होने वाली आमद जो कुल प्रस्ताव का लगभग 40-50% होने का अनुमान है, का मतलब विदेशी मुद्रा प्रवाह का 12,000-15,000 करोड़ रुपए हो सकता है, इससे रुपए की मजबूती में मदद मिल सकती है.
घरेलू मुद्रा में क्यों आई मजबूती?
गुरुवार को शेयर बाजार में तेज बिकवाली के बावजूद घरेलू मुद्रा (रुपया) 11 पैसे की मजबूती के साथ 74.92 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ.
आमतौर पर जिस दिन शेयर बाजार में तेजी से गिरावट आती है, रुपया भी अमेरिकी डॉलर, यूरो, पाउंड स्टर्लिंग और जापानी येन जैसी प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले कमजोर होता है.
बीएसई के आंकड़ों से पता चलता है कि विदेशी फंडों द्वारा 3,819 करोड़ रुपए की शुद्ध बिकवाली के बावजूद घरेलू मुद्रा में गुरुवार को मजबूती आई. पिछले कुछ हफ्तों में सेबी की हरी झंडी मिलने के बाद तीन और हाई प्रोफाइल आईपीओ भी लाइन में हैं.
क्या कहते हैं बाजार विशेषज्ञ?
बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि अदाणी विल्मर 4,500 करोड़ रुपए, वन मोबिक्विक से 1,900 करोड़ रुपए जुटाने की उम्मीद कर रही है और स्टार हेल्थ के लिए ऑफर साइज 3,000 करोड़ रुपए से अधिक होने की उम्मीद है.
मर्चेंट बैंकरों ने कहा कि ये ऑफर अब कभी भी खुल सकते हैं. सरकार अपने आईपीओ के माध्यम से वित्तीय वर्ष के अंत से पहले जीवन बीमा दिग्गज एलआईसी को सूचीबद्ध करने की भी योजना बना रही है.
मर्चेंट बैंकरों ने कहा कि इस पेशकश से 70,000 करोड़ रुपए से 1 लाख करोड़ रुपए के बीच कुछ भी मिलने की उम्मीद है.