साल 1986 में 2 जनवरी से शुरुआत करने वाले BSE सेंसेक्स (sensex) ने अब तक कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. इस दौरान इसने लोगों को रईस भी बनाया है और कुछ घंटों में ही लोगों अरबों रुपये डुबोए भी हैं.
हालांकि, ज्यादातर उतार-चढ़ाव आर्थिक वजहों से आए हैं, लेकिन शेयर बाजार पर देश में चल रही राजनीतिक घटनाओं का भी असर देखा गया है.
मसलन, चुनावी नतीजे कई बाजार बाजार के चढ़ने और गिरने की वजह बने हैं.
5 राज्यों के नतीजों को कैसे देखेगा बाजार
सोमवार (3 मई) को जब बाजार खुलेगा तो उस पर 5 राज्यों में हुए चुनावों के नतीजों का असर दिखाई दे सकता है.
2 मई, रविवार को पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में हुए विधानसभा चुनावों की वोटों की गिनती हो रही है.
दोपहर के रुझानों के हिसाब से, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं.
उनकी तृणमूल कांग्रेस (TMC) 202 सीटों के साथ भारी बहुमत की ओर बढ़ती दिख रही है. दूसरी ओर, BJP 87 सीटों पर आगे चल रही है.
असम की अगर बात करें तो बीजेपी 59 सीटों के साथ सरकार बनाती दिख रही है.
तमिलनाडु में डीएमके 122 सीटों और AIADMK 80 सीटों पर आगे बनी हुई है. और इस तरह से राज्य में सत्ता में बदलाव हो रहा है.
केरल में लेफ्ट गठबंधन 56 सीटों के साथ दोबारा राज्य में वापसी करता दिख रहा है.
पुडुचेरी में 30 सीटों में से 12 सीटों पर AINRC आगे चल रही है.
इनवेस्टर्स अनिश्चितता को पसंद नहीं करते हैं और पांच राज्यों के नतीजे जिस तरह से दिखाई दे रहे हैं उससे लगता है कि वोटरों ने हर राज्य में निश्चित बहुमत दिया है.
ऐसे में सोमवार को बाजार इन नतीजों के हिसाब से अपना रुख तय करेगा.
भारत में निवेशकों ने मार्केट्स से अपना भाग्य बनाया है. महज 18 महीने में सेंसेक्स (sensex) 30,000 से 40,000 पर पहुंचा है. जबकि 40,000 से 50,000 पर पहुंचने में इसे केवल 14 महीने ही लगे हैं.
इन दोनों अहम पड़ाव के बीच बाजार में कोरोना महामारी के चलते बड़ी गिरावट भी आई है.
ऐसे में सोमवार को इनवेस्टर्स बाजार पर कैसे रिएक्ट करते हैं यह देखने की बात होगी, हालांकि, हम यहां पिछले चुनावी नतीजों के बाद बाजार में आई तेजी और गिरावट पर नजर डाल रहे हैं.
17 मई 2004
अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार चुनाव हार गई थी और कांग्रेस की यूपीए सत्ता में आई थी.
मार्केट इन नतीजों से सहम गया. सेंसेक्स (sensex) में 842 अंक की ऐतिहासिक गिरावट आई. सेंसेक्स (sensex) में 11 फीसदी की गिरावट के चलते इस पर सर्किट लगाना पड़ा.
ट्रेडिंग दोबारा चालू होने पर मार्केट और गिरकर 4,227.50 पर पहुंच गया और इसके बाद ट्रेडिंग को दो घंटे के लिए और रोकना पड़ा.
16 मई 2014
लोकसभा चुनावों के बाद नरेंद्र मोदी की अगुवाई में 10 साल बाद केंद्र में बीजेपी की वापसी हुई. मार्केट ने इसका जश्न मनाया और सेंसेक्स (sensex) पहली बार 25,000 को पार कर गया. इसमें 1,470 अंक की तेजी आई.
24 मई 2019
बीजेपी ने 303 सीटें जीतीं और बाजार को एक बार फिर से जश्न मनाने का मौका मिल गया. सेंसेक्स (sensex) में 623 अंक की तेजी आई. इस दिन सेंसेक्स 40,000 के आंकड़े को पार कर गया और निफ्टी ने 12,000 का आंकड़ा तोड़ दिया.
11 दिसंबर 2018
इस दिन मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के नतीजे आए थे. सेंसेक्स (sensex) में 190 अंक का उछाल आया और ये 35,150 पर पहुंच गया.
दरअसल, सेंसेक्स (sensex) दिन के लो लेवल से 724 अंक रिकवर हुआ क्योंकि बाजार को दिखा कि बीजेपी ने उतना बुरा प्रदर्शन नहीं किया है जैसा कि शुरुआत में दिख रहा था.