देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) का मुनाफा मार्च तिमाही में 18.2 फीसदी बढ़ा है. इस साल कंपनी का मुनाफा 8,186.5 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है जबकि पिछले साल इसी दौरान कंपनी को 6,927.69 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. वहीं बैंक की ब्याज से होने वाली आय (नेट इंट्रस्ट इनकम) 12.6 फीसदी के उछाल के साथ 17,120.2 करोड़ रुपये पर आई है. पिछले साल की चौथी तिमाही में ये 15,204.06 करोड़ रुपये थी.
बैंक को लोन पर जो ब्याज से आय होती है उसमें से अगर बैंक जो फिक्स्ड डिपॉजिट या सेविंग्स खातों पर ग्राहकों को जो ब्याज देता है उसे हटा दिया जाए तो जो रकम आएगी वही है नेट इंट्रस्ट इनकम. बैंकों की कमाई का यही मुख्य स्रोत है.
अन्य स्रोतों से आय और पहले से किए प्रोविजन की वजह से बैंक के मुनाफे में बढ़त आई है.
एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) की नेट इंटरेस्ट मार्जिन इस तिमाही 4.2 फीसदी रही है. वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में भी ये 4.2 फीसदी थी जबकि पिछले साल जनवरी से मार्च के दौरान ये 4.3 फीसदी थी.
बैंक के ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट (GNPAs) दिसंबर तिमाही के 1.38 फीसदी के मुकाबले मार्च तिमाही में 1.32 फीसदी पर रहे हैं. बैंक के NPA जितने कम हो उतना बेहतर होता है. हालांकि पिछले साल की चौथी तिमाही में ये आंकड़ा 1.26 फीसदी पर था.
बैंक के नतीजों में रिटेल लोन की अहम भूमिका होती है. रिटेल लोन ग्रोथ ज्यादा रहना बैंक की अच्छी सेहत का संकेत होते हैं. जनवरी से मार्च के दौरान एचडीएफसी बैंक की रिटेल लोन ग्रोथ 6.7 फीसदी रही है, जबकि कुल लोन ग्रोथ साल दर साल 21.7 फीसदी पर आई है. बैंक के डिपॉजिट्स में भी बढ़त हुई है. ये 16.3 फीसदी चढ़कर 13.35 लाख करोड़ रुपये के पार निकला है. करेंट अकउंट-सेविंग अकाउंट डिपॉजिट का रेश्यो में पिछले साल के मुकाबले 27 फीसदी ज्यादा रहा है.
बैंक ने 4,593.7 करोड़ रुपये की प्रोविजनिंग की है जो पिछले साल के मुकाबले 14 फीसदी ज्यादा है और तिमाही दर तिमाही 24 फीसदी ज्यादा. कोरोना की दूसरी लहर की वजह से बैंक पिछले वित्त वर्ष के लिए कोई डिविडेंड जारी नहीं करेगा.