Freshworks m-cap: फ्रेशवर्क्स (Freshworks) का बाजार पूंजीकरण (market capitalisation) नैस्डैक स्टॉक एक्सचेंज में अपने पहले ही दिन 13 बिलियन डॉलर को पार कर गया. इससे भारत के लगभग 500 कर्मचारी या कंपनी के कुल कर्मचारियों (4,300) की संख्या के लगभग 12 प्रतिशत करोड़पति बन गए. इससे भी दिलचस्प बात यह है कि उनमें से 70 से अधिक कर्मचारियों की उम्र 30 वर्ष से कम है.
वेल्थ जनरेशन के बारे में पूछे जाने पर फ्रेशवर्क्स के फाउंडर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर गिरीश मैथ्रबूथम (Girish Mathrubootham) ने कहा कि ‘मैं वास्तव में मानता हूं कि जिन लोगों ने वेल्थ (पैसा) बनाने में मदद की है उन लोगों के साथ इसे शेयर किया जाना चाहिए.
ये अकेले संस्थापक को अमीर बनाने के लिए नहीं है. भारत में हमारे 500 से अधिक एम्प्लॉई करोड़पति हैं. मेरा मानना है कि वे इसके लिए योग्य है और उन्होंने इसे अर्जित किया है. सभी ने कंपनी की ग्रोथ में योगदान दिया है.
बुधवार को एक समय पर, कंपनी के शेयर लगभग 46.24 डॉलर प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे, जिससे इसका बाजार पूंजीकरण 13 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया.
इससे पहले दिन में, कंपनी के शेयर 43.50 डॉलर पर ओपन हुए. इसका आईपीओ प्राइज 36 डॉलर था. इससे उनका वैल्यूएशन 12 बिलियन डॉलर से ज्यादा बढ़ गया.
फ्रेशवर्क्स के 4,300 कर्मचारियों में से लगभग 76 प्रतिशत के पास ग्लोबल लेवल पर कंपनी के स्टॉक या इक्विटी रिवॉर्ड हैं. सीईओ ने कहा, ‘इस आईपीओ ने मुझे उन सभी कर्मचारियों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का अवसर दिया है, जिन्होंने दस वर्षों से अधिक समय से फ्रेशवर्क्स में विश्वास किया है.
यह वास्तव में कुछ ऐसा है जिसे भारत को और अधिक बार करने की आवश्यकता है.’ उन्होंने कहा, ‘कंपनी ने 2010 में केवल छह सदस्यों के साथ चेन्नई में अपने ऑपरेशन शुरू किए थे और मौजूदा स्तर को छूने से पहले 2015 में केवल 500 कर्मचारी थे.’
फ्रेशवर्क्स नैस्डैक पर लिस्ट होने वाली पहली इंडियन SaaS (सॉफ्टवेयर एज ए सर्विस) कंपनी है. सीईओ ने कहा कि वह भारत से कंपनियों के अगले सेट को ग्लोबल पर जाते हुए देखने के लिए उत्साहित हैं.
फ्रेशवर्क्स के लिए दो सबसे बड़े बाजार अमेरिका (America) और यूरोप (Europe) हैं. सीईओ ने कहा, ‘चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद में शीर्ष प्रतिभाओं तक हमारी पहुंच को हम स्पष्ट रूप से एक बड़े लाभ के रूप में देखते हैं.’