जून में FPI ने भारतीय बाजारों में 13,269 करोड़ रुपये लगाए

साल की पहली तिमाही में अच्छे परिणाम और लंबे समय में सकारात्मक आय वृद्धि के रुख से भारतीय शेयरों में FPI की दिलचस्पी के बढ़ने की वजह है.

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यदि आप निवेश की शुरुआत करने जा रहे है तो स्मोल-केप और मिड-केप में निवेश करने से दूर रहना चाहिए.

यदि आप निवेश की शुरुआत करने जा रहे है तो स्मोल-केप और मिड-केप में निवेश करने से दूर रहना चाहिए.

FPI Investment: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Portfolio Investor-FPI) ने 2 महीने बिकवाली करने के बाद रुख बदलते हुए जून में इंडियन सिक्योरिटीज मार्केट्स में 13,269 करोड़ रुपये का नेट इनवेस्टमेंट किया है.

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर (प्रबंधक अनुसंधान), हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इसकी वजह देश में कोविड-19 मामलों में लगातार आ रही कमी हो सकती है जिससे अर्थव्यवस्था के तेजी से खुलने की उम्मीद बढ़ी है.

उन्होंने बताया कि इसके साथ साल की पहली तिमाही में अच्छे परिणाम और लंबे समय में सकारात्मक आय वृद्धि के रुख से भारतीय शेयरों में FPI की दिलचस्पी के बढ़ने की वजह है.

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, FPI 1 जून से 30 जून के बीच शेयरों में 17,215 करोड़ रुपये के खरीदार रहे तथा बॉन्ड बाजार से 3,946 करोड़ रुपये की निकासी की.

इस तरह इस अवधि में उनकी ओर से कुल 13,269 रुपये का नेट इनवेस्टमेंट हुआ है.

इससे पहले मई और अप्रैल में विदेशी निवेशकों ने क्रमश: 2,666 करोड़ और 9,435 करोड़ रुपये निकाल लिए थे.

LKP सिक्योरिटीज के हेड (रिसर्च) एस रंगनाशन ने कहा, “जून में अप्रैल और मई में लगा लॉकडाउन धीरे-धीरे हटाया गया और FPI ने सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त प्रौद्योगिकी और बीमा जैसे कई क्षेत्रों में शेयर खरीदे जो लार्ज कैप एवं मिड कैप आधारित थे.”

कोटक सेक्योरिटीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष (इक्विटी टेक्नीकल रिसर्च) श्रीकांत चौहान ने कहा कि ताइवान, दक्षिण कोरिया और फिलीपींस को छोड़कर ज्यादातर उभरती अर्थव्यवस्थाओं और एशियाई बाजारों में इस महीने अब तक FPI ने निवेश किया है.

Published - July 4, 2021, 07:38 IST