पिछले छह महीनों से हम लगातार यह तर्क दे रहे हैं कि बाजार में तेजी से सुधार होने वाला है.
मार्केट (Stock Market) में जब तेजी रहती है, तो सभी खुश रहते हैं और जैसे ही इस दिशा उलटती है, निवेशक परेशान हो जाते हैं. यह कहना है मोतीलाल ओसवाल एएमसी का. कंपनी के फंड मैनेजर (AIF & PMS) मनीष संथालिया बताते हैं, “कुछ निवेशक छह महीनों या सालभर में अच्छा रिटर्न चाहते हैं. हम उन्हें होल्ड करने की सलाह देते हैं. हम तीन साल की अवधि को ध्यान में रखकर पोर्टफोलियो तैयार करते हैं. फंडामेंटल के आधार पर निवेश करना चाहिए, न कि टेक्निकल आधार पर. कंपनी को ग्रोथ का पूरा समय देना चाहिए.”
मार्केट में उतार-चढ़ाव बना रहता है. यह हमेशा एक ही दिशा में नहीं चलता. मोतीलाल ओसवाल एएमसी के, एसोसिएट डायरेक्टर सुस्मित पटोदिया कहते हैं, बाजार कैच-अप की तरह होता है और कैच-अप एक ही दिशा में नहीं फैलता. शेयरों में कभी भी उछाल आ जाता है. इसका उदाहरण देते हुए वह आगे बताते हैं कि पिछले साल मिड कैप और स्मॉल कैप के आईटी स्टॉक 25 फीसदी डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहे थे, लेकिन अब वे 30 से 40 फीसदी प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं. एक साल में अचानक उछाल आ गया.
रिटर्न के पीछे भागने के बजाए, प्रोसेस पर नजर रखनी चाहिए. फंड मैनेजर आदित्य खेमानी के अनुसार, यदि कोई म्यूचुअल फंड हमेशा ही बेस्ट परफार्मर रहा है तो कहीं न कहीं गड़बड़ी है. वह बताते हैं, “ ग्राहकों को हमेशा अच्छा रिटर्न चाहिए होता है. यहीं गड़बड़ी पैदा होती है. ट्रेड करना और निवेश करना, दो अलग-अलग चीजें हैं. कभी कोई शेयर अच्छा प्रदर्शन करता है, तो कभी बुरा. निवेशक को प्रोसेस पर ध्यान देना चाहिए.”
मोतीलाल ओसवाल फोकस्ड 25, के बीते सालभर के हल्के प्रदर्शन पर एग्जिक्यूटिव ग्रुप वाइस प्रेसीडेंट सिद्धार्थ बोथरा का कहना है, किसी भी फंड के लाइफ में ऐसा समय आता है जब वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता. हमारे इस फंड का फोकस कंपनियों को ग्रोथ पर है. इसने पहले भी अच्छा रिटर्न दिया है, तब भी हम वहीं कर रहे थे जो हम आज कर रहे हैं. शेयरों पर शार्ट-टर्म एप्रोज काम नहीं करता.