कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद जून तिमाही में FMCG सेक्टर के नतीजे अच्छे रहे. BSE FMCG इंडेक्स में शामिल फर्मों ने लो बेस पर नेट सेल में साल-दर-साल लगभग 20 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की. ऐसा तब है, जब इसी तिमाही में नेशनल लॉकडाउन के दौरान टॉपलाइन पर खराब असर पड़ा था.
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान नेट प्रॉफिट में सालाना आधार पर 12 फीसदी की ग्रोथ देखी गई. दूसरी लहर के झटके से उभरते हुए अब सामान्य स्थिति वापस आ रही है. दूसरी तिमाही में और बेहतर रिजल्ट की उम्मीद है.
डेटा से पता चलता है कि इस तिमाही के दौरान डाबर इंडिया ने YoY 28.45% की ग्रोथ के साथ 438.37 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया. कोलगेट-पामोलिव, HUL और नेस्ले इंडिया ने YoY नेट प्रॉफिट में 17.69%, 10.70% और 10.68% की बढ़त दर्ज की. ITC ने सेल में 35.97% की ग्रोथ के साथ नेट प्रॉफिट में YoY 30.24% ग्रोथ दर्ज की.
डाबर ने प्री-कोविड लेवल की सेल को पार करते हुए मजबूत ग्रोथ देखी. कुछ असेंशियल कैटेगरी, जैसे कि एडिबल ऑयल, स्टेपल, नूडल्स, नमक, ओरल केयर में तिमाही के दौरान स्ट्रांग वॉल्यूम ग्रोथ देखी गई. चाय, साबुन, हेयर ऑयल में हाई प्राइजिंग ग्रोथ देखी गई, क्योंकि कंपनियों ने कमोडिटी कॉस्ट में भारी वृद्धि की है.
मैरिको ने एडिबल ऑयल और फूड कैटेगरी में सस्टेनेबल ग्रोथ देखी, जबकि हेयर ऑयल सेगमेंट में कंप्लीट वॉल्यूम रिकवरी देखने को मिली. स्किन केयर, कॉस्मेटिक, डिटर्जेंट जैसी डिस्क्रीशनरी कैटेगरी में मजबूत सेल ग्रोथ देखी गई, लेकिन यह प्री-कोविड लेवल से नीचे बनी रही. इसी तरह, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, जूस, सिगरेट जैसी ‘आउट ऑफ होम’ और ‘ऑन-द-गो’ कैटेगरी में एक्सट्रीम लो बेस क्वार्टर से तेज रिकवरी देखी गई. हालांकि, वॉल्यूम अभी भी प्री-कोविड लेवल से नीचे बना हुआ है.
हालांकि रेवेन्यू, वॉल्यूम और ऑपरेटिंग प्रॉफिट में दो साल की ग्रोथ पर एक नजर डालने से पता चलता है कि ब्रिटानिया ने मैट्रिक्स में सबसे बढ़िया प्रदर्शन किया, इसके बाद गोदरेज कंज्यूमर (GCPL) और डाबर ने अपनी जगह बनाई. बजाज कंज्यूमर मैट्रिक्स में पिछड़ गया. सेल और EBITDA के टर्म में, HUL के हेडलाइन नंबरों को GSK के साथ इसके मरजर से फायदा हुआ.
टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, इमामी और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स सहित FMCG की बड़ी कंपनियों के शेयरों में साल-दर-साल 37% से ज्यादा की तेजी आई, जबकि बेंचमार्क BSE सेंसेक्स इसी अवधि में करीब 13% चढ़ा है. इसी अवधि के दौरान मैरिको, हिंदुस्तान फूड्स, बजाज कंज्यूमर केयर, प्रॉक्टर एंड गैंबल हाइजीन और डाबर इंडिया सहित अन्य प्लेयर्स ने 11% -30% की ग्रोथ देखी.
ICICI सिक्योरिटीज ने कहा कि डिस्क्रीशनरी कैटेगरी में दूसरी कोविड -19 लहर के चलते रेवेन्यू 1.8% नीचे गिर गया. हालांकि, कच्चे माल की बढ़ती कीमतों के कारण हाई प्राइसिंग ग्रोथ ने sub-par वॉल्यूम के इम्पैक्ट को ऑफसेट कर दिया.
ICICI सिक्योरिटीज का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर ने ग्रामीण विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाला था, लेकिन जून और उसके बाद के महीनों में रिकवरी भी तेज रही है. ऑनलाइन शॉपिंग ट्रेंड में तेजी के साथ ई-कॉमर्स चैनलों में हाई ग्रोथ (50-100%) जारी रही. प्री-कोविड सिनेरियो में लगभग 2-3% की तुलना में चैनल अब FMCG कंपनियों की बिक्री में 6-9% का योगदान दे रहा है.
ब्रोकरेज ने कहा, ‘FMCG कंपनियां स्मॉलर SKU के माध्यम से कुछ कम पहुंच वाली कैटेगरी की पहुंच बढ़ाने के लिए डायरेक्ट डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं.’
सेंट्रम ब्रोकिंग ने FMCG सेक्टर में ITC और ब्रिटानिया पर अपना पॉजिटिव व्यू बनाए रखा. उन्हें आगे बजाज कंज्यूमर के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है.