टॉप फाइव डिजिटल-ओनली ब्रोकरों ने इंडस्ट्री के आधे से अधिक एक्टिव क्लाइंट बेस पर कब्जा कर लिया है. जेरोधा, अपस्टॉक्स, एंजेल वन, 5पैसा और ग्रो की जुलाई के अंत तक बाजार हिस्सेदारी 53 प्रतिशत से अधिक थी, जिसमें कुल 1.26 करोड़ सक्रिय ग्राहक थे. वित्त वर्ष 2019 के अंत में यह आंकड़ा 17 फीसदी था.
शीर्ष पांच पारंपरिक ब्रोकरों की हिस्सेदारी इसी अवधि के दौरान 33 प्रतिशत से घटकर 22 प्रतिशत हो गई. ये आंकड़े एक बड़े बदलाव को दर्शाते हैं. इन आंकड़ों से पता चलता है कि लोग अब पारंपरिक ब्रोकरों से डिजिटल-ओनली ब्रोकरों की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं. बिजनेस स्टैंडर्ड ने इसे लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की है.
कोविड-19 महामारी से डिजिटल ब्रोकरों को काफी फायदा हुआ है. वर्तमान ग्राहक आधार का लगभग 70 प्रतिशत महामारी के दौरान जुड़ा है. ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की सरलता, फ्लैट-फीस स्ट्रक्चर्स और त्वरित खाता खोलने की प्रक्रिया ने लोगों को इस ओर आकर्षित किया है.
अपस्टॉक्स के को फाउंडर और सीईओ रवि कुमार ने कहा, ‘एक्टिव ट्रेडर्स की संख्या में वृद्धि बड़े पैमाने पर टियर-2 और टियर-3 शहरों/टाउन्स से हुई है, जिनमें से अधिकांश फर्स्ट टाइम इन्वेस्टर्स हैं. महामारी के दौरान यह ट्रेंड काफी तेजी से बढ़ा है, जिसमें लोग पारंपरिक साधनों से परे आय के अतिरिक्त स्रोतों की तलाश कर रहे थे.’
5paisa.com के सीईओ और एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रकाश गगदानी ने कहा, ‘पिछले 16 महीनों में हमने 6,55,792 सक्रिय ग्राहक जोड़े हैं. ग्राहक अधिग्रहण के हिसाब से ये करीब 180 प्रतिशत की ग्रोथ है. इस वित्तीय वर्ष में, हम उस संख्या को पार करने की उम्मीद कर रहे हैं.’
इस ब्रेकनेक ग्रोथ के बावजूद, सभी ब्रोकर लगातार मुनाफा नहीं कमा रहे हैं. पिछले वित्तीय वर्ष में 5paisa ने 8 करोड़ रुपए का नेट लॉस पोस्ट किया था. वित्त वर्ष 2021 में कंपनी ने 14.7 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट दर्ज किया.
कुछ साल पहले जेरोधा जैसे ब्रोकर डिस्काउंटिंग मॉडल के साथ इंडस्ट्री में आए थे. इन ब्रोकरों ने ही इंडस्ट्री में वर्षों से चले आ रहे मॉडल को बदला. अब अधिकांश डिजिटल ब्रोकर इंट्राडे और F&O ट्रेडों के लिए फ्लैट 20 रुपये चार्ज करते हैं. पहले ये चार्ज काफी ज्यादा हुआ करता था.
डिजिटल ब्रोकरों को देखकर पारंपरिक ब्रोकरों ने भी अपने चार्ज कम कर दिए हैं. जेरोधा के फाउंडर और चीफ एग्जीक्यूटिव नितिन कामथ ने कहा, ‘डिस्काउंट और ट्रेडिशनल ब्रोकरों के बीच का अंतर काफी कम हो गया है. अब बेस्ट प्रोडक्ट एक्सपीरियंस को लेकर प्रतिस्पर्धा है.’ कंपनी को हाल ही में मार्केट रेगुलेटर से एसेट मैनेजमेंट कंपनी बनाने का अप्रूवल मिला है.
जेरोधा ने पिछले दो वर्षों में इक्विटी SIP, GTT (गुड टिल ट्रिगर्ड) ऑर्डर्स, बास्केट ऑर्डर और स्टॉक गिफ्टिंग जैसी सुविधाओं को पेश किया है और कम से कम दो बार अपने मोबाइल ऐप काइट को नया रूप दिया है. इस साल इसने ‘नज’ लॉन्च किया, जो ग्राहकों को ट्रेडिंग करते समय जीतने की बेहतर संभावना में मदद करता है. ब्रोकर की योजना NPS को प्लेटफॉर्म पर पेश करने और जल्द ही एडवाइजरी स्पेस में प्रवेश करने की है.
अन्य ब्रोकरों ने भी सुविधाओं का विस्तार किया है. 5paisa और ग्रो ने प्लेटफॉर्म पर US स्टॉक, डिजिटल गोल्ड और म्यूचुअल फंड की पेशकश की है. एंजेल वन ने स्ट्रीक, स्मॉलकेस, सेंसिबुल और वेस्टेड जैसे थर्ड पार्टी प्रोडक्ट्स को एकीकृत किया है. एंजेल ने 2019 में फिजिकल ब्रांच को बंद करते हुए बिजनेस मॉडल को फिर से इंजीनियर किया था. एंजेल एसेट मैनेजमेंट के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर आधारित पैसिव प्रोडक्ट के साथ प्रवेश करने की योजना बना रहा है.
इसमें पहले नंबर पर जेरोधा है. इसका एक्टिव क्लाइंट बेस 45,43,870 का है. मार्केट शेयर 19.09 प्रतिशत है. दूसरे नंबर पर अपस्टॉक्स है. इसका एक्टिव क्लाइंट बेस 33,10.215 का है. मार्केट शेयर 13.91 फीसदी है. तीसरे नंबर पर एंजेल ब्रोकिंग है. इसका एक्टिव क्लाइंट बेस 21,52,468 और मार्केट शेयर 9.04 प्रतिशत का है.
चौथे नंबर पर ICICI सिक्योरिटीज है. एक्टिव क्लाइंट बेस 19,52,592 का है और मार्केट शेयर 8.20 पर्सेंट. पांचवें नंबर पर ग्रो है. इसका एक्टिव क्लाइंट बेस 15,68,235 का और मार्केट शेयर 6.59 फीसदी है.
छठे नंबर पर 5paisa है, जिसका एक्टिव क्लाइंट बेस 10,89,828 का है. सातवें नंबर पर HDFC सिक्योरिटीज है. इसका एक्टिव क्लाइंट बेस 9,77,645 का है और मार्केट शेयर 4.11 प्रतिशत. आठवें नंबर पर कोटक सिक्योरिटीज है, जिसका एक्टिव क्लाइंट बेस 8,44,627 का है और मार्केट शेयर 3.55 पर्सेंट.
शेयरखान नौवें स्थान पर है. इसका एक्टिव क्लाइंट बेस 7,34,556 का है. मार्केट शेयर 3.09 फीसदी है. दसवें नंबर पर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज है. इसका एक्टिव क्लाइंट बेस 6,80,499 का है. मार्केट शेयर 2.86 प्रतिशत है. ये डेटा 31 जुलाई 2021 का है, जो NSE UCC 12-मंथ रोलिंग एक्टिव क्लाइंट पर आधारित है.