चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने IPL का खिताब एक बार फिर जीतकर स्पोर्टिंग फ्रैंचाइजी बिजनेस में दमदार वापसी की है. खेल का मैदान फतेह करने के अलावा टीम ने खुद को एक ब्रैंड के तौर पर भी खड़ा किया है. इसी के साथ इसकी पेरेंट कंपनी इंडिया सीमेंट के लिए अगली ग्रोथ को लेकर रणनीति तैयार करनी होगी. इसकी कीमत ‘यूनिकॉर्न’ श्रेणी में पहुंचने के साथ निवेशकों को अब स्पोर्ट्स टीमों को अब कमर्शियल रूप से सक्षम संस्थानों के रूप में देखना शुरू कर देना चाहिए.
समय आ गया है कि स्पोर्टिंग कंपनियां खुद को स्टॉक मार्केट पर लिस्ट करना शुरू कर दें. इससे एक नए इन्वेस्टमेंट कल्चर की शुरुआत होगी. खेल से जुड़ी गतिविधियां बड़े निवेशकों को ध्यान आकर्षित कर रही हैं. यहां एक नया बाजार खड़ा हो सकता है. स्पोर्ट्स को प्रफेशनल तरीके से संभालने का चलन भी देश में अपनी जगह बना सकता है. कुछ वैसे ही, जैसा विदेशों में लंबे समय से होता आ रहा है.
CSK वह टीम है, जो क्रिकेट के मैदान के बाहर भी जीत का फॉर्मूला तैयार करने की क्षमता रखती है. इंडिया सीमेंट्स के हेड एन श्रीनिवासन को विश्वास है कि फ्रैंचाइजी आधारित लीग की लोकप्रियता बढ़ने के साथ CSK का मार्केट कैप उसकी पेरेंट कंपनी से अधिक हो सकता है. उनका कहना है कि CSK की उपलब्धियों ने इंडिया सीमेंट्स की 75 साल पुरानी ब्रैंड इमेज को फिर से चमकाया है.
इस तरह के डेवलपमेंट खेल जगत की वित्तीय वृद्धि के लिए अनेकों मौके खड़े होने का भरोसा दिलाते हैं. पिछले डेढ़ साल में महामारी से होकर गुजरते हुए इक्विटी मार्केट तेजी से मैच्योर हुआ है. देश के उद्यमी भी स्टार्टअप खड़े कर रहे हैं, जो तेज गति से यूनिकॉर्न बनते जा रहे हैं. अगर स्पोर्ट्स कंपनियां पहला कदम उठाने का दम दिखाएं, तो निवेशक उनका हाथ थामने के लिए तैयार खड़े हैं. शेयर बाजार के खेल में बाजी मारने से स्पोर्ट्स कंपनियों को नहीं चूंकना चाहिए.