देश में क्रिप्टोकरंसी का बाजार तेजी से बढ़ रहा है. चेनएनालिसिस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 12 महीनों में इसमें 641 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. तेजी से बढ़ती मांग के बीच कॉइनस्विच कुबेर दूसरा ऐसा क्रिप्टो एक्सचेंज बन चुका है जो 1.9 अरब डॉलर के वैल्यूएशन के साथ यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो गया है.
दो महीने पहले कॉइन DCX ने करीब नौ करोड़ डॉलर निवेशकों से जुटाए थे, जिसके बाद इसका वैल्यूएशन 1.1 अरब डॉलर पहुंच गया था. इसी के साथ यह पहला क्रिप्टो एक्सचेंज बन गया था, जो यूनिकॉर्न श्रेणी में शामिल हुआ हो. इसके सीरीज सी इन्वेस्टमेंट राउंड में फेसबुक के सह-संस्थापक एडुआर्डो सेवरिन की बी कैपिटल ने हिस्सा लिया था.
हालांकि, क्रिप्टो एक्सचेंज की बाजार में वैल्यू बढ़ने, डिजिटल करंसियों से अच्छे रिटर्न मिलने और तेजी से मांग बढ़ने के बावजूद सरकार अब तक इससे जुड़े रेगुलेशन नहीं ला पाई है. यह चिंता की बात है क्योंकि क्रिप्टोकरंसी की अस्थिरता और अन्य जोखिम को समझे बिना, अच्छे रिटर्न के लिए छोटे निवेशक इसकी ओर आकर्षित हुए जा रहे हैं.
हालिया गिरावट के बावजूद बिटकॉइन और इथीरियम ने इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक क्रमशः 87 प्रतिशत और 385 फीसदी रिटर्न दिए हैं. इसी तरह काफी बाद में पेश की गई करंसी शीबा इनू ने बीते सात दिनों में 350 पर्सेंट जितना ऊंचा रिटर्न दिया है.
बंपर मुनाफा कमाने का मौका दे रहीं डिजिटल करंसियों के चलते निवेशकों के बीच इन्हें खरीदने के लिए लगी होड़ को देखते हुए क्रिप्टोकरंसी बिल का देश में पास होना बेहद जरूरी हो गया है. क्रिप्टोकरंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करंसी बिल, 2021 को फरवरी में संसद में पेश किया गया था. अगस्त में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी दी थी कि प्रस्तावित कानून को कैबिनेट के सामने पेश किया जा चुका है और मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा है.
क्रिप्टो कानून को लेकर बनी अनिश्चितता और सरकार की ओर से मिलेजुले संकेत मिलने के कारण स्पष्टता की जरूरत बढ़ी है. वित्त मंत्री कह चुकी हैं कि क्रिप्टो पर पूरी तरह से बैन नहीं लगेगा, मगर RBI लगातार वर्चुअल करंसी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने पर जोर दे रहा है. फिर बड़े क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंजों ने सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के साथ हाल में हुई बातचीत में सेक्टर को रेगुलेट करने की मांग रखी है. उनका कहना है कि इन्हें मुद्रा के बजाय कमोडिटी की तरह ट्रेड किया जाता है.
इतनी सारी उलझनों के बीच सरकार को क्रिप्टोकरंसी बिल को प्राथमिकता देते हुए पास करने की जरूरत है. इससे न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा भी होगा.