IPO of ECGC: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) की मीटिंग में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है. निर्यात बढ़ाने के मकसद से ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र की कर्ज बीमा प्रदाता एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (ECGC) लिमिटेड को सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सरकार निर्यातकों के साथ-साथ बैंकों को सहायता प्रदान करने के लिए ECGC में पांच साल के लिए 4,400 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
गोयल ने कहा कि ECGC को अगले वित्त वर्ष तक शेयर बाजारों में सूचीबद्ध किया जा सकता है. मंत्री ने कहा कि इस कदम से औपचारिक क्षेत्र में 2.6 लाख सहित 59 लाख नए रोजगार सृजित करने में मदद मिलेगी. कंपनी 2025-26 तक अपनी अधिकतम देनदारियों (ML) को 1.00 लाख करोड़ रूपये से बढ़ाकर 2.03 लाख करोड़ रुपये करने का इरादा रखती है. उन्होंने कहा कि इसके तहत अगले पांच साल में (2021-22 से 2025-26) ECGC में 4,400 करोड़ रुपये पूंजी डाली जाएगी.
सरकार ने कहा कि नियोजित पूंजी निवेश और IPO से ECGC की अंडरराइटिंग क्षमता बढ़कर 88,000 करोड़ रुपये हो जाएगी और पांच साल की अवधि में 5.28 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.
सरकार ने कहा, “लिस्टिंग से ECGC को या तो उसी IPO के माध्यम से या बाद में फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) के माध्यम से बाजार से नई पूंजी जुटाने में सक्षम बना सकती है.”
ECGC की स्थापना भारत सरकार द्वारा कंपनी अधिनियम 1957 के तहत वाणिज्यिक और राजनीतिक कारणों से विदेशी खरीदारों द्वारा गैर-भुगतान जोखिमों के खिलाफ निर्यातकों को क्रेडिट बीमा सेवाएं प्रदान करके निर्यात को बढ़ावा देने के लिए की गई थी. यह कंपनी निर्यातक उधारकर्ताओं को निर्यात ऋण देने में जोखिम के खिलाफ बैंकों को बीमा कवर भी प्रदान करती है. सरकार ने कहा, “ECGC अपने अनुभव, विशेषज्ञता और भारत के निर्यात की प्रगति और प्रगति के लिए अंतर्निहित प्रतिबद्धता के साथ भारतीय निर्यात उद्योग का समर्थन करने का प्रयास करता है.”
सरकार ने राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता (NEIA) योजना जारी रखने और पांच साल में सहायता अनुदान के रूप में 1,650 करोड़ रुपये लगाये जाने को भी मंजूरी दी है. इसके अलावा, कैबिनेट ने नीमच-रतलाम रेलवे लाइन को 1,095.88 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत और राजकोट-कनालूस रेलवे लाइन को 1,080.58 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर दोहरीकरण करने की मंजूरी दी है.