Axis Bank: एक्सिस बैंक ने चौथी तिमाही के नतीजों में 2,677 करोड़ रुपये का मुनाफा दिखाया है. वहीं पिछले साल जिनवरी-मार्च की इस तिमाही में बैंक को 1,387.8 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. वहीं ब्याज आय (नेट इंट्रस्ट इनकम -NII) पिछले साल की मार्च तिमाही के 6,808 करोड़ रुपये की तुलना में इस बार 11 फीसदी बढ़कर 7,555 करोड़ रुपये रही है. नेट इंट्रस्ट मार्जिन पर गौर करें तो ये लगभग सपाट रहा है. वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में ये 3.55 फीसदी थी तो वहीं वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में ये 3.56 फीसदी पर आई है.
एक्सिस बैंक का ग्रॉस एनपीए (Gross NPA) 3.7 फीसदी रहा और नेट एनपीए 1.05 फीसदी रहा है. दोनों मोर्चे पर सुधार दिखा है क्योंकि दिसंबर तिमाही में ग्रॉस एनपीए 4.55 फीसदी था और नेट एनपीए 1.19 फीसदी. एनपीए बैंक का जितना कम हो उतनी ही बैंक की सेहत बेहतर होती है. यानी तिमाही आधार पर बैंक की ऐसेट क्वालिटी में सुधार हुआ है.
बैंक (Axis Bank) ने चौथी तिमाही में 7,038 करोड़ रुपये के कर्ज में घाटे से जुड़े प्रोविजन भी किए हैं (इसमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक 4,266 करोड़ रुपये के NPA रीक्लासिफिकेशन से जुड़े प्रोविजन भी शामिल हैं). वहीं वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में प्रोविजनिंग 4,204 करोड़ रुपये था.
बैंक ने इसके अलावा 803 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्रोविजनिंग भी की है जो कमर्शियल बैंकिंग सेगमेंट में NPA प्रोविजन रेट में बदलाव की वजह से हुए हैं.
एक्सिस बैंक (Axis Bank) की नॉन-इंट्रस्ट इनकम, जिसमें फीस, ट्रेडिंग का मुनाफा जैसी अन्य आय शामिल है, वो साल दर साल चौथी तिमाही में 17 फीसदी बढ़कर 4,668 करोड़ रुपये रही है.
कोरोना संकट के मद्देनजर बैंक ने इस वित्त वर्ष कोई डिविडेंड नहीं दिया.
आपको बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में एक्सिस बैंक ने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का अधिग्रहण किया है और अब एक्सिस कैपिटल और एक्सिस सिक्योरिटीज का हिस्सा मिलाकर बैंक के पास कंपनी की कुल 12.99 फीसदी हिस्सेदारी है. एक्सिस बैंक अब कंपनी नें को-प्रोमोटर भी है.
पिछले वित्त वर्ष में एक्सिस बैंक (Axis Bank) की NII वित्त वर्ष 2020 की 25,206 करोड़ रुपये से 16 फीसदी बढ़कर 29,239 करोड़ रुपये रही. ऑपरेटिंग खर्च में 6 फीसदी का उछाल आया तो वहीं कॉस्ट टू एसेट रेश्यो 1.96 फीसदी रहा.
बैंक का ऑपरेटिंग मुनाफा 10 फीसदी बढ़कर 25,702 करोड़ रुपये रहा और पूरे वित्त वर्ष के लिए प्रोविजनिंग 16,896 करोड़ रुपये की थी. बैंक के शुद्ध मुनाफे में FY20 की तुलना में FY21 में 305 फीसदी का उछाल आया है. ये 1,627 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,588 करोड़ रुपये रहा.