इलाज के लिए लिया जाने वाला कर्ज देश में गरीबी की एक बड़ी वजह है. लेकिन, 38 साल के अंशुमान कुमार के मामले में ऐसा नहीं है. 2002 में किडनी ट्रांसप्लांट कराने के बावजूद वे पैसे कमाने की जद्दोजहद से आजादी पाने में सफल रहे हैं. मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले कुमार बेहद छोटी उम्र में मेडिकल संकट का शिकार हो गए. इसके चलते उन्हें वित्तीय आजादी की अहमियत समझ आई और उन्होंने बैंकर बनने का फैसला किया.
2009 में इलाहाबाद बैंक में प्रोबेशनरी ऑफिसर के साथ करियर शुरू करने के बाद अंशुमान चैन से नहीं बैठे. वे शारीरिक रूप से फिट रहने के साथ ही पैसों के लिहाज से भी मजबूत होना चाहते थे.
2009 में रांची के रहने वाले अंशुमान ने अपनी एक महीने की पूरी सैलरी बिड़ला पावर कॉरपोरेशन में लगा दी. तब उनका लॉजिक था कि इसमें बिड़ला का टैग है और ये केवल 2.16 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. दुर्भाग्य से उनकी पूरी पूंजी डूब गई.
उस वक्त कुमार को ये बात समझ आई कि बिना रिसर्च किए झटपट पैसे बनाने का लालच आपका पैसा डुबा देता है. इसके बाद उन्होंने फाइनेंशियल मामलों के जानकारों की किताबें पढ़ना शुरू कर दिया.
अपने अनुभव के साथ अंशुमान ने पाया कि मानवीय व्यवहार और पूंजी के बीच एक गहरा नाता है. उन्होंने पाया कि इंसानी जरूरतें ज्यादा बड़ी नहीं हैं, लेकिन इच्छाएं और खराब वित्तीय फैसले लोगों के पूंजी बनाने की राह में अवरोध खड़े कर देते हैं.
छोटे निवेश से शुरुआत
अंशुमान ने 2004 में अपने पिता के साथ SIP शुरू करके अपने निवेश के सफर की शुरुआत की थी. ये SIP अभी तक चल रही है. HDFC इक्विटी फंड में गुजरे 17 वर्षों के दौरान हर महीने 2,000 रुपये का निवेश अब बढ़कर 17 लाख रुपये हो गया है. उनकी ये रकम 15 फीसदी की सालाना कंपाउंडेड रेट से बढ़ी है.
पोर्टफोलियो
अंशुमान ने अपने सबक के आधार पर 10 फीसदी डेट और 90 फीसदी इक्विटी के साथ निवेश का सफर शुरू किया. टुकड़ों में स्टॉक्स में सीधे पैसे लगाने के साथ कारोबारी मॉडल को लेकर उनकी समझ बढ़ती गई.
उनके पोर्टफोलियो में CDSL, IEX, CAMS, HDFC लाइफ, एशियन पेंट्स, डिवीज लैब समेत दूसरी कंपनियां शामिल हैं. इन शेयरों में उनकी पूंजी 35% की सालाना ग्रोथ के साथ बढ़ी है.
इसके अलावा, उन्होंने HDFC फ्लेक्सी कैप, एक्सिस लॉन्ग टर्म इक्विटी, कोटक फ्लेक्सीकैप, ICICI वैल्यू डिस्कवरी, ICICI बैलेंस्ड एडवांटेज, एक्सिस स्मॉल कैप जैसे फंड्स में भी निवेश किया है. इनसे उन्हें गुजरे 17 वर्षों में 17% सालाना का रिटर्न मिला है.
आसानी से मैनेज करने के लिहाज से अंशुमान के पोर्टफोलियो में केवल 10 म्यूचुअल फंड स्कीम्स और करीब 15 स्टॉक्स ही हैं.
फाइनेंशियल फंडा
गुजरे वर्षों में अंशुमान ने एवरेजिंग की कला में महारथ हासिल की है. उनका मानना है कि भले ही ये पूंजी तैयार करने का कम बढ़िया तरीका माना जाता है, लेकिन उनकी औसत खरीदारी अभी के दाम के मुकाबले कम पर है. अंशुमान कहते हैं, “मैं हमेशा थोड़े-बहुत प्रॉफिट में ही रहा और इससे मुझे बेहद मानसिक शांति मिली है.”
लोगों की मदद
अपनी सफलता के साथ अंशुमान ने दूसरे लोगों को भी अच्छे वित्तीय भविष्य को तैयार करने में मदद देने का फैसला किया. 2013-14 में उन्होंने इसी मकसद से एक वेबसाइट शुरू की.
गुजरे वर्षों में अंशुमान ने लोगों को 500 रुपये महीने से लेकर कुछ लाख रुपये महीने तक की SIP शुरू करने में मदद दी है. अंशुमान कहते हैं, “फिलहाल मैं 80 से ज्यादा लोगों को उनके लक्ष्य पूरे करने में मदद दे रहा हूं और मैं इस नंबर को अधिकतम 100 रखना चाहता हूं.”