राकेश झुनझुनवाला सिर्फ स्टॉक्स खरीदने में ही व्यस्त नहीं हैं बल्कि उनसे रिकॉर्ड कमाई भी कर रहे हैं. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज के शेयर होल्डिंग पैटर्न के मुताबिक जुलाई से सितंबर के बीच, झुनझुनवाला का नाम कंपनी में 1% से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले शेयरधारकों की सूची में नहीं आता है. इसका मतलब है कि उन्होंने कंपनी में हिस्सेदारी या पूरी हिस्सेदारी बेच दी है. जून 2021 क्वार्टर तक झुनझुनवाला के पास 25 लाख शेयर्स या 4.90 फीसदी शेयर थे.
MCX के अलावा, उन्होंने सितंबर को समाप्त तिमाही के दौरान ल्युपिन में भी अपनी हिस्सेदारी बेची है क्योंकि उनका नाम ल्युपिन के शेयर होल्डर पैटर्न में नहीं था. जून 2021 में, शेयर होल्डर पैटर्न में उनके पास कंपनी में 72,45,605 शेयर या 1.6 प्रतिशत हिस्सेदारी थी.
फोर्टिस हेल्थकेयर एक और स्टॉक है जिसमें उन्होंने अपनी हिस्सेदारी घटाई है. जून 2021 की तिमाही में 4.31 प्रतिशत की तुलना में सितंबर 2021 तक उनकी हिस्सेदारी 4.23 प्रतिशत थी. इसके अलावा, अनुभवी निवेशक झुनझुनवाला ने रिटेल कंपनी मंधाना रिटेल वेंचर्स में 5.35 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची क्योंकि उनकी हिस्सेदारी जून तिमाही में 12.74 प्रतिशत से घटकर सितंबर 2021 में समाप्त तिमाही में 7.39 प्रतिशत हो गई.
रियल्टी फर्म टीएआरसी (TARC) एक अन्य कंपनी है जिसमें प्रमुख निवेशक ने अपनी हिस्सेदारी 1.8 प्रतिशत घटा दी है. कंपनी में झुनझुनवाला की हिस्सेदारी जून 2021 की तिमाही के 3.39 फीसदी से घटकर 1.59 फीसदी हो गई है. झुनझुनवाला को भारत के वॉरेन बफे कहा जाता है जिनके पोर्टफोलियो पर बाजार में निवेश करने वाले नजर बनाए रखते हैं.